क्या फिर हुआ गुढ़ा का ह्रदय परिवर्तन? पायलट की सीधी पैरवी से बचते नजर आए! परसादी को दिया जवाब

परसादी लाल मीणा मेरे नजदीकी हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन वे हैं परिस्थितियों के कांग्रेसी, जब हालात उनके पक्ष में नहीं रहते तब वे कांग्रेस में नहीं रहते, ऐसा एक बार नहीं कई बार हो चुका है- राजेंद्र गुढ़ा

गुढ़ा का हुआ हृदय परिवर्तन!
गुढ़ा का हुआ हृदय परिवर्तन!

Rajendra Gudha on Parsadi Lal Meena. राजस्थान कांग्रेस में अलग-अलग मुद्दों को लेकर सामने आई आपसी खींचतान और आलाकमान की हिदायत के बाद भी नेताओं के बीच जारी सियासी बयानबाजी अब और ज्यादा तीखी होती जा रही है. अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले कांग्रेस नेता एवं प्रदेश की गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने रविवार को एक बार फिर बड़ा बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं. रविवार को दौसा के ग्राम पंचायत मुही में अमर शहीद राजेंद्र प्रसाद मीणा के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के बयान कि, ‘जो सरकार को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं वे कांग्रेस में रहना ही नहीं चाहते,’ पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘परसादी लाल मीणा मेरे नजदीकी हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन वे परिस्थितियों के कांग्रेसी हैं, जब हालात उनके पक्ष में नहीं रहते तब वे कांग्रेस में नहीं रहते.’ इससे भी बड़ी बात यह कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर डंके की चोट पर बयानबाजी करने वाले राजेन्द्र गुढा बीते रोज पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की सीधी पैरवी करने से बचते नजर आए.

आपको बता दें कि चुनावी साल में प्रवेश करने जा रही गहलोत सरकार के लिए अपनों की नाराजगी से निपटना मुश्किल भरा होता जा रहा है. इसी बीच पार्टी में अब प्रदेश की सत्ता में नेतृत्व परिवर्तन की मांग यानी सचिन पायलट को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पुरजोर तरीके से सुनाई देने लगी है. इसी को लेकर हाल ही में सामने आए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के फॉर्च्यूनर वाले बयान पर पलटवार करते हुव कुछ दिन पहले लालसोट पहुंचे चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा था कि, ‘जो कांग्रेस में नहीं रहना चाहते वही मुख्यमंत्री के फेस को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं. हाईकमान ने ही मुख्यमंत्री के लिए अशोक गहलोत का नाम प्रस्तावित किया था और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और मैं तीसरी बार मंत्री बना हूं.’ बस चिकित्सा मंत्री परसादी मीणा के इसी बयान पर मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की प्रतिक्रिया सामने आई है.

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रविवार को दौसा के ग्राम पंचायत मुही में राज्यमंत्री राजेंद्र गुढा शहीद की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद लालसोट पहुंच थे, इसी दौरान पत्रकारों से बात करते हुए चिकित्सा मंत्री के मंत्री परसादी लाल मीणा के बयान पर पलटवार किया और कहा कि, ‘परसादी लाल जी परिस्थितियों के कांग्रेसी हैं. लेकिन परसादी लाल मीणा मेरे नजदीकी हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं. वे झुंझुनूं के प्रभारी मंत्री रहे हैं और मैं दौसा का. परिस्थितियां पक्ष में होती हैं तो परसादी लाल जी कांग्रेस में रहते हैं, हालात पक्ष में नहीं रहते तो वे कांग्रेस में नहीं रहते.’ इस दौरान मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने 2008 का उदाहरण भी दिया और कहा कि, ‘ऐसा एक बार नहीं कई बार हो चुका है.’

वहीं पिछले दिनों जयपुर पहुंचे कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा राजस्थान में जल्द बदलाव के बयान पर जब मंत्री राजेंद्र गुढ़ा से सवाल पुछा गया तो गुढ़ा ने कहा कि, ‘प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वे प्रियंका जी, सोनिया जी और आलाकमान में गहरी पैठ रखते हैं. उनकी बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. मेरे हिसाब से आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सब कुछ कह दिया कि फैसला लिखा जा चुका है.’ बता दें शुक्रवार को निजी कार्यक्रम के तहत जयपुर पहुंचे कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अगले दिन विधानसभा अध्यक्ष एवं दिग्गज कांग्रेसी नेता सीपी जोशी से 2 घंटे तक मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान के अंदर जो सियासी घटनाक्रम हुआ और जो चल रहा है वह कांग्रेस नेतृत्व के संज्ञान में है, कांग्रेस लीडरशिप बहुत जल्द कुछ बड़े फैसले करने जा रही है.’

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हालांकि पिछले कुछ दिनों से सामने आए रहे राजेन्द्र गुढ़ा के बयानों के विपरीत बीते रोज रविवार को लालसोट में जब पत्रकारों ने सचिन पायलट को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने से जुड़ा सवाल किया तो राजेंद्र गुढ़ा इस सवाल को टालते नजर आये और कहा कि, ‘इस पर सब कुछ बोला और लिखा जा चुका है.’ लेकिन जब उनसे कहा गया कि सचिन युवा हैं और ढलती उम्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को युवा सचिन को जिम्मेदारी दे देनी चाहिए तो इस पर राजेंद्र गुढा ने कहा कि, ‘मोहन लाल सुखाड़िया जी 37 साल की उम्र में राजस्थान के सीएम बन गए थे. दिग्विजय सिंह 46 साल की उम्र में सीएम बने, शरद पवार जी 36 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने, प्रफुल्ल कुमार महंत 32 साल की उम्र में असम के चीफ मिनिस्टर बने. तो आप समझ जाओ.’ बावजूद इसके पायलट को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अभी कुछ दिनों जैसी पैरवी राजेन्द्र गुढा के बयान में नजर नहीं आई, जिसको लेकर सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है.

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