Politalks.News/Rajasthan. जिला प्रमुख और प्रधानों के चुनाव के बाद मंगलवार को 6 जिलों में उप जिला प्रमुखों और 78 पंचायत समितियों में उप प्रधानों के चुनाव के चुनाव हुए. जिला प्रमुख चुनाव में चोट खाई हुई कांग्रेस ने आज दम दिखाते हुए जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर और दौसा, भरतुपर में उपजिला प्रमुख बना लिए. जयपुर में कांग्रेस के मोहन डागर, जोधपुर में विक्रम सिंह विश्नोई, दौसा में मानदाता मीणा और सवाईमाधोपुर में बाबूलाल मीणा उपजिला प्रमुख बने हैं. जबकि सिरोही में बीजेपी ने अपनी सीट सेफ रखी है. आज उप जिला प्रमुख चुनाव की 5 जिलों में मिली जीत ने ये साबित कर दिया की कांग्रेस जागती रहती तो 6 में से 3 सीट पर नहीं सिमटती. कांग्रेस के रणनीतिकार
जीत में मदमस्त नहीं होते तो जयपुर और भरतपुर में भी कांग्रेस का जिला प्रमुख होता. आज के परिणामों के बाद जो चर्चा जोरों पर है कि अब साबित होता है कि कांग्रेस के रणनीतिकारों की चूक ने ही कांग्रेस का भट्टा बैठाया है.
जयपुर में लिया हार का बदला, कांग्रेस के डागर बने उप जिला प्रमुख
जयपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी मोहन डागर ने 26 वोट लेकर बीजेपी उम्मीदवार राजकंवर को हराया, राजकंवर को 25 वोट मिले. जयपुर में कुल 51 सदस्य हैं. जिला प्रमुख चुनाव से तुलना की जाए तो कांग्रेस ने आज बीजेपी के कैंप में सेंध लगा दी है. आज की जीत का सेहरा मुख्य सचेतक महेश जोशी के माथे पर सजा है. जोशी ने कल की हार का बदला ले लिया. आज की जीत के बाद कांग्रेस के नेताओं ने राहत की सांस ली.
जोधपुर में विश्नोई परिवार के वंशज विक्रम सिंह की जीत
सीएम गहलोत के गढ़ जोधपुर में कांग्रेस के विक्रम सिंह विश्नोई उपजिला प्रमुख बने हैं. विक्रम परसराम विश्नोई के पुत्र हैं. जोधपुर में जिला परिषद पर अब मदेरणा और विश्नोई समाज का दबदबा और बढ़ गया है. जिला प्रमुख पर मदेरणा परिवार की बहू लीला मदेरणा आसीन है तो अब उप जिला प्रमुख पर विश्नोई परिवार के वंशज का कब्जा है. निर्वाचित होने के बाद विक्रम सिंह विश्नोई ने सबसे पहले परिवार का आशीर्वाद लिया. विक्रम सिंह विश्नोई को 23 वोट मिले जबकि बीजेपी की सुशीला देवी विश्नोई को 14 वोटों से संतोष करना पड़ा. कांग्रेस ने यहां बीजेपी के कैंप में दो वोटों की सेंध लगाई है. कांग्रेस की जीत के बाद विधायक दिव्या मदेरणा का बयान आया है कि, ‘कांग्रेस और परिवार को मजबूत मिली है. युवा और अनुभव के संयोग से ग्रामीण विकास को रफ्तार मिलेगी’.
दौसा में कांग्रेस के मानदाता उपजिला प्रमुख, एक वोट गया नोटा में
दौसा में भी उपजिला प्रमुख की सीट कांग्रेस के हाथ में है. कांग्रेस के मानदाता मीणा ने 22 वोट लेकर बीजेपी उम्मीदवार बृजमोहन मीणा को हराया, बृजमोहन को केवल 6 वोट मिले. दौसा में कुल 29 सदस्य है. मजे की बात यह है कि यहां एक वोट नोटा को गया है. साथ ही बीजेपी में यहां क्रॉस वोटिंग हुई है. बीजेपी के एक सदस्य ने कांग्रेस को वोट दिया, जबकि एक ने नोटा को दे दिया.
भरतपुर में भारी उलटफेर, कांग्रेस ने मारी बाजी, राह ताकते रहे गए बीजेपी वाले
भरतपुर में उप जिला प्रमुख के चुनावों में आज बड़ा उलट फेर देखने को मिला. इस उलटफेर के बीच कांग्रेस की प्रियंका गुर्जर को उप जिला प्रमुख के पद पर जीत दर्ज की. 37 सदस्यों में प्रियंका को मात्र 7 वोट मिले और बीजेपी की शिखा को सिर्फ 3 वोट ही मिल पाए. बीजेपी का जिला प्रमुख बनने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि उप जिला प्रमुख भी बीजेपी का बनेगा लेकिन शिखा शर्मा को सिर्फ 3 वोट ही मिले. बीजेपी की तरफ से उप जिला प्रमुख की दावेदार शिखा शर्मा, जिला प्रमुख जगत सिंह सहित एक अन्य सदस्य से वोट डाला इसके अलावा बीजेपी का कोई भी सदस्य शिखा शर्मा के लिए वोट डालने के लिए नहीं पहुंचा. जबकि जिला प्रमुख बनाने के लिए जगत सिंह को 28 जिला परिषद सदस्यों के वोट मिले थे. हलचल थी कि उप जिला प्रमुख के लिए भी करीब 28 सदस्य वोट डालेंगे. लेकिन शाम 5 बजे के बाद जब जिला परिषद का कोई भी सदस्य वोट डालने नहीं पहुंचा तो कांग्रेस की प्रियंका गुर्जर को उप जिला प्रमुख पद की शपथ दिलाई गई.
सवाईमाधोपुर में कांग्रेस के बाबूलाल मीणा पर उप जिला प्रमुख
सवाई माधोपुर जिला परिषद में उप जिला प्रमुख पद पर कांग्रेस के बाबूलाल मीणा ने जीत हासिल की है. कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पुखराज गुर्जर को 9 मतों से हराया है. बाबूलाल को 17 वोट मिले, जबकि भाजपा के पुखराज को 8 मत मिले. कांग्रेस से ही जीते प्रत्याशी कैलाशी देवी और ममता गुर्जर ने निर्दलीय नामांकन भरा था, लेकिन समझाइश के बाद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वोट किया. सवाईमाधोपुर में कुल 25 सदस्य हैं.
सिरोही में बचा कर रखा बीजेपी ने अपना गढ़
सिरोही में बीजेपी की मनीषा मीना उप जिला प्रमुख चुने गए हैं. बीजेपी की प्रत्याशी मनीषा को 17 वोट मिले हैं. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 3 वोट मिले. सिरोही में 21 सदस्य हैं. सिरोही में जिला प्रमुख पद भी भाजपा के पास है.
आज भी देखने को मिला भारी उलटफेर
सोमवार को जिला प्रमुखों और प्रधानों के चुनाव में कई जगह उलटफेर देखने को मिला था. सबसे बड़ा उलटफेर जयपुर में हुआ, जहां कांग्रेस आपसी फूट के कारण बहुमत होते हुए अपना जिला प्रमुख नहीं बना सकी. जयपुर में कांग्रेस जिला परिषद सदस्य रमा देवी और जैकी टाटीवाल की बगावत ने जीती बाजी हार में बदल दी. रमा देवी को बीजेपी ने सिंबल देकर जिला प्रमुख जितवा दिया. इस मामले में कांग्रेस हाईकमान ने रिपोर्ट भी मांगी है.
पंचायत चुनाव प्रक्रिया संपन्न, बाड़ाबंदी खत्म, हटी आचार संहिता
सोमवार की तरह मंगलवार को भी दोनों ही पार्टियों ने कई जगह जोड़तोड़ के जरिए हार जीत के समीकरण बदलने का प्रयास किया है. उप जिला प्रमुख और उप प्रधान के चुनाव के बाद जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों की बाड़ेबंदी खत्म हो गई है. 6 जिलों में मंगलवार को पंचायतीराज चुनाव की प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही शाम से पूरी तरह आचार संहिता भी हट जाएगी.