पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनावों को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है. इसी बीच पिछले साल बसपा छोडकर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने चुनाव आयोग में शिकायत की है. वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने बसपा विधायकों को कांग्रेस में दिखाए जाने को कानूनी रूप से गलत बताते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की है. अधिवक्ता नाहटा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और रिटर्निग अधिकारी को नोटिस जारी कर बुधवार दोपहर तब जवाब मांगा है. चुनाव से ठीक तीन दिन पहले की गई यह शिकायत राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने चुनाव आयोग से बसपा विधायकों को बसपा में दिखाते हुए ही अलग से मतदान कराने की मांग की है. अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने चुनाव आयोग को लिखे शिकायत पत्र में कहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद गजट नोटिफिकेशन में 12 दिसंबर 2018 को छह विधायक बसपा के दिखाए गए थे. अब राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों को कांग्रेस विधायक दल में शामिल बताया गया है.
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अधिवक्ता नाहटा ने पत्र में आगे लिखा है कि दरअसल, 16 सितंबर 2019 को बसपा विधायकों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी लेकिन दसवीं अनुसूची के अनुसार उनके मूल राजनीतिक दल बसपा का विलय कांग्रेस में नहीं हुआ है ऐसे में इन विधायकों को कांग्रेस विधायक दल का हिस्सा नहीं बताया जा सकता है.
अधिवक्ता नाहटा द्वारा लिखे गए शिकायत पत्र में बसपा विधायकों को राज्यसभा में कांग्रेस से अलग मानते हुए वोटिंग करवाये जाने की मांग कि गयी है. नाहटा ने अपनी शिकायत में बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल बताए जाने को संविधान के प्रावधानों के खिलाफ बताया है. नाहटा ने शिकायत पत्र में लिखा है कि विलय के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष एक ट्रिब्यूनल की तरह दलबदल याचिका पेश करने पर सुनवाई कर फैसला कर सकते है. इसी वजह से बसपा विधायकों को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग मानते हुए वोटिंग करवाई जानी चाहिए.
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अधिवक्ता नाहटा ने बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल बताए जाने को संविधान, जनमत और प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ बताया. चुनाव आयोग ने इस शिकायत को लेकर राज्यसभा चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत भेजकर जवाब मांगा है. आयोग ने शिकायत पत्र के साथ 2018 के विधायक सूची, राजनीतिक दलों की सूची भी भेजी है.