बंगाल फतह की हैट्रिक के बाद दीदी का दिल्ली कूच, ममता बोलीं- ‘हार नहीं भूल पा रहे मोदी

दीदी के मोदी को फिर कोसा, बोलीं- हार नहीं पचा पा रहे इसलिए नहीं करवा रहे उपचुनाव, बंगाल के बाद दिल्ली पर ममता का दिल्ली कूच का ऐलान, मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के दिग्गजों से मिलकर करेंगी 'गोलबंदी', तंज कसते हुए कहा- अगर समय दिया तो पीएम और राष्ट्रपति से भी करेंगी मुलाकात, NHRC की रिपोर्ट पर दीदी का हमला- 'यूपी की घटनाएं नहीं दिखती इनको'

बंगाल फतह की हैट्रिक के बाद दीदी का दिल्ली कूच
बंगाल फतह की हैट्रिक के बाद दीदी का दिल्ली कूच

Politalks.News/Bungal. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर जमकर भड़ास निकाली है. ममता ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी राज्य में मिली हार नहीं पचा पा रहे हैं. जिसके चलते पीएम मोदी बंगाल को पैसे और वैक्सीन नहीं दे रहे हैं. जो की बंगाल के साथ अन्याय है. केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है’. ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, ‘हमें 14 करोड़ वैक्सीन की जरुरत है. लेकिन हमें उस हिसाब से वैक्सीन नहीं मिल रही है. बंगाल को सिर्फ 2.12 करोड़ वैक्सीन मिली है.हमने खुद से 18 लाख वैक्सीन खुद खरीदी है’. वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन में भेदभाव का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि कुछ राज्यों को ज्यादा वैक्सीन मिल रही है. जबकि कुछ राज्यों को वैक्सीन कम मिल रही है

25 जुलाई को ‘दिल्ली कूच’, दिग्गजों से करेंगी मुलाकात
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बंपर जीत की हैट्रिक लगाने के बाद ममता बनर्जी पहली बार दिल्ली आ रही हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 25 जुलाई को दिल्ली में होंगी. इस दौरान वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शरद पवार समेत तमाम विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगी दरअसल दीदी की निगाहें 2024 के चुनावों पर हैं, ममता ने कहा कि, ‘अगर टाइम दिया गया तो मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मिलूंगी’.

बंगाल में ममता ने किया ‘कमाल’
बीजेपी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और तमाम नेताओं के प्रचार में उतरने के बाद भी ममता बनर्जी की जीत को अहम माना जा रहा है. जीत के बाद वह खुद को बीजेपी के खिलाफ 2024 में बनने वाले विपक्षी मोर्चे के एक बड़े चेहरे के तौर पर देख रही हैं. विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बिहार से आरजेडी, यूपी से समाजवादी पार्टी, महाराष्ट्र से शिवसेना, एनसीपी समेत तमाम राज्यों की पार्टियों ने उनकी तारीफ की थी और उन्हें कद्दावर नेता करार दिया था. इसे भी उनके राष्ट्रीय नेता के तौर पर उभरने से जोड़कर देखा जा रहा है.

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मानसून सेशन के दौरान ‘बदलेगी हवा’
माना जा रहा है कि ममता बनर्जी ऐसे समय दिल्ली आ रही हैं, जब संसद का मॉनसून सेशन भी चल रहा होगा. इस दौरान विपक्ष केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी बना रहा है. ममता बनर्जी यह समय इसीलिए चुना है क्योंकि इस दौरान तमाम विपक्षी नेताओं की दिल्ली में मौजूदगी रहेगी और मुलाकात का शेड्यूल बनाना आसान रहेगा. दिल्ली में ममता बनर्जी ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत कुछ नेताओं से भी मिल सकती हैं. केजरीवाल को ममता बनर्जी अपना अच्छा दोस्त बताती रही हैं.

‘यूपी नहीं दिखता इनको, बंगाल को किया बदनाम’- ममता
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भड़की हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की कमेटी की तरफ से सौंपी गई रिपोर्ट पर ममता ने निशाना साधा है. ममता ने उत्तर प्रदेश का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल किया है. बंगाल सीएम ने कहा प्रधानमंत्री अच्छी तरह जानते हैं कि, ‘यूपी में कानून का राज नहीं है. ऐसी हालत में वहां पर कितने आयोग भेजे जा चुके हैं?’. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, ‘यूपी के हाथरस से लेकर उन्नाव तक कई घटनाएं हो चुकी हैं. हालत ये हैं कि पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया. लेकिन उन्होंने बंगाल को बदनाम किया है. ज्यादातर हिंसा चुनाव से पहले हुई है.’

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‘NHRC को करना चाहिए था न्यायपालिका का सम्मान’
ममता बनर्जी ने कमेटी की रिपोर्ट पर जवाब देते हुए कहा, ‘एनएचआरसी को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और उसे चुनाव बाद हुई हिंसा से संबंधित रिपोर्ट लीक नहीं करनी चाहिए थी, जो केवल उच्च न्यायालय में जमा करने के लिए थी.’

NHRC की रिपोर्ट- बंगाल में ‘शासक का राज’
एनएचआरसी की कमेटी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा पर अपनी तरफ से सौंपी रिपोर्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थिति ‘शासक के राज’ की तरह है, बजाय कि ‘कानून के राज’ के. इसके साथ ही, पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा की जांच के लिए गठित एनएचआरसी की कमेटी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को दी अपनी रिपोर्ट में ‘हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों’ की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की.

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भाजपा के खिलाफ मोर्चे की कवायद तेज
बंगाल में भाजपा को सत्ता से दूर रखकर ममता ने विपक्षी मोर्चे में एक बड़ी भूमिका निभाने की अटकलों को हवा दे दी है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शरद पवार और राहुल गांधी से अलग- अलग मुलाकात की है. इन मुलाकातों के बाद भाजपा के खिलाफ विपक्ष के मोर्चेबंदी को हवा मिली है. इधर, ममता के इस दौरे को 2024 के चुनाव की तैयारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

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