Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले ही चुनावी द्वंद्व का बिगुल बज चुका है. चुनाव फरवरी में होना प्रस्तावित है लेकिन तारीखों की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है. उससे पहले ही आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पार्टी के चुनावी उम्मीदवार उतार दिए हैं. वहीं कांग्रेस ने तीन सूचियों में 48 नामों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने भी अपनी पहली लिस्ट जारी कर दिए हैं जिसमें 29 नामों को शामिल किया गया है. पहली लिस्ट में बीजेपी ने कई बड़े नामों का ऐलान किया गया है. इसमें सीएम आतिशी और मनीष सिसोदिया को टक्कर देने वाले प्रत्याशियों के नाम भी शामिल है. सबसे चौंकाने वाला नाम है प्रवेश शर्मा का, जो नई दिल्ली से आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को सीधी टक्कर देने वाले हैं.
अरविंद केजरीवाल बनाम प्रवेश वर्मा
दिल्ली चुनाव में सबसे दिलचस्प लड़ाई अब नई दिल्ली सीट पर देखने को मिलेगा. इस सीट पर बीजेपी ने अपने दिल्ली बीजेपी के बड़े नेता को टिकट दिया है. नई दिल्ली सीट को मुख्य मंत्रियों की सीट कहते हैं. साल 1998 से 2008 तक यहां शीला दीक्षित जीतते आई थी और सीएम बनी. बाद में यहां से लगातार अरविंद केजरीवाल चुनाव जीते हैं. प्रवेश वर्मा पूर्व सीएम साहेब सिंह वर्मा की बेटे हैं और दिल्ली में मुखरता से आम आदमी पार्टी के सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं.
कौन है प्रवेश वर्मा?
दिल्ली के सियासत में पिछले कुछ समय से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सबसे मुखर आवाज बनकर यदि कोई उभरा है, तो वो हैं प्रवेश वर्मा. प्रवेश पूर्व सीएम साहेब सिंह वर्मा के बेटे हैं और दिल्ली के पूर्व सांसद भी रह चुके है. इनकी छवि हिंदूवादी नेता की रही है. हिंदू कार्ड खेलने से आरएसएस खुद उनके लिए धांसू प्रचार करेगी. इसी सोच के साथ बीजेपी ने प्रवेश शर्मा को दिल्ली में एक बार फिर सियासी प्रवेश कराया है.
दिल्ली में सात बार हुए हैं चुनाव
दिल्ली में 1993 से लेकर अब तक 7 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इस बार 8वीं बार चुनाव करवाए जाएंगे. संभावना है कि फरवरी में मतदान होंगे. दिल्ली में पहला चुनाव 27 मार्च, 1952 को हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली. कुल 48 सीटों पर चुनाव हुए थे. 1998 से 2012 तक यहां शीला दीक्षित का एक छत्र राज चला. उसके बाद आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आयी लेकिन साल 2013 के चुनाव में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी 31 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. पहली बार चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीतकर कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई. हालांकि यह सरकार 49 दिन में गिर गई.
इसके बाद फिर से हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीतकर कांग्रेस का दिल्ली से पत्ता साफ कर दिया. 2013 में 31 सीटें जीतने वाली बीजेपी के लिए केवल तीन सीटों पर कमल खिला. 2020 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की गिनती 8 सीटों तक पहुंच पायी. कांग्रेस का इस बार भी खात नहीं खुल पाया था.



























