‘योगी बैठ्या है बक्कल तार दिया करे’, BJP के ट्वीट पर भड़का विपक्ष- ‘समय बताएगा किसके उतरते बक्कल’

किसानों के दिल्ली के बाद लखनऊ घेरने के ऐलान पर बीजेपी का ट्वीट विवादों में, सोशल मीडिया पर यूजर्स के निशाने पर ट्वीट, यूजर्स ने बताया किसानों का अपमान, विपक्ष ने भी घेरा, कांग्रेस बोली-बक्कल किसके उतरते हैं ये तो समय बताएगा

BJP के ट्वीट पर भड़का विपक्ष
BJP के ट्वीट पर भड़का विपक्ष

Politalks.News/Uttarpardesh. तीन कृषि कानूनों और एमएसपी की गारंटी को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले 9 महीने से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जारी है. अब किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली की तरह लखनऊ को घेरने का ऐलान किया है. पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने लखनऊ को घेरने की बात कही थी. अब राकेश टिकैत के बयान पर उत्तर प्रदेश बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक कार्टून शेयर किया है, लेकिन बीजेपी के इस कार्टून पर पर अब बवाल हो रहा है.

उत्तरप्रदेश बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ‘ओ भाई जरा संभल कर जइयो लखनऊ में…’ हेडिंग से शेयर किए गए इस कार्टून में राकेश टिकैत जैसी छवि के व्यक्ति को दिखाया गया है, जिसके कंधे पर किसान आंदोलन का भार है. उनसे ‘बाहुबली’ लिखा शख्स कहता है- सुना लखनऊ जा रहे तुम.. किमें पंगा न लिए भाई.. योगी बैठ्या है बक्कल तार दिया करे और पोस्टर भी लगवा दिया करे.

क्या बोले थे किसान नेता राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने लखनऊ को भी दिल्ली बनाने की चेतावनी दी थी. लखनऊ में सोमवार को पत्रकार वार्ता में टिकैत ने कहा था कि ‘अगर बात नहीं बनी तो दिल्ली की तरह ही देश के किसान लखनऊ की सीमाओं को सील करेंगे. दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन के आठ महीने पूरे हो गए हैं लेकिन न तो किसान विरोधी कानून को रद्द किया गया और न ही एमएसपी के कानूनी गारंटी को लागू किया गया. ऐसे में मोर्चा ने अब मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नाम से आंदोलन शुरू करने का निर्णय किया है. यह आंदोलन पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत के तत्काल बाद शुरू हो जाएगा. इसके बाद सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और रैलियां निकाली जाएगी. जिसमें तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के साथ प्रदेश के किसानों के स्थानीय मुद्दे को भी उठाया जाएगा.

अब ट्वीट पर सोशल मीडिया पर बवाल
अब उत्तरप्रदेश बीजेपी के इस कार्टून पर जबरदस्त बवाल हो रहा है. एक सोशल मीडिया पर लिखा- ‘आपका क्या मतलब है, एक किसान लखनऊ या यूपी में विरोध नहीं कर सकता, आप लोग विरोध करने के लिए एक व्यक्ति का अधिकार लेने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि आप जानते हैं कि किसान बिल किसानों के पक्ष में नहीं है, ये किसान बिल सिर्फ निजी संगठनों के लिए मुनाफा कमाने के लिए हैं.’

Patanjali ads

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड-कर्नाटक के बाद थमा BJP का ‘परिवर्तन रथ’!, टला चौहान-खट्टर सहित क्षत्रपों का संकट

बीजेपी समर्थकों ने कहा- ‘गुंडई करने वालों का नहीं स्थान’
यूपी बीजेपी के इस ट्वीट पर जबरदस्त बवाल हो रहा है. कई लोग इसे किसान विरोधी मानसिकता कह रहे हैं तो कई लोग इसकी तारीफ कर रहे हैं. तारीफ करने वालों का कहना है कि यूपी में योगीराज है, उत्तर प्रदेश में अराजकता फैलाने वाले और लोगों को भड़का के गुंडई करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है.

बवाल के बाद बचाव की मुद्रा में आई बीजेपी !
यूपी बीजेपी के ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट पर बवाल बढ़ता जा रहा है. हालांकि उत्तरप्रदेश बीजेपी बचाव की मुद्रा में आ गई है. भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की अपनी अलग ही दलील है. उनका कहना है कि यूपी में अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, यहां योगी सरकार है, CAA प्रदर्शन की आड़ में अराजकता फैलाने वालों का क्या हश्र हुआ, ये सबके सामने है. हुडदंग करने वालों के पोस्टर लगाए गए थे और जुर्माना भी वसूला गया था.

यह भी पढ़ें: ‘गुरु’ येदियुरप्पा ने ‘चेले’ बोम्मई को दी अपनी गद्दी, BJP के दांव से ‘येद्दि, लिंगायत और संघ’ राजी

समाजवादियों के निशाने पर ट्वीट
इधर, समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह साजन ने कहा कि बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल से फोटो ट्वीट कर अपनी मानसिकता दर्शा दी है कि किसान नेता का किस तरीके से बाल पकड़कर खींच रहे हैं और उनकी टोपी गिर रही है, यह वही बीजेपी है जो किसानों को खालिस्तानी, पाकिस्तानी और मवाली बोलती है, यह किसानों का घोर अपमान है.

कांग्रेस ने कहा- ‘पता चलेगा कौन किसका उतारता है बक्कल’
इस उत्तरप्रदेश बीजेपी के इस ट्वीट पर कांग्रेस भी हमलावर है. पार्टी के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि, ‘भारतीय जनता पार्टी किसानों के मुद्दे पर पूरी तरीके से बेशर्मी से उतर आई है, देखिए यह लोग किस तरीके से ट्वीट कर रहे हैं, कभी किसानों को बवाली कहते हैं, कभी पाकिस्तानी, कभी अफगानिस्तानी तो कभी खालिस्तानी कहते हैं, ये नहीं कि किसानों के मुद्दों को सुलझाएं, इस बार बीजेपी वाले गांव में जाएं तो पता चलेगा कि कौन किसका बक्कल उतारता है’.

यह भी पढ़े: यूपी में कांग्रेस के लिए दोहरी मुश्किल, होता दिख रहा सूपड़ा साफ, अस्तित्व बचाएं या प्रियंका की साख!

दरअसल किसान नेता ने दावा किया कि आठ महीने का यह आंदोलन किसानों के आत्म सम्मान और एकता का प्रतीक बन गया है. किसान नेता इस आंदोलन को और तेज, सघन और असरदार बनाने के लिए कवायद तेज कर रहे हैं. किसान आंदोलन के अगले पड़ाव के रूप में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पड़ाव और धरना प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं. दोनों ही राज्यों में चुनाव होने हैं. किसान अब इन दोनों प्रदेशों के किसानों के साथ मिलकर आन्दोलन को तेज करेंगे

Leave a Reply