rahul gandhi and shashi tharoor
rahul gandhi and shashi tharoor

पश्चिम बंगाल के बाद केरल में भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. वजह है इंडिया गठबंधन में फूट. केरल में गठबंधन की प्रमुख सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने 4 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है. इनमें से कांग्रेस के दो दिग्गज सांसदों के खिलाफ पार्टी के प्रत्याशी घोषित किए हैं. इसमें वायनाड और तिरुवनंतपुरम सीट भी है जो कांग्रेस के मजबूत संसदीय क्षेत्र हैं. वायनाड पर राहुल गांधी और तिरुवनंतपुरम पर शशि थरूर के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं. इसके बाद कांग्रेस खासी नाराज है. वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ एनी राजा को टिकट दिया है. तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर के खिलाफ पनियन रवींद्रन को टिकट दिया गया है. अन्य सीटों पर वीएस सुनील कुमार को त्रिशूर से और अरुण कुमार को मवेलिकारा से उम्मीदवार बनाया है.

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गौर करने वाली बात ये है कि सीपीआई के महासचिव डी. राजा I.N.D.I.A ब्लॉक की समन्वय समिति और चुनाव रणनीति समिति के सदस्य हैं. वहीं सीपीआई की वायनाड सीट से उम्मीदवार एनी राजा डी.राजा की पत्नी हैं. एनी फिलहाल भारतीय राष्ट्रीय महिला फेडरेशन (NFIW) की महासचिव भी हैं. एनी राजा कन्नूर के इरिट्टी की रहने वाली हैं और उनका जन्म वामपंथी पृष्ठभूमि वाले एक ईसाई परिवार में हुआ है.

पिछली बार खाली रहे थे सीपीआई के हाथ

केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं. 2019 में कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं, जबकि दो इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को मिली थीं. सीपीआई ने 4 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे लेकिन तब कोई सीट नहीं जीत सकी थी. अन्य तीन सीट सीपीआई (एम), केसी (एम) और आरएसपी के खाते में गयी. इस बार भी सीपीआई ने उक्त चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से वायनाड, त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम सीटों पर कांग्रेस और सीपीआई में विवाद बनना तय है. वहीं दूसरी ओर, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को भी त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में बहुत उम्मीदें हैं. हालांकि यहां किसी भी पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है.

राहुल मेरे अच्छे दोस्त लेकिन… बिनॉय

सीपीआई नेता और राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने इस राजनीतिक टकराव पर कहा कि व्यक्तिगत रूप से मैं राहुल गांधी को बहुत अच्छा दोस्त मानता हूं लेकिन यह एक राजनीतिक लड़ाई है. हालांकि गठबंधन के सहयोगी होने के नाते दोनों पार्टियों में जल्द वार्ता का दौर शुरू होने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है तो सीपीआई को एक या दो सीटें मिल सकती है लेकिन वायनाड और तिरुवनंतपुरम सीट सीपीआई को मिलने अथवा जीतने के अवसर न के बराबर हैं.

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