Politalks.News/Punjab. पंजाब कांग्रेस में कुछ दिनों की खामोशी के बाद मंगलवार का दिन बड़े सियासी उथल-पुथल का रहा है. पंजाब के नव नियुक्त कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिंद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, जिन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, वह दिल्ली पहुंच चुके हैं. कैप्टन का दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन सिद्धू के इस्तीफे के बाद तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद अब कैप्टन ने भी बीजेपी नेताओं से मिलने का इरादा बदल लिया है. बता दें , कैप्टन ने कांग्रेस नेतृत्व पर अपमान करने का भी आरोप लगाया था. आइए आपको बताते हैं पंजाब की राजनीति से जुड़े आज के बड़े घटनाक्रम…
नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू, जो पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्य विरोधियों में से थे और जिन्हें पंजाब पार्टी प्रमुख के रूप में भी नियुक्त किया गया था, सिद्धू ने नियुक्ति के दो महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 18 जुलाई को सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. घटनाक्रम से परिचित लोगों का कहना है किसिद्धू नाखुश थे क्योंकि उन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था. सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा और कहा कि वह ‘पंजाब के भविष्य और कल्याण से समझौता नहीं कर सकते’. सिद्धू चन्नी मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के बंटवारे से नाराज चल रहे थे. सिद्धू सॉलिसिटर जनरल के चयन से भी नाराज थे.
‘कैप्टन’ अमरिंदर का दिल्ली दौरा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिल्ली के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत करने वाले हैं. हालांकिि दिल्ली पहुंचते ही कैप्टन ने कहा दिल्ली में अपने घर जाऊंगा और सामान लेकर पंजाब जाउंगा. मैं किसी से राजनीतिक मुलाकात नहीं कर रहा हूं. ऐसी अटकलें हैं कि कांग्रेस के दिग्गज नेता भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व जेपी नड्डा से भी मिल सकते हैं.
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अमरिंदर बनाम सिद्धू
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में दिल्ली रवाना होने से पहले अपने आलोचक पर निशाना साधा. सिद्धू के अपने पद से इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख की ‘अस्थिर’ प्रकृति के बारे में उन्होंने पहले ही कहा था. कैप्टन ने अपनी दिल्ली यात्रा शुरू करने से पहले एक ट्वीट में कहा, “मैंने पहले ही ऐसा कहा था… वह एक स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए फिट नहीं है’. 18 सितंबर को लंबी तकरार के बाद अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने तब कहा था कि अगर सिद्धू पंजाब के सीएम बनते हैं तो यह देश के लिए खतरा होगा. साथ ही उन्होंने कहा था कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में सिद्धू के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे.
राणा गुरजीत सिंह की वापसी
राणा गुरजीत सिंह की पंजाब कैबिनेट में वापसी से भी सिद्धू भी निराश थे. कपूरथला के विधायक गुरजीत सिंह राणा को कैबिनेट में शामिल करने को लेकर कुछ विवाद था क्योंकि कई कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान को पत्र लिखकर उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं करने के लिए कहा था. राणा गुरजीत सिंह कपूरथला का प्रतिनिधित्व करते हैं और अमरिंदर सरकार में मंत्री थे, लेकिन 2018 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
चन्नी ने किया विभागों का बंटवारा
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार को अपने नए शामिल किए गए मंत्रियों को विभाग सौंपे. अमरिंदर और सिद्धू के कदमों से कुछ घंटे पहले उन्होंने इस लंबित काम को खत्म किया.
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बीजेपी का तंज- ‘स्टूडेंट्स’ के आने से पहले ही चला गया ‘गुरु’
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने तंज किया है वहीं आम आदमी पार्टी ने निशाना साधा है. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि, ‘स्टूडेंट्स’ के आने से पहले ही ‘गुरू’ चला गया. संबित पात्रा का इशारा कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी की तरफ है जो कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं.
आप का वार- सिद्धू हैं दलित विरोधी
आप नेता राघव चड्ढा ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘पंजाब कांग्रेस में पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है. पंजाब के लोग इन स्वार्थी नेताओं से एक स्थिर, प्रगतिशील और समावेशी प्रशासन देने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? जिस राज्य की सीमा पाकिस्तान से 550 किलोमीटर है, उस पर इन लोगों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है?’ वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, ‘इससे यह पता चलता है कि सिद्धू दलित विरोधी हैं, एक गरीब मां के बेटे का मुख्यमंत्री बनना बर्दाश्त नहीं कर सके’.