कोरोना: आमजन को लॉकडाउन की तरह व्यवहार करते हुए पूरी सतर्कता बरतने की है जरूरत- सीएम गहलोत

प्रदेश में 24 घण्टे में 1566 नए मरीज आए सामने 14 लोगों की हुई मौत, वहीं 1346 मरीज हुए रिकवर तो 1279 लोगों को किया गया डिस्चार्ज भी, प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल 89363 मरीज आ चुके हैं सामने वहीं 1122 लोगों की हो चुकी है मौत

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में दिन-ब-दिन कोरोना अपने पांव पसारता जा रहा है. शनिवार रात चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घण्टों में राजस्थान में कुल मरीज 1566 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए, वहीं 14 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही पिछले 24 घण्टों में 1346 मरीज रिकवर हुए जबकि 1279 लोगों को डिस्चार्ज किया है. इस प्रकार प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल 89363 मरीज सामने आ चुके हैं, वहीं कुल 1122 लोगों की मौत हो चुकी है. इनके साथ ही अब तक कुल 73245 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 72114 लोगों को रिकवरी के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है.

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं है, लेकिन आमजन को लॉकडाउन की तरह व्यवहार करते हुए पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है तभी कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकेगा. सीएम गहलोत ने कहा हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना, सोशल डिस्टेसिंग एवं मास्क लगाने के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए उन्हें विश्वास में लिया जाए और उन्हें बताया जाए कि कोविड-19 से बचने के लिए उन्हें भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना होगा और अनावश्यक घर से बाहर निकलना कम करना होगा.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास से वीसी के माध्यम से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आमजन में इस महामारी का भय खत्म होने से लोगों ने हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है. कोविड-19 के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए संक्रमण से बचाव के उपायों पर अधिक फोकस करना होगा. राज्य सरकार अस्पतालों में सुविधाओं एवं दवाईयों की कोई कमी नहीं आने देगी लेकिन कोरोना के खिलाफ इस जंग में जीत के लिए समाज के प्रतिष्ठित लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, एनजीओ, जनप्रतिनिधियों आदि को आगे आकर आमजन को हेल्थ प्रोटोकॉल का पालना करने के लिए जागरूक करना होगा.

मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड संक्रमण में लोगों का जीवन बचाने में ऑक्सीजन की उपलब्धता काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों सहित अन्य जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ ही हाई फ्लो ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. जिला स्तर के अस्पतालों एवं कोविड मरीजों का इलाज कर रहे अन्य चिकित्सालयों के चिकित्सकों को ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल के बारे में प्रशिक्षित करने पर भी जोर दिया जाए. हॉस्पीटल में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर आने वाले मरीज को आते ही उसे व्हीलचेयर ऑक्सीजन सिलेण्डर के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर विचार किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानकरी देते हुए बताया कि आगामी 15 सितम्बर को प्रातः 11.30 बजे विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आमजन को सोशल मीडिया सहित विभिन्न मीडिया माध्यमों से रूबरू होकर इस महामारी की गंभीरता एवं इससे बचने के उपायों के बारे में बताया जाएगा. जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न दलों के नेताओं से भी चर्चा कर सभा एवं समारोह के आयोजन नहीं करने तथा भीड़ इकट्ठी नहीं करने के बारे में उनसे अपील की जाएगी.

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समीक्षा बैठक के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शाषन सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने एवं मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन उपलब्ध कराने पर फोकस किया जा रहा है. अरोरा ने बताया कि वीसी के माध्यम से एसएमएस के विशेषज्ञ चिकित्सक कोविड मरीजोें के ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल के बारे में अन्य चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. निजी चिकित्सालयों द्वारा कोेविड मरीजों से इलाज के लिए वसूली जा रही राशि के बारे में पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है.

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