Politalks.news/UttarPradesh. केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसान बीते 9 महीने से आंदोलनरत है. कई राज्यों से पहुंचे किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है. ये किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं तो सरकार लगातार तीनों कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताते हुए आंदोलन खत्म करने की बात कह रही है. हाल ही में हुए 5 राज्यों के चुनावों किसानों ने कई राज्यों में जाकर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया था और जनता से बीजेपी को वोट ना देने की अपील भी की थी. तो वहीं आगामी 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ये किसान आंदोलन बीजेपी के लिए गले की फांस बन चुका है. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को तमाम राजनीतिक दल 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल मान रहे हैं. बीजेपी यूपी चुनाव जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है. तो वहीं यूपी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ हूंकार भरते हुए किसानों ने मुजफ्फरनगर में 5 सितम्बर को किसान महापंचायत का एलान किया है.
किसान आंदोलन के बीच यूपी चुनाव बना बीजेपी के लिए नाक का सवाल
यूपी विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए नाक का सवाल है क्योंकि यहां राम मंदिर सरीखे मुद्दों को लेकर बीजेपी चुनावी हुंकार भर रही है. तो वहीं तमाम विपक्षी दल किसान आंदोलन, बढ़ती महंगाई एवं रोजगार जैसे मुद्दों को हथियार बना मैदान में उतर चुकी है. हालांकि बीजेपी जैसे-तैसे कर के विपक्षी दलों से तो पार पा लेगी लेकिन किसान आंदोलन ने उनके नाक में दम भर रखा है. किसान नेता राकेश टिकैत पहले ही ये एलान कर चुके हैं कि, ‘पिछली बार की तरह इस बार भी किसान राज्यों में जाकर पंचायत करेंगे और जनता से बीजेपी को वोट ना देने की अपील करेंगे’. वहीं किसान आंदोलन की आगे की रणनीति क्या होगी इसके लिए कल रविवार (5 सितंबर) को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है.
किसान महापंचायत को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट
मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. किसान महापंचायत को लेकर मुजफ्फरनगर एवं उसके आसपास के जिलों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. प्रशासन ने मुजफ्फरनगर एवं उसके आसपास के जिलों में IPS भेजें हैं और साथ ही ADG राजीव सभरवाल और IG प्रवीण कुमार इस पूरी गतिविधि पर नजर बनाये हुए है.
अगर रोकने की कोशिश की तो तोड़कर जायेंगे
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत से रविवार से होने वाली किसान महापंचायत के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, ‘किसान महापंचायत में शामिल होने वाले किसानों की संख्या बता पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है. लेकिन मैं लोगों से वादा करता हूं कि ये संख्या आपकी कल्पना से भी बड़ी होगी’. टिकैत ने आगे कहा कि, ‘किसानों को महापंचायत में जाने से कोई नहीं रोक सकता, यह कोई सरकारी कार्यक्रम थोड़े है, अगर किसी ने किसानों को रोकने की कोशिश की तो हम तोड़कर जाएंगे’.
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यूपी में करेंगे 18 महापंचायत
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, ‘हमने सभी वालंटियर्स को महापंचायत की जिम्मेदारी दी है. इसके लिए एक इमरजेंसी नंबर भी शेयर किया गया है. महापंचायत के लिए किसान एक दिन पहले से मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू कर चुके हैं’. हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत का यूपी चुनाव से किसी भी प्रकार से संबंध को नकार दिया है. राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘इस महापंचायत का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. चुनाव तो 6 महीने बाद है लेकिन हम यूपी में 18 महापंचायत करेंगे’. उत्तर प्रदेश के किसानों की बात रखते हुए टिकैत ने कहा कि, ‘यूपी के किसानों को परेशानी हो रही है. पिछले 5 साल से राज्य में गन्ने के दाम नहीं बढ़े हैं, लेकिन बिजली के दाम बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने गन्ने के दाम में 5 रु प्रति किलो की बढ़ोतरी की है. क्या आप किसानों का अपमान कर रहे हैं’.
टुकड़ों में मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे किसान
मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसान छोटी-छोटी टुकड़ियों में पहुंचेंगे. दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों में टुकड़ों में किसान महापंचायत में शामिल होंगे. इसके लिए करीब 500 बसें किराये पर ली गई है. सभी बसें मुजफ्फरनगर से थोड़ा पहले रोक दी जाएंगी. वहीं, पंजाब से दो हजार से ज्यादा किसानों के पहुंचने की उम्मीद है. ये किसान अमृतसर, जालंधर और लुधियाना से ट्रेनों से मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे. किसान महापंचायत के लिए 5000 वालंटियर भी बनाए गए हैं. अब देखना यह होगा की मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत से किसानों के लिए क्या आदेश निकलकर सामने आता है. बीजेपी इस महापंचायत पर टकटकी लगाकर बैठी है. क्योंकि किसान आंदोलन ही यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा का भविष्य तय करेगा.