राजस्थान के 49 निकायों में अध्यक्ष का चुनाव मंगलवार को, कांग्रेस के दो, BJP का एक अध्यक्ष हो चुका है निर्विरोध निर्वाचित

49 निकायों के 2105 वार्डों के पार्षद करेंगे वोटिंग, 104 प्रत्याशी हैं मैदान में, कांग्रेस ने सभी 49 निकायों में जबकि भाजपा ने 48 निकायों में प्रत्याशी उतारे, 961 वार्ड में कांग्रेस और 737 वार्ड में भाजपा का राज, 23 निकायों में निर्दलीयों की भूमिका अहम

(Local Body President)
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान की 49 निकायों के 2105 वार्ड पार्षदों में (Local Body President) पालिका अध्यक्ष (चेयरमैन), महापौर (मेयर) और सभापति का चुनाव मंगलवार को होना है. ये चुनाव संबंधित निकायों में सुबह दस से अपरान्ह दो बजे तक होंगे. निकायों में निर्वाचित पार्षद इनके लिए मतदान करेंगे. अध्यक्ष पद के लिए 104 उम्मीदवार मैदान में है. प्रदेश की रूपवास, मकराना और निंबाहेड़ा में अध्यक्ष का निर्विरोध निर्वाचन पहले ही हो चुका है. रूपवास में भाजपा की बबीता देवी, निंबाहेड़ा में कांग्रेस के सुभाषचंद्र और मकराना में कांग्रेस की ही समरीन निर्विरोध अध्यक्ष बने हैं.

शनिवार को अध्यक्ष पद (Local Body President) के चुनाव के लिए नाम वापसी का अंतिम दिन था. अब तक कुल 32 उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिए है. इससे पहले 49 निकायों में अध्यक्ष पद के लिए कुल 155 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे. इनमें से 16 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र कमियों के चलते खारिज हो गए. 139 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए जिनमें से 32 ने नाम वापस ले लिए. ऐसे में कुल 46 निकायों के लिए 104 उम्मीदवार मैदान में हैं. 37 निकायों में दो-दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. 9 जगहों पर तीन से चार उम्मीदवार अध्यक्ष के लिए मैदान में हैं. सबसे ज्यादा पांच उम्मीदवार चूरू जिले के राजगढ़ निकाय में है. चार निकायों में पांच प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो निर्वाचित पार्षद नहीं है लेकिन चुनाव लड़ रहे हैं.

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(Local Body President) कांग्रेस ने सभी 49 निकायों में प्रत्याशी उतारे हैं जबकि भाजपा ने 48 निकायों में अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. अधिकांश निकायों में मुकाबला कांग्रेस-भाजपा के बीच होगा. ज्यादा से ज्यादा निकायों में अपना कब्जा जमाने के लिए राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और प्रतिपक्षी भाजपा के बीच जबरदस्त खींचतान देखने को मिल रही है. तोड़फोड़ की आशंका के चलते दोनों दल अपने-अपने पार्षदों की बाडाबंदी में लगे हुए हैं. बाडाबंदी का सिलसिला निकाय चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही चल रहा है. प्रदेश के ​विभिन्न होटलों और रिसोर्ट में इन पार्षदों को ठहराया गया है और 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है.

19 नवंबर को निकाय चुनावों के नतीजे आने के बाद ही कांग्रेस व भाजपा द्वारा एक दूसरे के दल में सेंधमारी के प्रयास किये जा रहे है. निकाय चुनावों में निर्दलीय भी बडी संख्या में चुनाव जीते है ऐसे में सबसे ज्यादा तवज्जो निर्दलिय पाषर्दों को मिल रही है. प्रदेश की 49 निकायों में से 23 निकायों में अध्यक्ष बनाने में निर्दलीय पार्षदों की अहम भूमिका होगी. मतदान के तुरंत बाद मतगणना होगी (Local Body President) और देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है.

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बता दें कि (Local Body President) प्रदेश के कुल 49 निकायों के 2105 वार्डों में 16 नवंबर को हुए चुनावों के नतीजे 19 नवंबर को घोषित हुए. कांग्रेस के 961 वार्डों में जीत दर्ज की. वहीं भाजपा के 737 प्रत्याशियों को विजयश्री हासिल हुई. 16 वार्डों में बसपा, तीन में माकपा और दो में एनसीपी ने कब्जा जमाया. अन्य 386 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की. 49 निकायों में से 20 में कांग्रेस तथा छह में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला.

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