चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या से अधिक मतदान की खबरों की खारिज किया है. चुनाव आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया अस्थायी मतदान प्रतिशत अंतिम संख्या नहीं है, इसलिए मतदान प्रतिशत और वास्तविक मतदाताओं के अलग-अलग होने की बात गलत है.
ECI Press Release on Voter Turnout Data#LokSabhaElections2019 https://t.co/drYqoeCIZl@SpokespersonECI @PIB_India @PIBHindi @MIB_Hindi @MIB_India @PTI_News @DDNewsHindi @DDNational @AkashvaniAIR
— Election Commission of India #SVEEP (@ECISVEEP) June 1, 2019
चुनाव आयोग ने कहा कि अस्थायी मतदान आंकड़ा चुनाव आयोग की वेबसाइट और मतदाता हेल्पलाइन मोबाइल एप पर प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित किया गया, जिन्हें सेक्टर मजिस्ट्रेटों से हासिल संभावित मतदान प्रतिशत के आधार पर चुनाव के दिन रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसरों ने अपलोड किया था. आयोग के मुताबिक इसे वे लोग अपने-अपने क्षेत्र में करीब 10 पीठासीन अधिकारियों से फोन पर या व्यक्तिगत रूप से समय-समय पर प्राप्त करते हैं.
निर्वाचन अधिकारी से मिले दस्तावेजों की जांच के बाद सामान्य मतदाताओं का मतदान प्रतिशत संकलित किया जाता है और उसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है, जो मतदान केंद्रों के अस्थायी मतदान आंकड़ोंं पर आधारित होता है. आयोग के मुताबिक, ये सभी आंकड़ें अस्थायी हैं जो आकलन पर आधारित हैं और आगे चलकर बदल जाते हैं जैसा कि वेबसाइट पर दी गई सूचना से स्पष्ट है. आयोग ने कहा इसलिए डाले गए वोट और गिने गए वोट की संख्या अलग-अलग होने की बात बेबुनियाद है.
आपको बता दें कि ऐसी खबरें आईं थींं कि कई लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिखाए गए मतदान प्रतिशत और मतदाताओं की वास्तविक संख्या से अधिक है. इन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि अंतिम नतीजे पर पहुंचने के लिए दो श्रेणियों के वोटों की गिनती की गई, जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में डाले गए थे और जो सैनिकों एवं अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के डाक मतों से प्राप्त हुए थे.