नीतीश ने किया चुनाव प्रचार का शंखनाद, साधे जातिगत समीकरण तो संबोधन में ‘चिराग’ पर वार

'निश्चय संवाद' वर्चुअल रैली के माध्यम से जदयू कार्यकर्ताओं को किया संबोधित, लालू-राबड़ी-तेजस्वी पर किया जमकर हमला, बिहार की सड़कों को बताया उपलब्धि

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Politalks.News/Bihar. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अपने बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान का शंखनाद कर दिया. सोमवार को वर्चुअल रैली ‘निश्चय संवाद’ के माध्यम से सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों को संबोधित किया. जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार के मंच पर इस दौरान करीब 15 पार्टी नेताओं को जगह दी गई जिसमें करीब करीब सभी जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास करने को ​कोशिश की गई. मंच पर बिराजे नेताओं में कुर्मी, दलित, भूमिहार से लेकर ब्राह्मण और यादव समुदाय तक को साधने की कवायद दिखी. खास बात यहां ये रही कि पार्टी नेताओं ने एनडीए में शामिल लोजपा और पार्टी प्रमुख चिराग पासवान पर भी निशाना साध दिया. वहीं सीएम नीतीश सहित अन्य नेताओं ने विपक्ष में राजद सहित लालू यादव, राबडी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आड़े हाथ लिया. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सड़कों को अपनी सबसे बड़ी उप​लब्धि बताया.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक समीकरण के साथ-साथ राजनीतिक समीकरण साधने की कवायद की. नीतीश ने कोरोना काल में वापस आए प्रवासी मजदूरों को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इलाज से लेकर मौत होने की परिस्थिति में 4 लाख रुपया मुआवजा देना तय किया. राज्यभर के प्रवासी बिहारियों को 14 दिन क्ववारनटीन सेंटर में रखा. 15 लाख से ज्यादा लोग वापस बिहार आए और क्वारनटीन सेंटर पर एक व्यक्ति पर 14 दिन में 5,300 रुपये खर्च किए गए और इस तरह से प्रदेश के लोगों की सेवा की. इससे पहले जदयू नेता संजय झा ने मिथिला पाग पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया. इसी बीच नीतीश कुमार ने मंच पर अपनी पार्टी के तमाम समुदाय के नेताओं को जगह देकर उन्हें बोलने का मौका भी दिया, साथ ही एक राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश की.

केंद्र सरकार की जमकर की तारीफ, विपक्ष को लपेटा

नीतीश ने कहा कि केंद्र और हमने राशन के मामले में भी मदद की. हम प्रचार नहीं करते बल्कि सेवा करते हैं. कुछ लोग तो सिर्फ प्रचार में लगे हैं. कोरोना टेस्टिंग को लेकर नीतीश ने विरोधियों को इशारों-इशारों में लपेटा. उन्होंने कहा कि बोलने वाले तो कुछ भी बोलते रहते हैं, उन्हें तथ्यों की जानकारी तो होती नहीं. आज बिहार में प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो रही. दस लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई. आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता 11,350, लेकिन हम इसे बढ़ाकर 20 हजार करना चाहते हैं. भारत सरकार से हमें 10 हजार आरटी-पीसीआर जांच मशीन मिलने वाली है.

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नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के काम की उपलब्धियों को भी लोगों के सामने रखा और साथ ही लालू-राबड़ी पर निशाना साथा. उन्होंने कहा कि हमसे पहले जिन लोगों ने सत्ता चलाई उन्होंने क्या किया, कब्रिस्तान और मंदिरों का हाल ही देख लीजिए. न कब्रिस्तान की घेराबंदी थी और न ही मूर्ति चोरी रोकने के उपाय. हमनें 6099 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करवाई. मंदिर में मूर्ति चोरी रोकने के लिए 226 मंदिरों में चाहरदीवारी निर्माण कार्य पूरा कर दिया. हमने भागलपुर दंगों की जांच पूरी करवाई. कई ऐसे काम थे जो हमने करवाए.

सड़कों और जीरो टॉलरेंस को बताया सरकार की उपलब्धि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पहले तो गड्ढे में सड़क दिखती थी, अब कोई भी खुद देख सकता है. हमको जब काम करने का मौका मिला तो हमने लक्ष्य रखा कि कहीं से भी राजधानी पटना आने में 6 घंटे से ज्यादा समय न लगे. वो लक्ष्य पूरा हुआ तो हमने अब समय को घटा कर 5 घंटे करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सड़कों का चौड़ीकरण और नए पुलों का निर्माण किया जा रहा है. 54,461 करोड़ रुपयों की लागत से हमने सड़कों का निर्माण करवाया है. सड़कों की गुणवत्ता सही रखने के लिए हमने इसे भी लोक शिकायत निवारण कानून के दायरे में लाया. उन्होंने इस बात को नए वोटरों को बताने की भी बात कही.

जीरो टॉलरेंस पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अपराध के ग्राफ में भी गिरावट आई. 2005 में हमने सत्ता संभाली और तब से लेकर हम अपराध पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाए हुए हैं. बिहार में ज्यादातर अपराध की वजह भूमि विवाद है. इसके अलावा आपस में लोग परिवार का बंटवारा नहीं करते थे, क्योंकि रजिस्ट्री का चार्ज काफी ज्यादा होता था. लेकिन अब परिवार में बंटवारे के लिए 100 रुपये का सांकेतिक रजिस्ट्री चार्ज लगता है. इस तरह से अब ऐसे भी अपराध को हमने नियंत्रित करने का काम किया है.

लोजपा पर साधा निशाना, तेजस्वी से पूछे कई सवाल

बिहार सरकार के मंत्री और जदयू के दलित चेहरा माने जाने अशोक चौधरी ने अपने ही गठबंधन साथी लोजपा पर निधाना साधा. चौधरी ने कहा, ‘एक हमारे नेता कहा करते थे कि हम वैसे घरों में दिया जलाने चले हैं, जहां सालों से अंधेरा है. अब उन घरों में बिजली पहुंचाने का काम हमारे नेता ने ही किया है.’ वहीं, जदयू नेता ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या फार्मूला अपनाया, जरा बिहार की जनता को भी बता दीजिए. ललन सिंह बिहार में भूमिहार समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं और जदयू के अहम चेहरा हैं. चौधरी ने तेजस्वी से पूछा- आपके पिता जेल क्यों गए ये भी तो जरा बिहार की जनता को बताइए. अपने बारे में कुछ नहीं बताते, अपने पिता के बारे में तो बताइए.

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वहीं, जदयू नेता विजेंद्र यादव ने लालू यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1990 में तमाम लोग सीएम पद के उम्मीदवार थे, तब किसने सीएम बनवाया था. नीतीश कुमार ने जिनको मुख्यमंत्री बनवाया, वही उनके खिलाफ बोल रहे हैं. विजेंद्र यादव बिहार की राजनीति में बड़ा यादव चेहरा माने जाते हैं, जो अब तक राजद का परंपरागत वोटर माना जाता रहा है लेकिन शरद यादव के आने के बाद शायद यादव वोटबैक जदयू की ओर मूव करे.

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