सरकार की गलत नीतियों के कारण ठगा जा रहा है आम उपभोक्ता और लगातार बढ़ी महंगाई भी- बेनीवाल

तीन वर्षो में घरेलू एलपीजी के मूल्यों में 72 प्रतिशत बढ़ोतरी होने के बावजूद मोदी सरकार इसे अल्प बढ़ोतरी बता रही है, एक तरफ घरेलू गैस की दरें बढ़ी तो दूसरी तरफ सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदत सहायता में भारी कमी आई, जिसके कारण बढ़ी महंगाई ने तोड़ दी आम आदमी की कमर

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Hanuman Beniwal in Loksabha. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार जनहित से जुड़े मुद्दे उठाते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने हाल ही में वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक घरेलू एलपीजी के मूल्यों में हुई 72 प्रतिशत वृद्धि को लेकर लोकसभा में सवाल उठाया था. इस पर गुरुवार को लोकसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल पर पेट्रोलियम एवम प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लिखित में जानकारी देते हुए बताया कि अप्रेल 2020 से लेकर अप्रेल 2022 तक की अवधि के दौरान एलपीजी के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इस अवधि के दौरान हमारे देश में घरेलू एलपीजी के मूल्यों में 72 प्रतिशत वृद्धि हुई. इसके साथ ही सरकार ने ओएमसीज को हुई हानि की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपए का एकबारगी मुआवजा सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया.

वहीं मोदी सरकार के मंत्री ने अपने जवाब में आगे कहा की देश में पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों के मुक्ति जुड़े हुए हैं और देश में एलपीजी के मूल्य एलपीजी के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के लिए बैचमार्क, सऊदी संविदा मूल्य (सीपी) पर आधारित है. यही नहीं केन्द्र सरकार ने सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के जवाब में यह भी बताया की एलपीजी के लिए लाभ का सीधा अंतरण (डीबीटीएल) राज सहायता वर्ष 2019-20 में 22726 करोड़ थी जो वर्ष 2020-21 में घटकर 3658 करोड़ हो गई और वर्ष 2021-22 में मात्र 242 करोड़ रही. केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में आगे कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 2019-20 में 1446 करोड़ ,वर्ष 2020-21 में मात्र 76 करोड़ और 2021-22 में 1569 करोड़ रुपए थी.

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केन्द्र सरकार के जवाब के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की एलपीजी पर उपभोक्ताओं को दी जाने वाली कुल राज सहायता के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2019-20 में जो राशि 24172 करोड़ थी वो 2021-22 में घटकर 1181 करोड़ रह गई जो यह इंगित कर रही है की एक तरफ घरेलू गैस की दरें बढ़ी तो दूसरी तरफ सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदत सहायता में भारी कमी आई, जिसके कारण बढ़ी महंगाई ने तोड़ दी आम आदमी की कमर. इसके साथ ही सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा की तीन वर्षो में घरेलू एलपीजी के मूल्यों में 72 प्रतिशत बढ़ोतरी होने के बावजूद मोदी सरकार इसे अल्प बढ़ोतरी बता रही है, सरकार की गलत नीतियों के कारण आम उपभोक्ता ठगा जा रहा है और ऐसे बढ़ती दरों के कारण महंगाई भी लगातार बढ़ी है.

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