Politalks.News/Hyderabad. कांग्रेस के दिग्गज वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. दरअसल, हैदराबाद की एक अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि के एक मामले में अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं होने को लेकर सोमवार को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. यह मामला उनके खिलाफ 2017 में एआईएमआईएम नेता एस ए हुसैन अनवर ने दायर किया था. अनवर ने आरोप लगाया था कि सिंह ने यह कहकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मानहानि की है कि हैदराबाद के सांसद की पार्टी वित्तीय लाभों के लिए दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ रही है..
हैदराबाद में सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों पर सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में विफल रहने के बाद सोमवार को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील मोहम्मद आसिफ अमजद ने बताया कि उन्होंने दिग्विजय सिंह और उस दौरान अखबार में लेख प्रकाशित करने वाले एक उर्दू दैनिक के संपादक दोनों को कानूनी नोटिस भेजे थे और माफी मांगने को कहा था, लेकिन उन दोनों ने ही जवाब नहीं दिया. जिसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया. अमजद ने बताया सुनवाई की पिछली तारीख के दौरान अदालत ने निर्देश दिया था कि दिग्विजय सिंह और उक्त संपादक 22 फरवरी को अदालत के समक्ष उपस्थित हों.
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याचिकाकर्ता के वकील अमजद ने आगे बताया कि अदालत के निर्देश के बाद उर्दू दैनिक के संपादक तो अदालत में उपस्थित हुए, लेकिन दिग्विजय सिंह अदालत में पेश नहीं हुए. अमजद ने बताया कि दिग्विजय सिंह के वकील ने एक याचिका दायर करके चिकित्सा आधार पर उपस्थिति से छूट की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च को तय की है. वहीं दिग्विजय सिंह के वकील ने कहा कि उन्होंने कार्यवाही को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पहले ही रोक को बढ़ाने के लिए याचिका दायर कर दी है.