सब कुछ मंजूर, लेकिन सड़कों की क्वालिटी में समझौता नहीं मंजूर- अधिकरियों को गहलोत की दो टूक

सीएम आवास से 3324 करोड़ की 113 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण के वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की खस्ता सड़कों के हाल पर अधिकारियों को निशाने पर लिया, सरकार के स्तर पर जब धन की कमी नहीं, तो फिर सड़कों की ऐसी स्थिति क्यों है? 20 अक्टूबर तक सड़कें ठीक करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सीएम गहलोत ने तीखे स्वर में कहा कि 21 अक्टूबर को मीटिंग के दौरान कोई काम बाकी नहीं रहना चाहिए, गड्ढों की वजह से कार में नींद खुल जाए तो समझ लो गुजरात आ गया

सब कुछ मंजूर, लेकिन सड़कों की क्वालिटी में समझौता नहीं मंजूर सीएम गहलोत
सब कुछ मंजूर, लेकिन सड़कों की क्वालिटी में समझौता नहीं मंजूर सीएम गहलोत

Politalks.News/Rajasthan/Gehlot. बीते तीन दिन गृहनगर जोधपुर के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शहर की टूटी-फूटी सड़कों को लेकर सार्वजनिक रूप से अधिकारियों को लगाई गई लताड़ ने काफी सियासी सुर्खियां बटोरीं थीं. इसी कड़ी में आज गुरुवार को सीएम आवास से 3324 करोड़ की 113 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण के वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान भी मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश की खस्ता सड़कों के हाल पर अधिकारियों को निशाने पर लिया. सीएम गहलोत ने सड़कों की खराब स्थति के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया और दो टूक शब्दों में कह दिया कि सरकार के स्तर पर जब धन की कमी नहीं, तो फिर सड़कों की ऐसी स्थिति क्यों है? सीएम गहलोत ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि सब कुछ मंजूर है, लेकिन सड़कों की क्वालिटी में समझौता मंजूर नहीं. वहीं 20 अक्टूबर तक सड़कें ठीक करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सीएम गहलोत ने तीखे स्वर में कहा कि 21 अक्टूबर को मीटिंग के दौरान कोई काम बाकी नहीं रहना चाहिए.

लोकार्पण कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश में सड़कों का काम तय समय पर हो. प्रदेश के हर गांव, ढाणी को सड़क से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है. आज प्रदेश में शानदार नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे बन रहे हैं. जो सड़कें बनी हुई हैं उसका मेंटेनेंस भी समय पर हो रहा. सीएम गहलोत ने कहा कि सही गुणवत्ता की सड़कों से सड़क हादसों में कमी आती है. सड़क निर्माण में विदेशी तकनीक का भी सहयोग लिया जा रहा है. नेशनल हाईवे का काम शानदार हो रहा है. केंद्र और राज्य के आपसी सहयोग से काम हो रहा है. सड़कों के सुदृढ़ीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है. बारिश के कारण सड़कें टूट-फूट जाती हैं. जिसके चलते अब नई टेक्नोलॉजी को काम में लेने का फैसला किया गया है.
पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना:
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ सालों में सड़कों की स्थति बेहतर हुई है. पहले कहा जाता था कि अगर गड्ढों की वजह से कार में नींद खुल जाए तो समझ लो की राजस्थान आ गया. लेकिन अब स्थिति अलग है. इस दौरान सीएम गहलोत ने बताया कि मैं पिछले दिनों गुजरात गया तब गुजरात के लोगों ने उलटी बात कही. उन्होंने कहा कि अब अगर नींद खुल जाए तो समझ लो गुजरात आ गया है. ये हालत है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य कीे. सूरत से बड़ोदा की मुख्य सड़कों के हाल भी खराब हैं. जबकि राजस्थान की पिछले सालों में स्थिति सुधरी है.

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अधिकारियों को रहना है तो अच्छे से काम करें: कार्यक्रम के दौरान शहरों की सड़कों के खस्ता हाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरी नाराजगी जताई. सीएम गहलोत ने कहा कि जोधपुर की सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं. कल मुझे अधिकारियों को दो टूक कहना पड़ा कि जोधपुर में रहना है तो अच्छे से काम करो. ये स्थिति जोधपुर की ही नहीं, अन्य जगहों की भी है. जब धन की कमी नहीं, फिर ऐसी स्थिति क्यों है? सीएम गहलोत ने अधिकारियों को फील्ड में दौरे करने के निर्देश दिए. साथ ही JEN और AEN के पद को समाप्त करने पर भी आश्चर्य जताया. गहलोत ने कहा कि पता नहीं क्यों JEN और AEN के पद समाप्त किए गए? अब JEN और AEN के पदों की भर्ती की जा रही. मुझे नहीं पता कि यह फैसला हमारे समय हुआ या BJP के समय, लेकिन अब आप लोग फिर से गाड़ी को पटरी पर लाएं.

अधिकारी जब ठेकेदार का पार्टनर बन जाता है: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि सब कुछ मंजूर है, लेकिन सड़कों की क्वालिटी में समझौता मंजूर नहीं. चीफ इंजीनियर से ठेकेदार डरते हैं कि कब बिल रुक जाएगा. आजकल कई XEN तो ठेकेदार के पार्टनर बन जाते हैं. ऐसे में ठेकेदार क्वालिटी में समझौता करता है. ठेकेदार के साथ अधिकारियों की पार्टनरशिप से ही सड़कों की क्वालिटी खराब होती है. सीएम ने इसके लिए प्रमुख अफसरों को जिम्मेदार ठहराया. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कार्रवाई के लिए आप चाहे APO करें, सस्पेंड करें, कुछ भी करें. ठेका देते समय तो पाबंद किए जाते हैं. लेकिन उसके बाद ध्यान नहीं दिया जाता. ठेकेदार सड़कों को रिपेयर नहीं करता. ऐसे में जनता को तकलीफ होती है. गहलोत ने कहा कि ऐसे में मॉनिटरिंग करने का काम कौन करेगा? आपको खुद से पूछना चाहिए कि आप जनता के हित में काम कर रहे हैं या नहीं?

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मैं भी ठेकेदार परिवार से आता हूं: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को कहा कि हम सड़क दुर्घटना के मामले में सिर्फ सप्ताह मना कर रह जाते हैं. मानसून में अच्छी बारिश हुई, फसल भी अच्छी हुई है, लेकिन इसी अच्छी बारिश से सड़कें टूट गईं. हमने 20 अक्टूबर तक सड़कें ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने तीखे स्वर में कहा कि 21 अक्टूबर को मीटिंग के दौरान कोई काम बाकी नहीं रहना चाहिए. सीएम ने कहा कि व्यक्ति सरकार में हो या ब्यूरोक्रेसी में, उसे ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभानी चाहिए. गहलोत ने PWD विभाग का महत्व बताते हुए कहा कि मैं जानता हूं PWD विभाग का महत्व क्या है, जिस परिवार से मैं आता हूं, वह परिवार भी ठेकेदार के रूप में ही था.

वहीं ओवरस्पीड और ओवरलोडिंग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ओवरलोडिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है, बावजूद इसके बेशर्म लोग ओवरलोडिंग बंद नहीं कर रहे हैं. यहीं कारण है कि सड़कें टूट रही हैं. इसके साथ सड़क हादसे हो रहे जिससे लोगों की मौत हो जाती है. सीएम गहलोत ने कहा कि खराब सड़क के कारण एक्सीडेंट हो जाते हैं. प्रदेश में 10 हजार लोग एक्सीडेंट में मर जाते हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट लागू करने की प्लानिंग की जा रही है. जिससे ओवर स्पीडिंग की जानकारी ऑटोमेटिक मिल जाती है. ओवरलोडिंग के मामले में भ्रष्टाचार होता है. लालच में माफिया गिरोह बनाकर काम करते हैं. सरकार इनको रोकने के लिए काम कर रही है

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