विकट स्थितियों के बीच सीएम गहलोत ने राज्य कर्मचारियों को दिवाली पर दिया बोनस का तोहफा

इसके साथ ही अब कोविड-19 (Covid 19) के नाम से वेतन कटौती भी स्वेच्छा से होगी, अब तक कार्मिकों के वेतन से अनिवार्य रूप से कटौती की जा रही थी, राज्य के करीब 7.30 लाख से अधिक कर्मचारियों को तदर्थ बोनस दिए जाने से राजकोष पर करीब 500 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आना संभावित

Navbharat Times26
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Politalks.News/Rajasthan/AshokGehlot. कोरोनाकाल में उपजी विकट स्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के करीब साढ़े सात लाख गैर राजपत्रित कार्मिकों को दीपावली का तोहफा देते हुए बोनस देने की बड़ी घोषणा की है. इसके साथ ही अब कोविड-19 (Covid 19) के नाम से वेतन कटौती भी स्वेच्छा से होगी. अब तक कार्मिकों के वेतन से अनिवार्य रूप से कटौती की जा रही थी.

मुख्यमंत्री गहलोत के निर्णय के अनुसार कर्मचारियों को बोनस का 25 प्रतिशत हिस्सा नकद देय होगा तथा 75 प्रतिशत राशि कर्मचारी के सामान्य प्रावधायी निधि खाते (जीपीएफ) में जमा करवाई जाएगी. इसी प्रकार, एक जनवरी 2004 एवं इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को देय तदर्थ बोनस राज्य सरकार द्वारा एक पृथक योजना तैयार कर उसमें जमा कराया जाएगा. बता दें कि राज्य के करीब 7.30 लाख से अधिक कर्मचारियों को तदर्थ बोनस दिए जाने से राजकोष पर करीब 500 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आना संभावित है.

जानकारी साझा करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पूर्व में अकाल, बाढ़, भूकम्प, अतिवृष्टि एवं भू-स्खलन जैसी आपदाओं के समय कर्मचारियों ने आगे बढ़कर स्वेच्छा से वेतन कटौती करवाकर योगदान दिया है. साथ ही, ऐसे समय में जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, भामाशाह, एनजीओ, प्रवासियों सहित सभी लोगों का सहयोग मिलता रहा है. मार्च में कोविड-19 का प्रकोप सामने आने पर अधिकारियों-कर्मचारियों के 29 संगठनों ने सरकार को संक्रमण रोकने और पीड़ितों की सहायतार्थ वेतन से कटौती का अनुरोध किया था. बाद में मुख्य सचिव और एसीएस (वित्त) के साथ 20 अगस्त, 2020 को विभिन्न कर्मचारी संगठनों की बैठक में भी वेतन कटौती पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ कर्मचारी साथियों के वेतन कटौती समाप्त करने के अनुरोध पर आगे से यह कटौती स्वैच्छिक किए जाने का निर्णय लिया है.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं इस महामारी में जरूरतमंद लोगों की सहायता करते हुए कोविड-19 का उत्कृष्ट प्रबंधन किया है. जिसकी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना हुई है. संकट के इस समय में जीवन और जीविका बचाना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमारा प्रयास है कि जैसा उत्कृष्ट प्रबंधन अब तक किया गया, वैसा ही आगे भी बना रहे. वित्तीय संसाधनों के कारण यह विपरीत रूप से प्रभावित नहीं हो, इसके लिए प्रदेश को भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूर्ण राशि नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार वर्तमान में 5500 करोड़ रूपये का अतिरिक्त कर्ज ले रही है.

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दरअसल, वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकार के सामने बोनस देना बड़ी चुनौती थी. कार्मिकों को इस बात की आशंका थी कि इस बार दीपावली पर उन्हें बोनस नहीं मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री ने तदर्थ बोनस देने की घोषणा कर करीब साढे आठ लाख गैर राजपत्रित कार्मिकों को बड़ी राहत प्रदान की है. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राजकोषीय राजकोष पर करें 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.

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