Satish Poonia on Jan Aakrosh Yatra. अगले साल 2023 के अंत मे होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश की गहलोत सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जागरूक अभियान के तहत शुरू की गई भाजपा की जन आक्रोश यात्रा को लेकर गुरुवार को पहले खबर आई कि कोरोना संकट के मद्देनजर जनाक्रोश यात्राओं को स्थगित कर दिया गया है. लेकिन कुछ घंटे बाद ही पार्टी ने फैसले को बदल दिया और शाम को कहा गया कि यात्राएं पहले ही समाप्त हो चुकी हैं अब जन आक्रोश सभाएं यथावत रहेंगी. बीजेपी प्रदेशअध्यक्ष सतीश पूनियां ने ट्वीट कर जानकारी दी कि केंद्र की गाइडलाइन नहीं आने से कुछ असमंजस की स्थिति थी. हालांकि, अब उन्होंने स्पष्ट किया कि जन आक्रोश सभाएं कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए जारी रहेंगी.
आपको बता दें कि गुरुवार शाम को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में स्थिति साफ की. पूनियां ने कहा, ‘जन आक्रोश यात्राएं पहले ही सम्पन्न हो चुकी हैं, अब चूंकि जन आक्रोश सभाएं होनी हैं जो 41 विधानसभा क्षेत्र में संपन्न हो गईं. चूंकि केंद्र व राज्यों का परामर्श अभी जारी नहीं हुआ है, कुछ असमंजस था. असमंजस यात्राओं को स्थगित करने को लेकर था, लेकिन हमारी जो जनसभाएं हैं, मैं निवेदन करना चाह रहा हूं कि वो यथावत रहेंगी. पूनियां ने आगे कहा कि, ‘कुछ संशय था, जो हमारे जिला अध्यक्ष व पार्टी के पदाधिकारी दूर कर लें. हमारी जनाक्रोश सभाएं यथावत रहेंगी. ये जरूरी है कि कोरोना की सावधानी हमें रखनी है, कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना है. इस लिहाज से हमें इन सभाओं को आगे तक इसी तरह जारी रखना है जब तक केंद्र व राज्य की कोई एडवाइजरी जारी नहीं होती.
एक लाख किमी तक चली जन आक्रोश यात्राएं- पूनिया
इस दौरान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि, ‘कांग्रेस पार्टी की राज्य सरकार के कुशासन, जंगलराज और भ्रष्टाचार के विरूद्ध एक दिसंबर से 14 दिसंबर तक बीजेपी की जन आक्रोश यात्राएं संपन्न हुई हैं. इस यात्रा के दौरान हमने दो करोड़ लोगों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क किया है. एक लाख किलोमीटर से भी ज्यादा हम लोग चले हैं और 92 लाख पर्चे बांटे हैं व 14 लाख लोगों की शिकायतों को हमने संकलित किया है. पूनियां ने कहा, ‘इस लिहाज से इन यात्राओं को राज्य सरकार के खिलाफ बड़ी मजबूती से स्थापित किया है.
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दरअसल, बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राजस्थान में चल रही भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ी भीड़ को लेकर सवाल खड़े किए थे. इस दौरान मांडविया ने कांग्रेस से कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने की बात कही थी, जिसके बाद से लगातार कांग्रेसी नेता भी बीजेपी की जन-आक्रोश यात्रा को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे. इस कारण आज किसी गफलत में आकर पहले यात्रा के स्थगित की सूचना गलती से सार्वजनिक हो गई थी. गौरतलब है कि, बीजेपी ने राजस्थान सरकार के चार साल पूरे होने पर जन आक्रोश यात्रा की शुरूआत की थी. इसकी औपचारिक शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक दिसंबर को जयपुर में की. वही, पार्टी ने इस यात्रा के तहत 75,000 किमी की दूरी तय करने और दो करोड़ लोगों से संपर्क करने का लक्ष्य रखा था.