प्रदेश में अनियंत्रित होते कोरोना कहर के चलते CM गहलोत ने दिए सख्ती के आदेश, नई गाइडलाइन जारी

जयपुर समेत 9 शहरों में अब रात 8 से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू, उदयपुर में शाम 5 बजे बंद हो जाएंगे बाजार, सभी जिलों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने के सीएम गहलोत ने दिए आदेश, अभी तक के सबसे ज्यादा 3970 नए मामले आए सामने जबकि 12 लोगों की हुई मौत

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Politalks.News/Rajasthan/Corona. राजस्थान में अनियंत्रित हो रही कोरोना वायरस की दूसरी लहर की संक्रमण चैन को तोड़ने के लिए गहलोत सरकार ने सख्ती करते हुए सभी जिलों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने आदेश दिया है. इसके अलावा प्रदेश के जिन 10 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा रखा है, उनमें से 9 शहरों में अब रात 10 बजे की बजाय रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. इन शहरों में अब रात 8 बजे की जगह शाम 7 बजे बाजार बंद हो जाएंगे. वहीं, उदयपुर में शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा जिसके चलते उदयपुर में शाम 5 बजे बाजार बंद हो जाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम हुई समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया है. सीएम गहलोत के निर्देशों के बाद गृह विभाग ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है.

आपको बता दें, शुक्रवार को आए स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पुराने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए बीते 24 घण्टों में कोरोना संक्रमण के 3970 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 12 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बात करें जयपुर की तो यहां शुक्रवार को रिकॉर्ड 767 केस मिले हैं. जो अब तक के सबसे ज्यादा हैं. इससे पहले जयपुर में सबसे ज्यादा मामले 30 नवंबर को 745 आए थे. जयपुर नगर निगम क्षेत्र में आज 50 से ज्यादा एरिया में कोरोना के केस मिले हैं, इसे देखते हुए यहां प्रशासन ने बड़ी संख्या में मिनी कंटेनमेंट जोन बनाए हैं.

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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते गृहमंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़, डूंगरपुर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और आबूरोड की शहरी सीमा में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा और 7 बजे बाजार बंद हो होंगे. वहीं, उदयपुर में शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा जिसके चलते उदयपुर में शाम 5 बजे बाजार बंद हो जाएंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद अब शहरी इलाकों से सटे ग्रामीण इलाकों के कक्षा 9 तक के स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं. 9वीं तक स्कूलों में बच्चों को बुलाने पर रोक लगा दी है.

माइक्रो कंटेनमेंट जोन में धारा-144 के साथ आवाजाही पर पूरी तरह रोक
माइक्रो कंटेनमेंट जोन में धारा-144 के तहत शून्य मोबिलिटी सुनिश्चित की जाएगी. माइक्रो कंटेनमेंट जोन वाले इलाकों में आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. सभी शहरी क्षेत्रों में 5 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक के साथ-साथ भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में कंटेनमेंट जोन चिन्हित कर उनमें जीरो मोबिलिटी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है.

प्रदेश और जिला स्तर पर 24 घंटे काम करेंगे वॉर रूम और कंट्रोल रूम
मुख्यमंत्री ने प्रदेश स्तर पर कोरोना स्टेट वॉररूम, सभी जिलों में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम सहित 181 हेल्पलाइन को 24 घंटे फिर से शुरु करने के निर्देश दिए हैं. संक्रमण की पांच प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ाने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना के लिए एनसीसी, एनएसएस, स्कॉउट एण्ड गाइडस के वॉलन्टियर के रूप में सेवाएं ली जाएंगी.

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इसके साथ ही गाइडलाइन के अनुसार कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर संयुक्त टीमों की कार्रवाई बढ़ाई जाएगी. सीमावर्ती जिलों में राज्य के बाहर से आने वाले व्यक्तियों की नेगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट के लिए बनाई गई चेकपोस्टों को ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा.

उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन में जीरो मोबिलिटी, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग तथा होम आइसोलेशन की पालना सुनिश्चित करें. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार बीते कुछ दिनों में तेजी से बढ़ी है और हम संक्रमण की पहली लहर के सर्वोच्च स्तर को पीछे छोड़ चुके हैं. इसे देखते हुए जमीनी स्तर पर कोविड प्रोटोकॉल तथा एसओपी के उल्लंघन को सख्त उपायों से रोका जाना बेहद जरूरी है.

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कोरोना हॉट-स्पॉट बन रहे क्षेत्रों की पहचान की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना हॉट-स्पॉट बन रहे क्षेत्रों की पहचान कर इनको नियमानुसार माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाए. सीएम गहलोत कहा कि ऐसे क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को रोकने पर विशेष फोकस करना होगा इसमें स्थानीय स्वायत्त शासन और सार्वजनिक निर्माण सहित अन्य विभागों की मदद ली जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल की पालना में सख्ती के साथ-साथ समझाइश पर भी जोर दें और अधिकारियों का आम लोगों के साथ व्यवहार संयत हो. सीएम गहलोत में आगे कहा कि कोरोना की लड़ाई में जनसहयोग आवश्यक है.

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