Politalks.News/RRB_NTPCExam. रेलवे भर्ती बोर्ड की आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 (RRB_NTPC Exam) परिणाम के विरोध में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बिहार और यूपी के कई हिस्सों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसमें कई जगह पुलिस और छात्र दोनों के बीच झड़प भी देखने को मिली. छात्रों के विरोध प्रदर्शन की घटनाओं को देखते हुए रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा रोक दी गई है. साथ ही रेलवे ने धांधली के आरोपों को लेकर जांच के लिए एक समिति बनाई है, लेकिन फिर भी छात्रों का हंगामा जारी है. अब इस पुरे मामले को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए छात्रों को रिहा करने की मांग की है.
आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. परीक्षा को लेकर बिहार में शुरू हुआ ये हंगामा अब चुनावी राज्य उत्तरप्रदेश भी पहुंच गया. उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में भी विभिन्न छात्रों ने हंगामा किया जिसके बाद पुलिस हंगामा करने वाले छात्रों की तलाश में हॉस्टल पहुंच गई और उन्हें एक एक करके कमरों से बाहर निकाला. इस दौरान पुलिस बल प्रयोग भी किया गया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद अब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी बीजेपी पर हमलावर हो गई है.
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‘अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है’- राहुल
कांग्रेस के के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया. राहुल गांधी ने लिखा, ‘अपने हक़ का रोज़गार माँगने के लिए डबल-इंजन सरकार ने किया डबल अत्याचार. मेरा भारत ऐसा नहीं था!’ अपने एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा कि, ‘अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है!’
‘युवाओं पर दमन की जितनी निंदा की जाए, कम है’- प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘रेलवे एनटीपीसी व ग्रुप डी परीक्षा से जुड़े युवाओं पर दमन की जितनी निंदा की जाए, कम है. सरकार तुरंत दोनों परीक्षाओं से जुड़े युवाओं से बात करके उनकी समस्याओं का हल निकाले. छात्रों के हॉस्टलों में घुसकर तोड़-फोड़ और सर्च की कार्रवाई पर रोक लगाए. गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए. विरोध प्रदर्शन करने के चलते उनको नौकरी से प्रतिबंधित करने वाला आदेश वापस लिया जाए. प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं से मेरी अपील है कि सत्याग्रह में बहुत ताकत होती है. शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के मार्ग पर चलते रहिए.’
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‘पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार… शर्मनाक’- अखिलेश
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस पुरे मसले पर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि, इलाहाबाद में अपने रोज़गार के लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करने वाले बेगुनाह छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार… शर्मनाक एवं घोर निंदनीय है. भाजपा सरकार में छात्रों के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, वो भाजपा के ऐतिहासिक पतन का कारण बनेगा. सपा संघर्षशील छात्रों के साथ है!’
रेल मंत्री ने छात्रों से की अपील
वहीं इस पुरे मामले को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज प्रेसवार्ता कर प्रदर्शनकारी छात्रों से कानून को हाथ में ना लेने की अपील की। पत्रकार वार्ता के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि, ‘इतनी बड़ी संख्या में परिक्षार्थी हों तो एक बार में परीक्षा लेना कठिन है, इस वजह से दो लेवल किया गया था. फिर भी हम अब इस पर विचार कर रहे हैं. मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें. आपकी जो शिकायतें और बिंदू अब तक उभर कर आए हैं उन सबको हम गंभीरता से देखेंगे. कोई भी छात्र कानून को हाथ में न ले.
क्या है पूरा मामला
रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में उत्तरप्रदेश और बिहार के छात्रों में आक्रोश व्याप्त है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का दवा है कि, ‘2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था. अधिकारि देश और प्रदेश के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.’ 15 जनवरी को परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है. उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था. सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी.