प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों पर लग सकती है रोक, निर्वाचन आयोग ने पत्र लिखकर जताई आपत्ति

निर्वाचन आयोग का कहना कि प्रदेश में 3848 ग्राम पंचायतों के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित हो चुका हैं, ऐसे में राज्य सरकार बिना आयोग की अनुमति के तबादलों से रोक नहीं हटा सकती

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Politalks.News/Rajasthan. राज्य निर्वाचन आयोग ने रोक हटाने कि राज्य सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई है. प्रदेश में जारी ग्राम पंचायतों के बीच तबादलों पर से रोक हटाने को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है. राज्य सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक के लिए सभी विभागों के तबादलों पर रोक हटाई थी. निर्वाचन आयोग का कहना कि प्रदेश में 3848 ग्राम पंचायतों के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित हो चुका हैं, ऐसे में राज्य सरकार बिना आयोग की अनुमति के तबादलों से रोक नहीं हटा सकती. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों पर एक बार फिर रोक लग सकती है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. इससे पहले अभी हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग ने 44 जिला आबकारी अधिकारियों के तबादले पर भी रोक लगा दी थी. आयोग का अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने इन अधिकारियों के तबादले के संबंध में कोई विचार-विमर्श नहीं किया. ऐसे में तबादले अस्वीकार्य है. वहीं आयोग ने दो आरएस अफसरों के तबादलों पर भी रोक लगा दी थी.

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निर्वाचन आयुक्त मेहरा के सरकार को लिखे तबादलों पर रोक सम्बन्धी पत्र के बाद सरकार के प्रशासनिक तंत्र में जबरदस्त हलचल मच गई है. सम्भावना है कि कि उच्च स्तर पर विचार विमर्श के बाद मुख्य सचिव निर्वाचन आयोग को पत्र का जवाब देंगे. राज्य सरकार आयोग से छूट देने के लिए अनुरोध कर सकती है. ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर निर्वाचन आयोग सरकार के जवाब से संतुष्ट हो जाता है तो कुछ दिशा निर्देशों के साथ तबादलों पर रोक नहीं लगेगी.

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