Politalks.News/Rajasthan. कोरोना के इस महासंकटकाल में जीवनदायिनी ऑक्सीजन और वैक्सीन को लेकर असमंजस की स्थिति बनती जा रही है. जहां एक ओर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ सरकारों ने 1 मई से 18 से 44 साल के युवाओं को फ्री वैक्सीन देने की घोषणा कर दी है, तो वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केन्द्र सरकार से युवाओं को कोरोना वैक्सीन फ्री देने की मांग की है. सीएम गहलोत ने ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी और राज्यों द्वारा लगातार मांग करने के बाद केन्द्र सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के वैक्सीनेशन का फैसला किया है जिसका हम स्वागत करते हैं. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को भी फ्री वैक्सीन लगाने की घोषणा करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्री वैक्सीन ना मिलने पर युवाओं का केन्द्र सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ेगा.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 18 से 45 वर्ष की आयुवर्ग वालों के लिए कोरोना वैक्सीन लगाने की छूट दे दी है. अब प्राइवेट सेक्टर और राज्य सरकारें भी सीधे वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से टीका खरीद सकेंगी. लेकिन युवाओं को वैक्सीन की यह डोज फ्री में उपलब्ध होगी या नहीं इस पर अभी स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं. वहीं दूसरी ओर कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन के नए दामों की लिस्ट जारी कर दी है. इसमें प्राइवेट अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों के लिए दाम अलग-अलग रखा गया है. प्राइवेट अस्पतालों को सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन 600 रुपये में मिलेगी, जबकि सरकारी अस्पतालों को इसकी एक डोज के लिए 400 रुपये चुकाने होंगे. वर्तमान में भारत सरकार ही देश में सभी वैक्सीन की बिक्री और खरीद को नियंत्रित करती है. ऐसे में माना जा रहा है कि 18 से 45 वर्ष वालों को वैस्किन की डोज के लिए पैसे देने होंगे, जबकि 45 वर्ष से ऊपर वालों के लिए वैक्सीन की डोज मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रही है.
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ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केन्द्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष और अब 18 वर्ष अधिक आयु वर्ग के वैक्सीनेशन के लिए एक ही नीति अपनानी चाहिए. यह घातक कोरोना वायरस अब तेजी से फैल रहा है और संक्रमितों की मृत्यु दर भी अधिक है. ऐसे में केन्द्र सरकार को वैक्सीन की कीमत का भार युवाओं पर ना डालकर तेजी से निशुल्क वैक्सीनेशन करना चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्यों में सभी आयुवर्ग के लोगों को एक ही मेडिकल स्टाफ द्वारा वैक्सीन लगाई जाएगी, ऐसे में यह उचित नहीं होगा कि युवाओं से पैसे लिए जाएं और बाकी को निशुल्क वैक्सीन लगाई जाए.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे ट्वीट में लिखा कि कोविड के इस संकट में राज्यों पर अतिरिक्त भार पड़ने से आमजन को परेशानियां आएंगी और राज्यों में विकास कार्य भी प्रभावित होंगे. वहीं सीएम गहलोत ने प्राइवेट सेक्टर को वैक्सीन लगाने की अनुमति देने के केन्द्र के फैसले का भी स्वागत किया है. इससे सक्षम लोग वैक्सीन खरीद कर लगवा सकेंगे, सरकार पर भार भी कम होगा.