मोदी सरकार ने जो हालात बना दिए, उससे पूरा देश सड़कों पर उतरा: सीएम गहलोत

कृषि बिल पर फूटा प्रदेश कांग्रेस का गुस्सा, केंद्र सरकार पर किया जोरदार हमला, सीएम गहलोत ने बताए बर्बादी के लक्षण तो सुरजेवाला ने लगाया देशवासियों को बरगलाने का आरोप

Ashok Gehlot Cm Of Rajasthan
Ashok Gehlot Cm Of Rajasthan

Politalks.News/Rajasthan. संसद में पास हुए कृषि बिलों पर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसी कड़ी में आज भारत बंद का आव्हान किया है और पंजाब, हरियाणा व यूपी सहित कई राज्यों में राजमार्ग और रेलमार्ग जाम किया गया है. कांग्रेस भी अपने तरीके से कृषि बिलों का विरोध कर रही है. कृषि बिलों पर विरोध जताने और अपनी प्रतिक्रिया रखने के लिए राजस्थान कांग्रेस ने पीसीसी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, AICC महासचिव रणदीप सुरजेवाला और छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव भी मौजूद रहे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार ने देश में आज जो हालात बना दिए हैं, उसके कारण आज पूरा देश सड़कों पर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से केंद्र में एनडीए सरकार आई है तब से चाहे नोटबंदी हो, जीएसटी या फिर कृषि बिल लाने की बात हो, सभी काम बिना किसी से बात किए लिए जा रहे हैं. जिस तरह के फैसले देश में लिए जा रहे हैं, वो आप जानते हैं. राज्य में जिन कृषि मंडियों को बनने में 40 साल लग गए, उन्हें आप एक झटके में उखाड़ फेंकने का निर्णय कर रहे हैं. बड़े-बड़े व्यापारियों को छूट दे रह हो, जो मर्जी हो, कर सकते हो.

मुख्यमंत्री गहलोत ने बीजेपी सरकार को फासिस्ट सोच वाला बताते हुए कहा कि इनका डेमोक्रेसी में विश्वास नहीं है इसलिए तमाम काम वो कर रहे हैं जिससे कि ध्यान डायवर्ट हो. सीएम ने कहा कि आज बॉर्डर पर चाइना की स्थिति खराब है, इकोनॉमिक स्लोडाउन है, देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन में बर्बाद हो गई, जीएसटी की भरपाई भी राज्यों पर डाल दी. जो केंद्र सरकार राज्य सरकारों से वादाखिलाफी कर सकती है, वो सरकार कैसे कह रही है कि हम किसानों के सा​थ हैं.

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सीएम गहलोत ने कहा कि किसान समझदार है. वो समझ सकता है कि उसका हित किस रूप में सुरक्षित है. अब सरकार डिफेंस में आते हुए एमएसपी की बात कर रही है. हालात बड़े गंभीर हैं. जिस तरीके से तीनों बिल संसद में पास कराए गए, वो शर्मनाक है. सदन में बात नहीं की, रिविजन नहीं किया गया, इसलिए हमारे नेताओं ने राष्ट्रपति से भी बात की. मुख्यमंत्री ने सभी तीनों कृषि बिलों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि किसान और व्यापारी में विवाद होता है तो अभी किसान मंडी में सुलझ जाता है. अब अगर विवाद होगा तो एसडीएम के पास जाना पड़ेगा. मंडियां समाप्त हो जाएंगी. अभी बहुत बड़ी बर्बादी के लक्षण दिख रहे हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी संबोधित किया और पत्रकारों के जवाब दिए. सुरजेवाला ने कृषि बिलों को काला कानून बताते हुए कहा कि संसद में अन्नदाता के नुमाइंदों का गला घोंटा जा रहा है और सड़कों पर किसान व मजदूरों को बेरहमी से पीटा जा रहा है. देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेत में मोदी ने हमला बोल रखा है. कांग्रेस प्रवक्ता ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान विरोधी ये एजेंडा मोदी सरकार ने 2006 में बिहार से शुरू किया था. वहां किसान बरबाद हो गया और अब इन तीन काले कानून के माध्यम से यहां ले आए हैं.

भारत बंद का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि आज पूरे देश में किसान और खेत मजदूर ने भारत बंद का ऐलान किया गया है. कांग्रेस पार्टी इस बंद में किसान के साथ खड़ी है. सुरजेवाला ने कहा, ‘भाजपा हरित क्रांति को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं. मोदी कसम किसानों की खाते हैं, वहीं फायदा चंद व्यापारी दोस्तों को दिलवाते हैं. किसान और खेत मजदूर के भविष्य को रौंद कर मोदी ने बरबादी और बदहाली की गाथा इन तीन काले कानून के जरिए लिख दी है. ये किसान और खेत के खिलाफ घिनौना षडयंत्र है. आज देश में 62 करोड़ किसान और खेत मजदूर इन काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं. मोदी पूरे देश को बरगला रहे हैं.’

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अपने संबोधन में सुरजेवाला ने देश में हरित क्रांति के तीन आधार बताए. पहला: सरकारी फसल खरीद प्रणाली- यानी 23 फसलों को सरकार खरीदने के लिए बाध्य है. दूसरा: एमएसपी- जो 23 फसलों को डिक्लेयर किया जाता है. तीसरा: गरीब की राशन की दुकान- जो किसान से फसल खरीदेंगे, वो सस्ते दामों पर गरीब को दिया जाएगी. सुरजेवाला ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अकेले खेत मजदूर और मंडी पर हमला नहीं बोला, प्रधानमंत्री ने इनके साथ राशन की दुकान और सस्ते अनाज पर भी हमला बोला है.

इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की अगुवाई करते हुए पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने कहा कि किसान विरोधी बिल के माध्यम से भाजपा सरकार किसानों का हक छीनकर निजी कंपनियों को देना चाहती है. मोदी सरकार अपने इस मंसूबे में कभी कामयाब नहीं होगी. हम देश के किसानों के साथ उनकी इस लड़ाई में साथ खड़े हैं.

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