महाराष्ट्र में इतनी उठा-पटक के बाद भी BJP के लिए जीत नहीं आसान

शाह के बाद अब मोदी और राहुल ने भी बजाया विधानसभा चुनाव का बिगुल, राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रचार, शरद पवार ने विपक्ष को फिर से मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिया, बीजेपी के लिए इतनी आसान नहीं होगी जीत

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election-2019) से पहले इस समय चुनाव प्रचार चरम पर है. भाजपा-शिवसेना की सरकार है. पिछले विधानसभा चुनाव में शिवसेना से गंठबंधन तोड़ने के बाद भाजपा ने अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ा था और शिवसेना से ज्यादा सीटें जीतने के बाद चुनाव बाद हुए गठबंधन में उसे शिवसेना के सहयोग से महाराष्ट्र पहली बार अपना मुख्यमंत्री बनाने का अवसर मिला था. तब नागपुर के युवा नेता देवेन्द्र फड़नवीस मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद पांच साल गुजर चुके हैं और महाराष्ट्र की जनता के सामने देवेन्द्र फड़नवीस के कार्यों का आकलन करने का मौका है.

महाराष्ट्र (Maharashtra) की स्थिति को देखें तो पहले उसकी राजधानी मुंबई देश की आर्थिक राजधानी हुआ करती थी, जिससे महाराष्ट्र आर्थिक विकास के मामले में शीर्ष स्थान पर बना हुआ था. देवेन्द्र फड़नवीस के कार्यकाल में महाराष्ट्र ने आर्थिक विकास के क्षेत्र में शीर्ष स्थान से काफी पिछड़ गया है. महाराष्ट्र के लोगों को यह बात अखर रही है, जिसका विधानसभा चुनाव में भाजपा की संभावनाएं पर विपरीत असर पड़ता दिखाई दे रहा है. इसके मद्देनजर भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में लौटने के भरसक प्रयास कर रही है. जनभावनाओं को भांपते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस भी चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. इस सिलसिले में रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपनी-अपनी पार्टियों के कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने के लिए महाराष्ट्र पहुंचे.

प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने जलगांव में चुनावी आमसभा को संबोधित किया. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे उठाते हुए विपक्ष को चुनौती दी. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और मुस्लिमों की तीन तलाक प्रथा के खिलाफ कानून बनाने के मुद्दे को उन्होंने अपनी सरकार का कीर्तिमान बताया और विपक्षी नेताओं को चुनौती दी कि अगर उनमें साहस है तो वे इन मुद्दों का विरोध करके दिखाए और इन मुद्दों को अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करे. उन्होंने महाराष्ट्र की जनता से देवेन्द्र फड़नवीस को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए भाजपा को वोट देने की अपील की. यह मौजूदा विधानसभा चुनाव के सिलसिले में महाराष्ट्र में मोदी की पहली रैली थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष इन मुद्दों पर राजनीति करने और मगरमच्छ के आंसू बहा रहा है. उन्होंने कांग्रेस और राकांपा का नाम लिए बगैर कहा कि इन मुद्दों विपक्ष के नेताओं के बयान देखें तो वे पड़ोसी देश की जबान बोलते हुए मालूम पड़ते हैं.

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महाराष्ट्र में अपनी पहली आमसभा लातूर जिले में की. लातूर जिले के ओसा में उन्होंने कांग्रेस की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी की पार्टी और उनकी सरकार, दोनों असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि चांद तो ठीक है, लेकिन असली मुद्दों का क्या हुआ? चीन के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान मोदी की उनसे मुलाकात की खबरों पर तंज कसते हुए उन्होंने पूछा कि क्या उन्होंने चीन के राष्ट्रपति से डोकलाम के बारे में बात की? उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मीडिया मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार से रोजगार के बारे में बात करें तो वह चांद की बात करने लगती है. गौरतलब है कि 2017 में डोकलाम में भारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी और कई दिनों तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने डटी हुई थी.

भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कोल्हापुर जिले में भाजपा की रैली में ओजस्वी भाषण दिया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जम्मू-कश्मीर को भारत की मुख्य धारा से जोड़ने में 56 इंच के सीने वाले व्यक्ति जैसा साहस कभी नहीं दिखाया. उन्होंने धारा 370 को निरस्त करने संबंधी सरकार के कदम पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राकांपा नेता शरद पवार की आलोचना की. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक को लेकर भी मोदी सरकार की जमकर तारीफ की. इसके साथ ही तीन तलाक के मुद्दे पर भी सवाल उठाने वालों को निशाने पर लिया. शाह का पूरा भाषण धारा 370 और तीन तलाक के मुद्दों पर केंद्रित रहा. इसके साथ ही उन्होंने अगस्त में कोल्हापुर और सांगली में आई बाढ़ का जिक्र करते हुए उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि केंद्र और राज्य, दोनों सरकारें दोनों जिलों की कायापलट कर देंगी, उन्हें और बेहतर तथा सुंदर बनाएगी.

राकांपा नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने चालीसगांव में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अपने तरीके से भाजपा को घेरने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के युवा सत्तारूढ़ दल को हराने के लिए तैयार हैं. उन्होंने पूछा कि अगर भाजपा को लगता है कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्ष के साथ कोई मुकाबला नहीं है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस इतनी बड़ी संख्या में रैलियों का आयोजन क्यों करवा रहे हैं? उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने पर केंद्री की मोदी सरकार को बधाई दी और सवाल किया कि क्या उनके पास अनुच्छेद 371 निरस्त करने का साहस है?

जामनेर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पवार ने सवाल किया कि अगर उन्हें लगता है कि महाराष्ट्र में लड़ाई नहीं है तो प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र में नौ रैलियां क्यों कर रहे हैं? केंद्रीय गृहमंत्री बीस और मुख्यमंत्री 50 रैलियां क्यों कर रहे हैं? उनकी नींद उड़ गई है क्योंकि महाराष्ट्र के युवा उन लोगों को हराने के लिए तैयार हैं. इसलिए वे महाराष्ट्र में घूम रहे हैं. अमित शाह के इस बयान पर कि उन्होंने (पवार ने) महाराष्ट्र के लिए क्या किया है, पवार ने कहा कि उन्होंने सभी क्षेत्रों में राज्य को नंबर वन बनाने का काम किया है. उन्होंने उद्योगों के विकास के लिए और उसके बाद रोजगार के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, जब मैं मुख्यमंत्री था, तब महाराष्ट्र में 1978 में रोजगार गारंटी योजना लागू की गई थी. जब उन्होंने राज्य का नेतृत्व किया, तब स्थानीय निकाय में महिलाओं को आरक्षण दिया गया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में उनका नाम जोड़ा है, जबकि वह बैंक के सदस्य भी नहीं हैं.

इस तरह महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का माहौल गर्मा गया है. एक तरफ मोदी और शाह भाजपा को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं, देवेन्द्र फड़नवीस भी रात-दिन एक किए हुए हैं. इन नेताओं से अब तक शरद पवार अकेले लोहा ले रहे थे. अब राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने का प्रयास किया है. फड़नवीस का कहना है कि मुकाबले में विपक्ष कहीं नहीं है, भाजपा को महाराष्ट्र की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है. इस पर शरद पवार का कहना है कि जब विपक्ष इतना ही कमजोर है तो प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को इतनी सारी रैलियां महाराष्ट्र में करने की जरूरत क्यों पड़ रही है? उनका दावा है कि इस बार फड़नवीस सरकार जाने वाली है.

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बहरहाल महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव घोषणा और नामांकन का सिलसिला शुरू होने से पहले चले दलबदल और उखाड़-पछाड़ का दौर थमने के बाद अब रोचक मोड़ पर पहुंच गया है. शरद पवार ने विपक्ष को फिर से मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिया है. इसलिए महाराष्ट्र में चुनाव जीतकर फिर से सरकार बनाने का भाजपा का सपना आसानी से पूरा होने की संभावना नहीं रह गई है. विपक्ष अब पूरी ताकत से भाजपा का मुकाबला करने में जुट गया है. अब ये तो 24 अक्टूबर की सुबह ही पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है.

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