Politalks.News/PadmaAwards. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मोदी सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया. मोदी सरकार ने चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान, 17 को पद्म भूषण सम्मान और 107 हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया है. इनमें सबसे ज्यादा सियासी चर्चा कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और CPI (M) नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म सम्मान दिए जाने को लेकर हो रही है. मोदी सरकार के ऐलान के साथ ही कांग्रेस की अंदरुनी सियासत एक बार फिर गरमा गई है. गुलाम नबी आजाद को पद्म सम्मान दिए जाने पर पहले से बिखरी कांग्रेस में विवाद बढ़ता दिख रहा है. वहीं मशहूर प्लेबैक सिंगर संध्या मुखर्जी ने पद्म श्री पुरस्कार लेने से तो बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी पद्म भूषण सम्मान स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है.
वहीं जहां एक और दिग्गज कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद पर जोरदार तंज किया है तो वहीं पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है. इसके साथ ही सिब्बल ने अपनी ही पार्टी कांग्रेस पर निशाना भी साधा. वहीं पांचों चुनावी राज्यों की बड़ी हस्तियों को पद्म पुरस्कारों की घोषणा और कांग्रेस की अंदरूनी सियासत को हिलाने के चलते सियासी जानकार इसे पीएम मोदी की सियासी सर्जिकल स्ट्राइक भी बता रहे हैं. वहीं इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के G-23 के नेताओं के बयान सियासी भूचाल आने का संकेत दे रहे हैं. आपको बता दें कि कुछ ही दिन पहले ये अफवाहें उड़ी थी कि गुलाम नबी कांग्रेस से आजाद हो सकते हैं. इसके लिए आजाद की जम्मू और कश्मीर में की गई कई रैलियां कारण बनी थीं.
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अब एक बार फिर मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद को पद्म पुरस्कार की घोषणा के साथ कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति गरमा गई है. पुरुस्कार के ऐलान के बाद एक ट्वीट करते हुए कपिल सिब्बल ने लिखा कि, ‘गुलाम नबी आजाद को पदम भूषण मिला है, बधाई हो भाईजान. विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है और कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है‘. आपको बता दें कि कांग्रेस के G-23 के अगुवाई नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ही माने जाते हैं.
वहीं दूसरी तरफ मशहूर प्लेबैक सिंगर संध्या मुखर्जी ने मोदी सरकार द्वारा दिए जा रहे पद्म श्री पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और CPI (M) नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी पद्म भूषण सम्मान स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है. पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव के फैसले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पार्टी में अपने सहयोगी गुलाम आजाद पर निशाना साधा. बुद्धदेव की तरफ से पद्म भूषण ठुकराए जाने की जानकारी को रीट्वीट करते हुए जयराम रमेश ने लिखा कि, ‘सही कदम उठाया, वो आजाद रहना चाहते हैं, न कि गुलाम‘. जयराम रमेश के इस ट्वीट को गुलाम नबी आजाद पर तंज माना जा रहा है.
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गुलाम के ट्विटर बायो से कांग्रेस का नाम हटाए की अफवाह
वहीं इस पद्म पुरस्कार के ऐलान को लेकर मचे घमासान के बीच मंगलवार देर रात कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के ट्विटर बायो से कांग्रेस का नाम हटाए जाने की अफवाह तेजी से फैलने लगी. इस पर खुद गुलाम नबी को सफाई देते हुए ट्वीट करना पड़ा कि, ‘मेरे प्रोफाइल से कुछ भी जोड़ा या हटाया नहीं गया है, ये पहले जैसा ही है. कुछ लोग भ्रम पैदा करने के लिए ऐसी खबरें फैला रहे हैं.
आपको बता दें, पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य और कांग्रेसी दिग्गज गुलाम नबी आजाद को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में योगदान के लिए यह पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया है. हालांकि, आजाद की तरफ से इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. पद्म भूषण पुरस्कार के लिए पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद सहित 17 लोगों के नाम का ऐलान किया गया था. आपको यह भी बता दें कि, ‘साल 2008 के बाद पद्म पुरस्कार पाने वाले गुलाम नबी आजाद दूसरे कांग्रेसी नेता हैं. इससे पहले 2008 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पद्म विभूषण से नवाजा गया था. उस दौरान वे यूपीए सरकार में मंत्री भी थे. प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न सम्मान भी दिया गया.
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सबसे अहम बात जो है वो यह कि मोदी सरकार द्वारा की गई पद्म पुरस्कारों की घोषणा को पांच राज्यों में होने वाले चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है. इस बार उत्तरप्रदेश की 13, उत्तराखंड की 4, पंजाब की 4, गोवा की 2 और मणिपुर की 3 हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है. वहीं दूसरी तरफ पद्म पुरुस्कार के एलान के साथ ही कांग्रेस के शांत पड़े असंतुष्ट धड़े G-23 में फिर से हलचल मच गई है. ऐसे में अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि, ‘मोदी सरकार ने पद्म पुरुस्कारों की घोषणा करके बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है. वहीं जिस तरह से कांग्रेसी दिग्गजों में बयानबाजी का दौर शुरू हुआ है इससे जल्द ही बड़ा राजनीतिक भूचाल आना तय माना जा रहा है.