CM गहलोत की सौगातें- RRDS सेवा में पदोन्नति-नए पदों का सृजन, अनुकम्पा नियुक्ति के 68 प्रकरणों में शिथिलता

अब राज्य में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को विभिन्न विभागों में चयनित कार्यों के लिए 15 लाख रुपये तक के कार्यादेश बिना टेंडर प्रणाली के दिये जा सकेंगे, राजस्थान ग्रामीण विकास राज्य सेवा (आरआरडीएस) के अधिकारियों को शीघ्र ही पदोन्नति का तोहफा मिलेगा, सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन के 68 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

Politalks.News/Rajasthan. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में बड़ी संख्या में राजस्थान ग्रामीण विकास राज्य सेवा (आरआरडीएस) के अधिकारियों को शीघ्र ही पदोन्नति का तोहफा मिल सकेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस सेवा के अधिकारियों को पदोन्नति के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए कैडर में पदों का पुनर्निर्धारण तथा नवीन पदों का सृजन करने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है.

प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान ग्रामीण विकास राज्य सेवा संवर्ग के कुल 297 पदों का पुनर्निर्धारण किया गया है. इसके तहत कनिष्ठ वेतन श्रृंखला में 189 पद, वरिष्ठ वेतन श्रृंखला में 67 पद, चयनित वेतन श्रृंखला में 31 तथा सुपर टाइम स्केल वेतन श्रृंखला में 10 पद प्रस्तावित किए गए हैं. साथ ही, संयुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (महानरेगा) के 33 नवीन पदों का भी सृजन किया गया है. इनमें से संभागीय कार्यालयों में आरएएस सेवा के 7 पद तथा शेष जिलों में 26 पद आरआरडीएस सेवा के होंगे.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन के 68 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है. इस संवेदनशील निर्णय से मृतक आश्रित इन परिवारों को मुश्किल घड़ी में सम्बल मिल सकेगा.

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आपको बता दें कि अनुकम्पात्मक नियमों के तहत सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है. साथ ही आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है.

सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विलम्ब अवधि से आवेदन के 13, अधिआयु सीमा के 4, न्यूनतम आयु सीमा के 6 तथा बालिग होने के बाद 3 वर्ष तक की अवधि के उपरान्त देरी से आवेदन के 45 प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शिथिलता दी है. आपको बता दें, पिछले करीब ढाई साल की अवधि में अनुकम्पा नियुक्ति के 837 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान कर आवेदकों को राहत प्रदान की है. इस अवधि में 3236 मृतक आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्तियां भी दी गई हैं.

इसके साथ ही प्रदेश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब राज्य में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को विभिन्न विभागों में चयनित कार्यों के लिए 15 लाख रुपये तक के कार्यादेश बिना टेंडर प्रणाली के दिये जा सकेंगे. इस निर्णय से स्टार्टअप्स के माध्यम से स्वरोजगार की राह अपनाने वाले युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा. आपको बता दें कि स्टार्टअप्स की गतिविधियों से जुड़े युवाओं को अपने कौशल और प्रतिभा के अनुरूप करियर को आगे बढ़ाने के उचित अवसर प्रदान करने के लिए राज्य बजट 2021-22 में इस संबंध में घोषणा की थी.

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