महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की राजनीति इस बार थोड़ी सी अलग है. धुर विरोधी रहे बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी साथ साथ चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसी ही कुछ कहानी उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ है, जो दोनों महाविकास अघाड़ी के बैनर में चुनावी मैदान में साथ उतर रहे हैं. जब उद्धव बीजेपी के साथ थे, तब हमेशा शिवसेना को ‘बड़ा भाई’ की भूमिका में रखा गया लेकिन अब हालात कुछ अलग हैं. इस बार यह पदवी कांग्रेस के सिर बंधी है लेकिन एमवीए में सभी को बराबरी का दर्जा देकर ‘मनभेद’ खत्म करने की कोशिश की जा रही है ताकि बाद में मतभेद की स्थिति पैदा न होने पाए.
बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही एमवीए
महाविकास अघाड़ी में 255 सीटों पर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सेट हो चुका है. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की पार्टियां 85-85-85 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ेंगी. 15 सीटों पर निर्णय अभी शेष है लेकिन माना जा रहा है कि इन सीटों पर सीट शेयरिंग 5-5-5 पर होगी, जो स्वयं की सहयोगी पार्टियों को दी जानी है. यानी हर एक के खाते में 90 सीटें आएंगी. अन्य 18 सीटें एमवीए में शामिल अन्य सहयोगी पार्टियों यथा समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी आदि को दी जानी है.
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बता दें कि समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और अन्य दलों ने भी महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. सीट बंटवारे के तहत जो फॉर्मूला सामने आया है इससे साफ है कि महाराष्ट्र में एमवीए यानी तीन दलों के गठबंधन की जगह इंडिया गठबंधन मैदान में उतरने जा रही है.
अखिलेश ने की है 12 सीटों की मांग
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी से 12 सीटें मांगी है. फिलहाल पार्टी के पास दो सीटें हैं. पार्टी ने धुले शहरी, भिवंडी पूर्व, भिवंडी पश्चिम और मालेगांव मध्य सहित 5 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया है. हालांकि कांग्रेस द्वारा सपा को इन्हीं 5 सीटों तक सीमित रखने का कवायत चल रही है. अगर ऐसा न हो सकता तो एक या दो सीटें देकर शांत किया जा सकता है. सहमति का यही गठबंधन यूपी उप चुनाव में साझेदारी की नीव रखेगा.
महायुति में अब तक 182 नाम की घोषणा
सत्ताधारी महायुति ने भी अब तक 182 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिय है. 23 अक्टूबर को एनसीपी ने पार्टी की पहली लिस्ट जारी की जिसमें 38 प्रत्याशियों के नाम थे. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ेंगे. यह बारामती लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है. बारामती लोकसभा सीट शरद पवार की पारंपरिक सीट रही है. यहां से इस बार उनकी बेटी सुप्रिया सुले जीती थीं. सुप्रिया ने लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराया था. शरद पवार की विरासत के तिलिस्प को तोड़ने की जिम्मेदारी अजित पवार ने खुद उठाई है. हालांकि यहां स्टार प्रचारक के तौर पर शरद पवार खुद मैदान में उतरेंगे. यहां चाचा भतीजे की जंग मजेदार होने वाली है.