Politalks.News/rajasthan. राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों में ही गुटबाजी चरम पर है. कांग्रेस में गहलोत और पायलट कैंप की घमासान जारी है. तो बीजेपी में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां वसुंधरा के समर्थकों के निशाने पर हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद गुरुवार को पहली बार अलवर पहुंचे. इससे पहले जयपुर से अलवर के रास्ते में जगह-जगह वसुंधरा राजे के समर्थन के होर्डिंग और पोस्टर लगे हुए नजर आए. इन होर्डिंग और पोस्टर में वसुंधरा की फोटो पर लिखा था ‘आओ साथ चलें’ और मिशन-2023 के लिए वसुंधरा राजे को सबसे बड़ा नेता बताया गया.
वसुंधरा राजे समर्थकों का पोस्टर होर्डिंग अलवर सहित प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. सबसे बड़ी बात इन होर्डिंग से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया की फोटो गायब नजर आई. होर्डिंग में वसुंधरा का बड़ा फोटो लगा है और साथ ही ‘मिशन-2023 राजस्थान, आओ साथ चले’ लिखा है. होर्डिंग में पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, अरुण सिंह की फोटो भी लगी है. होर्डिंग में स्थानीय भाजपा नेता जितेंद्र शर्मा, ब्रजमोहन ओर विजय भारद्वाज के फोटो लगे हुए हैं. हाल ही में प्रदेश भाजपा कार्यालय के बाहर लगे होर्डिंग में वसुंधरा राजे की फोटो हटा दी गई थी. अब इन होर्डिंग में सतीश पूनियां की फोटो नहीं होने से कयास लगाए जा रहे हैं कि ये राजे समर्थकों का पूनियां को खुला मैसेज है कि राजस्थान में वसुंधरा ही भाजपा है और भाजपा ही वसुंधरा है.
सतीश पूनियां के कुछ समर्थकों ने पोस्टर बैनर तो लगाए ही अलवर पहुंचने पर जोरदार स्वागत भी किया. प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठा चुके रोहिताश्व ने पूनियां को कमांडर बताते हुए कार्यकर्ताओं से उनके स्वागत की अपील की और खुद स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दौरे से दूर हो गए.सतीश पूनियां के दौरे के दौरान दोनों ही पक्षों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी. जहां पूनियां के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. वहीं राजे समर्थकों ने पोस्टर बैनर लगाकर गुटबाजी को साफ कर दिया.
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अलवर में पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा भी कई बार वसुंधरा के पक्ष में खुलकर बोल चुके हैं. वो वसुंधरा को प्रदेश में भाजपा का सबसे बड़ा नेता बता चुके हैं. वसुंधरा को लेकर पूरे प्रदेश में लगातार बयानबाजी का दौर चल रहा है. रोहिताश शर्मा के बयान के बाद पार्टी ने उनको नोटिस दिया और उसके बाद भी लगातार रोहिताश शर्मा राजे को सबसे बड़ा नेता बता रहे थे.
वहीं सतीश पूनियां के दौरे से पहले नोटिस झेल चुके पूर्व मंत्री रोहिताश्व के तेवर कुछ ढीले पड़े नजर आए. वसुंधरा राजे कैंप के खास सिपहसालार माने जाने वाले रोहिताश्व शर्मा का बयान आया कि, ‘कमांडर जब बॉर्डर पर जाता है तो फौज का हौसला बढ़ता है. रोहिताश शर्मा ने पूनियां के दौरे से पहले वीडियो मैसेज जारी किया और बोले- ‘भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद सबसे सम्मानीय होता है, उनका जितना स्वागत किया जाए उतना कम है, सभी कार्यकर्ता इस कार्यकम में बढ़-चढ़कर भाग लें और प्रदेशाध्यक्ष का सम्मान करें’. साथ ही स्वास्थ्य कारणों से खुद को पूनियां के दौरे से दूर कर लिया.
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वीडिय़ो जारी कर रोहिताश शर्मा ने कहा, ‘मेरी तो मांग ही यही थी कि दो साल से अलवर में कोई बड़ा नेता नहीं आया, अब प्रदेशाध्यक्ष का अलवर दौरा है तो इससे कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ेगा, क्षेत्र में प्रदेशाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रियों के दौरे होने पर ही कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ता है. वरना छोटे कार्यकर्ताओं को कौन पूछता है?, बड़े अधिकारी तभी दबते हैं जब बड़े नेता दौरा करें, रोहिताश शर्मा ने कहा, ‘मेरी न किसी व्यक्ति से नाराजगी थी न बीजेपी से, मेरी नाराजगी ये थी कि कार्यकर्ताओं को नहीं संभालने की, अब हमारे प्रदेशाध्यक्ष आ रहे हैं कार्यकर्ताओं के बीच इससे उनमें जोश आएगा, हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं तो कार्यकर्ता के मन की आवाज उठानी चाहिए, मेरी तबीयत खराब है इसलिए मैं फील्ड में नहीं आ पाउंगा.
सतीश पूनियां के अलवर दौरा इवेंटफुल रहा, जहां सतीश पूनियां के अलवर पहुंचने पर जगह-जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. इसी बीच किसान नेताओं ने अलवर के कटी घाटी के पास पूनियां का रास्ता रोककर उनको काले झंडे दिखाए, जिसके बाद काफिला रोककर हाथ जोड़कर सतीश पूनिया आगे निकल गए.