पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना संकट के साथ साथ प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस विधायकों की पिछले 7 दिनों से बाडाबंदी चालू है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पिछले 7 दिनों से कांग्रेस विधायकों की बाडाबंदी में लगातार व्यस्त है. इसी बीच मंगलवार को सीएम गहलोत ने समय निकालकर अपने निवास से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति और प्रदेश में 21 से 30 जून चलने वाले जागरूकता अभियान को लेकर समीक्षा बैठक ली.
मुख्यमंत्री गहलोत ने इस समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के सभी मंत्रियों, कांग्रेस विधायकों, जिला कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा और जागरूकता अभियान को लेकर आॅनलाइन चर्चा की. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरूआत से ही राज्य सरकार ने जरूरी कदम उठाते हुए इसे नियंत्रित रखा है. प्रदेश के लोगों का जीवन बचाने के लिए इतने वृह्द स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने वाला राजस्थान पहला राज्य है.
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य मंत्री परिषद के सदस्यों, विधायकों की उपस्थिति में जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की तथा जागरूकता अभियान को लेकर चर्चा की।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमारी सरकार ने सभी वर्गाें को विश्वास में लेकर ऐसे फैसले किए, जिनसे हम प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित रखने में कामयाब हो सके. यह कामयाबी आगे भी बरकरार रहे और कोरोना से बचाव हो सके इसके लिए जन जागरूकता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. जागरूकता पैदा करने का बड़ा अभियान प्रदेश में 21 जून से शुरू होने जा रहा है.
संकट की इस घड़ी में हमारी सरकार ने सभी वर्गाें को विश्वास में लेकर ऐसे फैसले किए, जिनसे हम प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित रखने में कामयाब हो सके। यह कामयाबी आगे भी बरकरार रहे और कोरोना से बचाव हो सके इसके लिए जन जागरूकता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। #Rajasthan
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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि दस दिन तक विशेष जागरूकता अभियान चलाकर कोरोना से बचाव का संदेश गांव-ढाणी, मोहल्ले तक पहुंचाया जाएगा ताकि लोग इस बीमारी के खतरे को समझते हुए इससे बचाव के तरीके अपनाएं. प्रदेशवासियों को बार-बार हाथ धोने, दो गज की दूरी बनाए रखने, बिना मास्क बाहर नहीं जाने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने जैसी बातों को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा. जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों, ग्रास रूट स्तर के कार्मिकों को मिशन मोड पर काम कर इस अभियान को सफल बनाना होगा.
जागरूकता पैदा करने का बड़ा अभियान प्रदेश में 21 जून से शुरू होने जा रहा है। दस दिन तक विशेष जागरूकता अभियान चलाकर कोरोना से बचाव का संदेश गांव-ढाणी, मोहल्ले तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लोग इस बीमारी के खतरे को समझते हुए इससे बचाव के तरीके अपनाएं।
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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने संकट की इस घड़ी का उपयोग प्रदेश में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में किया है. इसी का परिणाम है कि इस बीमारी की शुरूआत के समय जहां हमारे पास जांच की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी, वहां आज हमने अन्य पड़ौसी राज्यों को 5 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने जैसी पेशकश की है. रूथलैस कंटेनमेंट, घर-घर स्क्रीनिंग, टेस्टिंग तथा गैर कोरोना बीमारियों के इलाज व 550 मोबाईल ओपीडी सेवाओं, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण आदि की व्यापक सराहना की गई है.
हमारी सरकार ने संकट की इस घड़ी का उपयोग प्रदेश में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में किया है। इसी का परिणाम है कि इस बीमारी की शुरूआत के समय जहां हमारे पास जांच की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी, वहां आज हमने अन्य पड़ौसी राज्यों को 5 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने जैसी पेशकश की है।
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सीएम गहलोत ने कहा कि जागरूकता अभियान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए नुक्कड़ नाटक, लोक गीत, कठपुतली आदि के जरिए जीविकोपार्जन करने वाले लोक कलाकारों की भी सेवाएं ली जाएं. इससे उन्हें जहां एक ओर आर्थिक संबल मिल सकेगा साथ ही हम निचले स्तर तक स्थानीय बोली में कोरोना से बचाव और इसके खतरों की जानकारी पहुंचाने में उनकी मदद ले पाएंगे.
जागरूकता अभियान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए नुक्कड़ नाटक, लोक गीत, कठपुतली आदि के जरिए जीविकोपार्जन करने वाले लोक कलाकारों की भी सेवाएं ली जाएं।
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वहीं सीएम गहलोत ने मनरेगा के तहत देश में सर्वाधिक रोजगार प्रदेश के ग्रामीण श्रमिकों को मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज प्रदेश में 50 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा कार्याें के जरिए रोजगार मिल पा रहा है. सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि मनरेगा के कामों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए ग्रामीण श्रमिकों को अपना टास्क पूरा कर 11 बजे या उससे पहले भी जाने की अनुमति दी जाए.
प्रसन्नता की बात है कि प्रदेश में 50 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा कार्यों के जरिए रोजगार मिल पा रहा है। निर्देश दिए कि मनरेगा के कामों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित की जाए। भीषण गर्मी को देखते हुए उन्हें अपना टास्क पूरा कर 11 बजे/उससे पहले भी जाने की अनुमति दी जाए।
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