Politalks.News.HanumanBeniwal. पूरा विश्व कोरोना की दूसरी लहर से अभी तक पूरी तरह उभरा भी नहीं था कि अब ओमीक्रॉन वेरिएंट ने सभी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. गुरुवार को नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में नियम 193 के तहत कोरोना पर हुई विस्तृत बहस में भाग लिया. इस दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल ने सदन में विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात राखी. सांसद बेनीवाल ने कोरोना में केंद्र तथा राज्य सरकार की कमियों पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया तथा नए वेरिएंट ओमीक्रोन पर गहरी चिंता व्यक्त की. कोरोना के नए वेरिएंट को देखते हुए सांसद बेनीवाल ने सरकार से तीसरी संभावित लहर पर आवश्यक तैयारियों के संबंध में जानकारी भी मांगी. इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी जमकर निशाना साधा.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में कोरोना पर हुई विस्तृत बहस में भाग लेते हुए कहा कि ‘कोविड-19 महामारी भारत में मृत्यु का पहला सबसे बड़ा कारण बनकर उभरी है. यदि 26 अप्रैल 2021 को जारी आंकड़ों को देखें तो कोविड-19 के कारण हर दिन औसतन 4,800 लोगों की मौत हो रही है, जिसका मतलब है कि इसके कारण प्रति सप्ताह 33,460 लोगों की जान जा रही है.’
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सांसद बेनीवाल ने आगे केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘चुनावी रैलियों व अन्य आयोजनों जैसे सुपर-स्प्रेडर कार्यक्रमों की अनुमति देते हुए राज्य दर राज्य खुलते गए और हमने बड़े मेलों का आयोजन कर वेरिएंट के लिए रेड कार्पेट बिछाया. हमने यह मानते हुए ऐसा किया कि हमारे आसपास कोई वायरस नहीं था. यहां तक कि जब हम समस्या के बारे में जानते थे, तब भी सरकार ने प्रसार को रोकने में देरी की, जिससे अकल्पनीय परिस्थितियां देश भर में पैदा हुईं उसका परिणाम यह रहा भारत के लिए अप्रैल का महीना बहुत क्रूर साबित हुआ.’
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, देश ने अप्रत्याशित रूप से 46,000 मौतों के साथ नोवल कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) के 66 लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए. महीने के आखिरी दिन, भारत एक दिन में 4,00,000 से ज्यादा नए मामले दर्ज करने वाला एकमात्र देश बन गया.’ सांसद हनुमान बेनीवाल ने भारत की चिकित्सा व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में बोलते हुए कहा कि ‘कोविड-19 (कोरोना) महामारी ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को बुरी तरह बेनकाब कर दिया है. शहरी भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर स्थिति व कोरोना से लड़ने की उसकी तैयारियां सुर्खियों में रही है. वहीं अगर ग्रामीण भारत के भीतरी इलाकों की बात की जाये तो वहां से जो परिदृश्य उभर कर आये हैं, वो अत्यधिक चिंताजनक रहे.’
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हनुमान बेनीवाल ने सदन का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हुए कहा कि ‘अप्रैल का महीने में पहली बार शहरी जिलों के मुकाबले ग्रामीण जिलों में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई. भले ही मामलों की कुल संख्या शहरी जिलों में ज्यादा रही. भले ही अप्रैल में सभी दिन शहरी जिलों में सबसे ज्यादा मामले रहे हों, लेकिन उनमें से 17 दिनों में सबसे ज्यादा मौतें ग्रामीण जिलों में हुईं थी.’ सांसद बेनीवाल ने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘अप्रैल 2021 के नए मामलों (3.1 मिलियन) में ग्रामीण इलाकों का हिस्सा 45.4 प्रतिशत था, लेकिन कोविड-19 मौतों का 50.8 प्रतिशत (24,000) हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों का था.’
सदन में सांसद हनुमान बेनीवाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी घेरने से नहीं चुके. सीएम गहलोत पर आरोप लगाते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘पुत्र मोह में मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र बन गए और जोधपुर से लोकसभा चुनाव हार चुके मुख्यमंत्री के बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए उन्होंने जयपुर में सभी तरह की पाबंदी हटा कर अंतरराष्ट्रीय मैच कराने की अनुमति दी और मैच हो जाने के बाद पुनः पाबंदियां लगा दी.’
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सांसद बेनीवाल ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना काल मे जान गंवाने वाले परिजनों को आर्थिक पैकेज देने तथा कोविड से ठीक हो चुके लोगो में उतपन्न बीमारियों पर अनुसंधान करवाने व नए वेरिएंट से बचाव के लिए हर सम्भव कदम उठाने की मांग की. साथ ही वैक्सिनेशन व ऑक्सजिन की अनुपलब्धता सहित कई मामलों को लेकर केंद्र व राज्य पर आरोप लगाए. सांसद बेनीवाल ने कहा कि ‘देश की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में जीडीपी का जो 2.5 प्रतिशत व्यय करने का लक्ष्य तय कर रखा है उसकी प्रगति भी संतोषजनक नहीं है.