राजस्थान विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. प्रदेश की 200 सीटों पर मतदान में केवल 15 दिन शेष है. राजस्थान में वोटिंग 25 नवंबर को होगी, जबकि 3 दिसंबर को चुनावी परिणाम घोषित किया जाएगा. चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए इस बार 11 घंटे वोटिंग रखी है. मतदाता सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाल पाएंगे. हालांकि चुनाव में अभी भी एक पखवाड़ा बचा है लेकिन उससे पहले ही सीएम अशोक गहलोत की जादूगरी के चलते कांग्रेस ने शुरूआती मैदान मार एक बारगी तो बीजेपी को पटखनी दे ही दी है. इसके सहारे थोड़े समय के लिए ही सही लेकिन कांग्रेस ने एक मनोवैज्ञानिक बढ़त तो ले ही ली है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस परिस्थिति में कांग्रेस को थोड़ी बहुत हिम्मत बढ़ाई है. कमोबेश यही स्थिति बीजेपी के साथ भी है जिन्होंने एक सीट पर कांग्रेस से बढ़त हासिल कर ली है.
बसपा प्रत्याशियों ने दिया कांग्रेस को समर्थन
राजस्थान में विधानसभा चुनाव और मतदान से पहले ही बसपा प्रत्याशियों ने कांग्रेस को कुछ सीटों पर ही सही लेकिन जीत का रास्ता दिखाया है. प्रदेश की राजधानी जयपुर से बसपा के चार प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापिस लिया है. इनमें से कुछ ने कांग्रेस को समर्थन देकर उन सीटों पर जीत को पुख्ता किया है. सांगानेर से बसपा के रामलाल चौधरी और आदर्श नगर से बसपा प्रत्याशी मनोहर हसन राजा ने अपना-अपना नाम वापस ले लिया है. चौधरी ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज और हसन राजा ने कांग्रेस ने समर्थन दिया है.
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इधर, बीजेपी के बालमुकुंद आचार्य की उपस्थिति में हवामहल से बसपा प्रत्याशी तारुषा पाराशर ने अपना नाम वापस ले लिया है. उनका बीजेपी को समर्थन पक्का है. हवामहल से बालमुकुंद पार्टी उम्मीदवार हैं. सिविल लाइन से अर्चुन चौधरी ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है. यहां कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास को समर्थन दिए जाने की खबरें जोर पकड़ रही है.
राजपाल सिंह शेखावत ने भी लिया नाम वापिस
बीजेपी नेता और वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे राजपाल सिंह शेखावत ने निर्दलीय झोटवाड़ा विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था. यहां से शेखावत 2008 और 2013 में लगातार दो बार विधायक बने थे. पिछले विस चुनाव में लालचंद कटारिया के हाथों उन्हें शिखस्त का सामना करना पड़ा था. इस बार यहां से बीजेपी ने सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को पार्टी उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस की ओर से युवा नेता अभिषेक चौधरी को टिकट मिला है. टिकट कटने पर नाराज होकर राजपाल सिंह शेखावत ने पार्टी छोड़ने के ऐलान के साथ ही झोटवाड़ा सीट से नामांकन दाखिल किया था. नामांकन वापसी के अंतिम दिन बीजेपी के सीनियर नेताओं से बातचीत के बाद उन्होंने नामांकन वापसी की घोषणा की. इससे राजपूत वोटर्स के बंटने का संकट खत्म हो गया है.
झोटवाड़ा में सबसे अधिक उम्मीदवार मैदान में
प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा झोटवाड़ा में सबसे अधिक प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. यहां कुल 18 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. है. वहीं, सबसे कम प्रत्याशी दूदू में 4 है. हालांकि जब नामांकन पत्र भरे गए थे, तब सबसे ज्यादा प्रत्याशी आदर्श नगर से 31 थे, लेकिन वहां अब 14 ही प्रत्याशी बचे हैं. यहां 8 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए है, जबकि 9 प्रत्याशियों के नाम खारिज हो गए. इसी तरह, सांगानेर में 16 प्रत्याशी, आमेर में 15, आदर्श नगर में 14, विद्याधर नगर में 13, कोटपूतली में 9, विराटनगर में 11, शाहपुरा में 6, चौमूं में 9, किशनपोल में 8, सिविल लाइन में 10, फुलेरा में 8, चाकसू में 5, हवामहल में 10, बगरू में 12, मालवीय नगर में 10, जमवारामगढ़ में 8 और बस्सी में 13 प्रत्याशी मैदान में हैं.