पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम देने की हामी भरने और गुरुवार को आदित्य ठाकरे की जगह एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद यहां सब कुछ ठीक होते दिखने लगा था, लेकिन अब लगने लगा है कि स्थितियां पहले से कहीं ज्यादा उलझने लगी हैं. भाजपा-शिवसेना गठबंधन में 50-50 फॉर्मूले पर मचे दंगल के बीच पार्टी प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि लिखकर ले लीजिए, मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. राउत ने ये भी कहा कि जिनके पास बहुमत नहीं है, वे सरकार बनाने की ना सोचें.
बात यहीं थम जाती तो बात कुछ और होती लेकिन संजय राउत ने ट्वीटर पर पर बिना किसी का नाम लिए भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘साहिब…*
*मत पालिए, अहंकार को इतना,*
*वक़्त के सागर में कईं,*
*सिकन्दर डूब गए..!’
*साहिब…*
*मत पालिए, अहंकार को इतना,*
*वक़्त के सागर में कईं,*
*सिकन्दर डूब गए..!*— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 1, 2019
हालांकि संजय राउत (Sanjay Raut) ने यहां किसी का नाम नहीं लिया लेकिन इशारों इशारों में ही सही, देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा पर वार तो कर ही दिया.
यह भी पढ़ें: ‘महाराष्ट्र में जब तक कोई रास्ता नहीं निकलता, ‘नायक’ को ही मुख्यमंत्री बना दो’
भाजपा से गठबंधन की बात पर संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया तय वादों के हिसाब से ही आगे बढ़ेगी. हम लोग कोई ट्रेडर नहीं हैं. शिवसेना अकेले दो तिहाई बहुमत जुटा सकती है. वहीं गुरुवार शाम संजय राउत और एनसीपी चीफ शरद पवार के बीच हुई मुलाकात के चर्चे भी सियासी गलियारों में गर्म हैं. इस पर संजय राउत ने साफ किया कि शरद पवार राज्य के बड़े नेता हैं, उनसे मुलाकात के कुछ और मायने नहीं निकालने चाहिए. उन्होंने इस मुलाकात को सिर्फ दिवाली मिलन बताया. साथ में ये भी कहा कि जनता अब शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहती है.
बता दें, भाजपा की ओर से शिवसेना को कैबिनेट में 13 मंत्रालय के साथ डिप्टी सीएम के पद का प्रस्ताव दिया जा रहा है कि लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की बात कर रही है. इससे पहले फडणवीस ने प्रदेश भाजपा के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कहा था कि मसलों को सुलझा लिया जाएगा और प्रदेश में भाजपा-शिवसेना की सरकार बनेगी. इस पर शिवसेना अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए लगातार भाजपा पर पलटवार कर रही है. बीच बीच में शरद पवार की तारीफ भी हो रही है.
कांग्रेस पहले ही शिवसेना को सीएम पद का आॅफर देते हुए समर्थन देने की बात कह चुकी है लेकिन एनसीपी नेता शरद पवार ने जनाधार का सम्मान करते हुए विपक्ष में बैठने की इच्छा जाहिर की है. अगर एनसीपी किसी भी पार्टी को समर्थन नहीं देती है और भाजपा का शिवसेना के साथ समझौता नहीं होता है तो भाजपा का केवल निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाना एकदम नामूमकिन हो जाएगा.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ लड़ी हैं, जिसमें भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है. वहीं, एनसीपी ने विधानसभा में 54 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 288 44 सीटें जीतीं हैं. इस तरह प्रदेश में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 145 सीटों का बहुमत चाहिए.