Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में महज 5 से 6 महीनों का समय शेष है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत के साथ तैयारियों में जुट गई है. यूपी चुनाव के मद्देनजर दो दिन तक बीजेपी का दिल्ली में महामंथन हुआ. बीते दो दिन दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में हुई बैठक में सूबे के सभी सांसदों से फीडबैक लिया गया. बुधवार को शुरू हुई इस बैठक का आज समापन हो गया. बुधवार को सूबे के 39 सांसदों ने जेपी नड्डा के सामने फीडबैक दिया तो वहीं आज अंतिम दिन 44 सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस बैठक में मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि बीजेपी की इस बैठक में मिशन 2022 को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है कि किस तरह चुनावी फतह हासिल की जाए.
आपको बता दें, अगले साल 2022 की शुरुआत में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अपने सभी सांसदों को सक्रिय करने की रूपरेखा बना रही है. इसे लेकर ही दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यूपी के ब्रज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के सांसदों के साथ बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी शामिल हुए.
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चुनाव से पहले बीजेपी निकालेगी जन आशीर्वाद यात्रा
यूपी चुनाव के तहत बुलाई गई इस बैठक में बीजेपी सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र जाकर योगी सरकार की उपलब्धियों से जनता को अवगत कराने की बात कही गई है. यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुलाई गई इस बैठक में सभी सांसदों से ये साफ़ तौर पर कहा गया है कि वे सभी संसद का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद यूपी का दौरा कर पुरे यूपी में जन आशीर्वाद यात्रा निकालें. सूत्रों के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि बीजेपी सांसदों द्वारा यूपी में 16, 17 और 18 अगस्त को आशीर्वाद यात्रा निकाली जायेगी.
मोदी मंत्रिमंडल विस्तार से निकला यूपी चुनाव का सार
बीजेपी द्वारा बुलाई गई बैठक से यह भी सार निकल कर आ रहा है कि हाल ही में हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान सांसदों को जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के आधार पर जगह दी गई है. अब उसी का सन्देश भाजपा सांसदों द्वारा जनता तक पहुंचाया जाएगा. ये सभी सांसद गांव-गांव जा कर केंद्र और योगी की डबल इंजन वाली सरकार की उपलब्धियां बताएंगे. साथ ही कोरोना काल में सरकार के द्वारा किए गए कामों के बारे में जनता को अवगत कराएंगे.
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बगावत का हल निकालेंगे सांसद
विधानसभा चुनाव को लेकर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार बीजेपी कई पुराने विधायकों के टिकट काटने जा रही है. अगर ऐसा होता है तो जिन विधायकों का टिकट कटेगा उस क्षेत्र में बगावत होना निश्चित है. ऐसे में दिल्ली में बुलाई गई बैठक में सांसदों को ऐसी स्थिति का शांतिपूर्वक हल निकालने के निर्देश भी दिए गए हैं.
योगी ने फूंकी कार्यकर्ताओं में जान
वहीं पार्टी मीटिंग में शामिल होने के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरूवार सुबह बागपत पहुंचे जहाँ उन्होंने पार्टी विधायकों एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान योगी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव की तैयारियों में युद्धस्तर पर जुट जाएं और सरकार के अच्छे कामों को लेकर जनता के बीच जाएं. अपने इस कार्यक्रम के समापन के बाद योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे और सांसदों की बैठक में भाग लिया. बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की.
अन्न महोत्सव में जुड़ें सभी सांसद
बैठक में सभी सांसदों को आगामी 5 अगस्त को होने वाले अन्न महोत्सव से जुड़ने के लिए भी कहा गया है. यूपी के 80 हजार राशन विक्रेताओं से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे. इस दौरान करीब 1 करोड़ लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार इस कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में करीब 15 करोड़ लोगों को जो मुफ्त राशन दिया है, इसके बारें में जानकारी देगी, साथ ही इससे नए परिवारों को भी जोड़ा जाएगा.
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बैठक में सामने आई सांसदों की नाराजगी
वहीं यूपी सांसदों की इस बैठक से कई सांसदों की नाराजगी भी सामने आई है. सूत्रों का कहना है कि बैठक में केवल और केवल बीजेपी आलाकमान की और से निर्देश दिए गए. बैठक में किसी भी सांसद से उनके संसदीय क्षेत्र की समस्याओं के बारे में नहीं पूछा गया. यहां तक कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के सांसद तो इस बात से नाराज नजर आ रहे थे कि किसान आंदोलन और उसके बाद की स्थिति पर कोई मंथन नहीं हुआ. कई सांसदों को अफसरशाही से नाराजगी है. उन्हें लगता था कि बैठक में कार्यकर्ताओं, पार्टी पदाधिकारियों और सांसदों द्वारा अधिकारियों से नाराजगी पर चर्चा होगी, लेकिन बैठक में पूरी तरह से वन वे कम्यूनिकेशन रहा, जिसमें बड़े नेताओं ने सिर्फ निर्देश दिए.
किसान आंदोलन बना बड़ी चुनौती
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत है. ऐसे में किसान आंदोलन को देखते हुए यूपी विधानसभा चुनाव फतह करना बीजेपी के लिए चुनौती बना हुआ है. किसान नेता राकेश टिकैत और किसान आंदोलन के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. ऐसे में कई सांसदों ने ये भी आस लगा रखी थी कि इस बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी लेकिन आलाकमान की और से केवल वन-वे संवाद ही किया गया.