पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के कारण लोगों के काम धंधे बंद है. इसका सीधा प्रभाव लोगों की जेब पर पड रहा है. ऐसे में बहुत से परिवार ऐसे भी हैं जो अब अपने बच्चों की स्कूल फीस जमा कराने में सक्षम नहीं होंगे. इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं करा पाता है तो निजी स्कूल ऐसे विद्यार्थी का नाम नहीं काटें. यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर सकती है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि शिक्षा विभाग इस बात का भी परीक्षण कराए कि निजी स्कूल विद्यार्थियों को फीस एवं अन्य शुल्कों में किस प्रकार राहत दे सकते हैं और साथ ही उन विद्यालयों का संचालन भी प्रभावित नहीं हो.
लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं करा पाता है तो निजी स्कूल ऐसे विद्यार्थी का नाम नहीं काटें। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर सकती है। #Rajasthan
1/ pic.twitter.com/xZy9UTbvAh— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 8, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विडियों कांफ्रेंस के जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयों पर उच्चाधिकारियों और मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि मानवता के समक्ष यह ऐसे संकट का समय है जिसका हम सभी को मिलकर सामना करना है. ऐेसे वक्त में एक-दूसरे का ध्यान रखकर ही हम इस मुश्किल वक्त का मुकाबला कर सकते हैं.
मानवता के समक्ष यह ऐसा संकट है जिसका हम सभी को मिलकर सामना करना है। ऐसे वक्त में एक-दूसरे का ध्यान रखकर ही हम इस मुश्किल वक्त का मुकाबला कर सकते हैं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 8, 2020
सीबीएसई के अनुरूप लेंगे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णय
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाओं को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि फिलहाल ये परीक्षाएं स्थगित रहेंगी. कुछ दिनों बाद सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो. इसी प्रकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में भी परीक्षाओं का आयोजन स्थितियां सामान्य होने पर करवाया जा सकेगा.
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेंगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो।
2/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 8, 2020
यह भी पढ़ें:बेरोजगार हुए श्रमिकों को जलदाय विभाग की योजनाओं में रोजगार देने के निर्देश दिए सीएम गहलोत ने
ग्रीष्मावकाश में मिड-डे मील का हो पारदर्शी वितरण
मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चों को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. सीएम गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है. ऐेसे में अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए.
शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चों को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। ऐसे में अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। #Rajasthan
3/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 8, 2020
सभी भर्तियों में मेरिट एवं काउंसलिंग से होगी प्रथम नियुक्ति
लिपिक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा-2018 के अभ्यर्थियों को जिला एवं विभागों का आवंटन पुनः नई प्रक्रिया से करने के निर्देश देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि सभी विभागों को मेरिट के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराएं. उसके बाद संबंधित विभाग मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर उन्हें जिला आवंटित करे. सीएम गहलोत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि भविष्य में सभी भर्तियों में प्रथम नियुक्ति सभी विभागों द्वारा मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर ही दी जाए.
लिपिक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा-2018 के अभ्यर्थियों को जिला एवं विभागों का आवंटन पुनः नई प्रक्रिया से करने के निर्देश दिए। सभी विभागों को मेरिट के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराएं। #Rajasthan
4/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 8, 2020
यह भी पढ़ें: निवेशकों को उचित माहौल देने के लिए बनेगी टास्क फोर्स, संकट की घड़ी में उद्योगों को देंगे संबल- गहलोत
आरटीई की आय सीमा फिर से ढाई लाख होगी
आरटीआई को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाकर गरीब वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया था. पिछले कुछ वर्षों में इस कानून की भावना के अनुरूप जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया. सीएम गहलोत ने आगे निर्देश देते हुए कहा कि इस कानून की पारदर्शिता के साथ पालना सुनिश्चित करवाई जाए. इसके लिए अभिभावकों की आय सीमा को एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रूपए किया जाए. सीएम गहलोत ने इस बात पर भी जोर दिया कि आरटीई के जरिए बच्चों को बड़े नामी निजी स्कूलों में भी पढ़ने का अवसर मिले.
यूपीए सरकार के समय शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाकर गरीब वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया था। विगत कुछ वर्षों में इस कानून की भावना के अनुरूप जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।
5/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 8, 2020