Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को दिन में थ्री फेज बिजली उपलब्ध करवाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है. मुख्यमंत्री गहलोत में जानकारी शेयर करते हुए बताया कि हमारे किसानों को ठंड के दिनों में रात्रि में खेतों की सिंचाई करने में तकलीफ होती है. इसलिए राजस्थान सरकार ने फैसला करके यह तय किया कि किसानों को सिंचाई हेतु दिन में थ्री फेज बिजली उपलब्ध कराई जाए. इसके लिए बजट में घोषणा की गई कि 1 अप्रैल 2023 तक तीन चरणों में राज्य के सभी जिलों में दिन में थ्री फेज बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए सरकार ने आधारभूत ढांचे को विकसित करने का काम भी शुरू किया. इसके तहत आगामी तीन वर्षों में 220 केवी के 6 नए जीएसएस, 132 केवी के 30 नए जीएसएस, 33 केवी के 287 नए सब स्टेशन स्थापित किया जाना प्रक्रियाधीन है। साथ ही 1,500 सब स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि की जा रही है.
भाजपा ने किसानों को भड़काया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों में देखा गया है कि कई जगहों पर भाजपा नेताओं ने अपना राजनीतिक हित साधने के लिए किसानों को भड़काया और सब-स्टेशनों पर किसानों से धरने दिलवाए. ऐसा उन जिलों में किया गया जहां दूसरे और तीसरे चरण में दिन में थ्री फेज बिजली दिया जाना प्रस्तावित है और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. सीएम गहलोत में कहा कि भाजपा नेताओं ने इन धरनों के माध्यम से बिजली कर्मचारियों को भयभीत कर उन पर दबाव बनाया. दबाव के कारण कुछ जिलों के अधीक्षण अभियंताओं ने अपने स्तर पर फैसला कर बिना पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर के दिन में बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश की. इससे पूरे बिजली सिस्टम में गड़बड़ी आ गई और विद्युत आपूर्ति में समस्या आ गई. इसके कारण राज्य के कई हिस्सों में थ्री फेज के साथ-साथ सिंगल फेज बिजली देने में भी परेशानियां सामने आई हैं.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि किसान भाइयों से अपील है कि वो ऐसे बहकावे में ना आएं. बिना जरूरी सिस्टम विकसित किए दिन में बिजली उपलब्ध करवाना संभव नहीं है. दबाव में ऐसी कोशिश करने से समूची बिजली व्यवस्था ठप हो सकती है जिससे सभी किसानों और पूरे प्रदेश की जनता को परेशानी होगी.
भाजपा की फितरत यही है कि हमारी सरकार द्वारा दिन में बिजली देने के फैसले का स्वागत करने की बजाय भाजपा ने अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए भोले-भाले किसानों को भड़काया. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि अगर प्रदेश भाजपा के नेता किसानों को लेकर इतने ही चिंतित हैं तो वे अपने केंद्र के नेताओं को सलाह दें कि वे दिल्ली में धरना दे रहे किसानों की मांगों को मानें. सर्दी में एक महीने से धरना देने के कारण 40 किसान भाइयों की मौत दिल्ली में हो चुकी है.
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एक समाचार पत्र ने बिना तथ्यों के खबर की प्रकाशित
एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र में 31 दिसंबर को तीन किसानों की मृत्यु के संबंध में प्रकाशित खबर ‘सरकार की जिद, रात में ही बिजली, तीन किसानों की मौत‘ भी तथ्यात्मक नहीं है. इस खबर में लिखा गया है कि रात में थ्री फेज बिजली मिलने की वजह से सिंचाई करते वक्त तीन किसानों रामलाल धोबी, पूरणमल मीणा और हरीश धाकड़ की मृत्यु हो गई है. जांच में पाया गया है कि इन तीनों किसानों के पास कोई कृषि कनेक्शन नहीं है. रामलाल धोबी और पूरणमल मीणा के खेतों की सिंचाई नहर/कैनाल से होती है. साथ ही, रामलाल धोबी और पूरणमल मीणा के गांव बूंदी और हरीश धाकड़ का गांव झालावाड़ जिले में है. सीएम गहलोत ने बताया कि ये दोनों जिले वो हैं जहां अक्टूबर, 2020 से ही रात की बजाय दिन में थ्री फेज बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. अत: ये खबर पूर्णत: तथ्यात्मक नहीं है. मीडिया के साथियों से निवेदन है कि वे मुद्दों की तथ्यात्मक रिपोर्टिंग करें जिससे मीडिया पर लोगों का विश्वास कायम रहे.