पॉलिटॉक्स न्यूज. राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल हंगामेदार रहा. रामगंज मंडी से बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने खेत में काम करते समय हुई किसानों की मौत पर मुआवजे देने का सवाल उठाया तो संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि दुर्घटना होने पर मुआवजा दिया जाता है. सर्दी के कारण हुई मौत को उन्होंने दुर्घटना नहीं मानते हुए कहा कि सर्दी में ढंग से कपड़े पहनकर और अंगीठी लेकर खेत में जाना चाहिए, धारीवाल के इस जवाब पर बीजेपी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे. इस पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने नाराज होते हुए विपक्ष के विधायकों से सदन से बाहर जाने को कह दिया.
दरअसल हुआ कुछ यूं कि रामगंज मंडी विधायक मदन दिलावर ने प्रश्नकाल के दौरान कोटा जिले में खेत में काम करते समय हुई किसानों की मौत पर मुआवजे देने और नहीं देने का विवरण मांगा. इस पर जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने 8 किसानों की मौत किस कारण हुई, इसका विवरण दिया. साथ ही कहा कि किसी की भी मौत सर्दी के कारण नहीं हुई. ठंड लगने से मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान मापदंडों में नहीं है.
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धारीवाल के जवाब पर दिलावर ने सवाल किया कि जिनका विवरण आपने दिया है, उन्हें कितनी सहायता दी गई और सहायता देने के मापदंड क्या है. इस पर धारीवाल ने सहायता राशि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तीन मृतकों के परिजनों ने सहायता राशि के लिए आवेदन नहीं दिया. एक व्यक्ति की मौत शाम के समय धनिया काटते वक्त ठंड से हुई. इस पर दिलावर ने पूछा कि आवेदन नहीं किया तो ये नाम कहां से आये. गर नाम आ गये तो स्वत ही विभाग ने आवेदन क्यों नहीं लिए.
धारीवाल ने जवाब देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम हुए इन मृतकों के इस वजह से नाम और मृत्यु के कारण प्राप्त हुए. सर्दी के कारण किसी किसान की मौत होती है तो उसे मुआवजा नहीं दिया जाता है. मुआवजा दुर्घटना होने पर दिया जाता है, सर्दी की वजह से नहीं. सर्दी में बकायदा कपड़े पहनकर और अंगीठी लेकर जाना चाहिए. धारीवाल के इस जवाब पर विधायक दिलावर असंतुष्ट नजर आये और गंभीर मामला बताते हुए एक ओर सवाल करने लगे. विधायक के सदन में हंगामा करने पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि तीन सवाल मैंने पूछने दिए है, आगे नहीं पूछने दूंगा. आगे कटारिया का नाम लेते हुए जोशी ने कहा कि मैं नाम लूंगा आपका. आप बैठ जाइए नहीं तो बाहर जाइये. इस पर बीजेपी विधायकों ने सदन से बाहर जाने की बात की तो जोशी ने कहा- आप सब बाहर जाइए. जोशी के इस वक्तव्य के बाद बीजेपी के सभी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे.
स्पीकर जोशी के नाराज हो जाने और हंगामे को बढ़ता देख नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विधायक दिलावर ने यह प्रश्न पहले भी पूछा था. 8 लोगों की खेत में काम करते समय मौत हुई है, इसको मंत्री ने स्वीकार भी किया है. किसान खेती करते समय अगर किसी भी कारण से मरता है तो उसे दो लाख रूपये का मुआवजा देने का प्रावधान है. ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न पर अध्यक्षजी आप नाराज न हों. वहीं इस पर अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मैंने इस पोस्टपोंड सवाल को दो नंबर पर लगावाया. अगर सरकार से उत्तर लेने की नीयत नहीं होती तो क्यों लगवाता. इस बीच बीजेपी के अन्य विधायकों के बोलने पर जोशी ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपको आपके लीडर को मानना चाहिए वो बोल रहे हैं, उसके बावजूद आप बोल रहे है. विपक्ष का नेता होने के नाते इन्हें बोलने दिया जा रहा है. जोशी की इस फटकार के बाद जैसे तैसे मामला शांत हुआ.
इसके बाद बजट पर बहस के दौरान भी ऐसी ही स्थिति बनी और अधिकारियों द्वारा विधायकों को प्रोटोकाल नहीं दिये जाने पर जमकर हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जहाजपुर विधायक को पिछले दिनों एक सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाने का उदाहरण देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान होना चाहिए. अधिकारी जनप्रतिधिनियों की तोहीन नहीं करें इसकी पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा न हो और जो पहले हुआ उसकी जांच होनी चाहिए. जनता से जुड़े कार्यक्रमों में सरकार में विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर नहीं बुलाने का इस दौरान आरोप लगाया. इस दौरान बीजेपी के सभी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे पर इस पर पुख्ता व्यवस्था करने की मांग करने लगे.
इस पर धारीवाल ने कहा कि अधिकारी लोकार्पण नहीं करें, न ही उनका नाम शिलालेख में लिखा जाए. अधिकारियों के नाम पर अब परियोजनाओं के नाम नहीं होंगे. कार्यक्रमों में अधिकारी साफा माला भी नहीं पहनेंगे. अवहेलना करने पर सिविल सेवा आचरण नियम उल्लंघन मानकर अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इन दिशा निर्देशों की पालना के लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.