इनकम टैक्स की कार्रवाई पर बोले मुख्यमंत्री ‘ये है असली बदलापुर’, सरकार को अस्थिर करने की राजनीतिक साजिश- भूपेश बघेल

पिछले 48 घंटों में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में इनकम टैक्स की कार्रवाई जारी, मुख्यमंत्री के करीबियों को बनाया जा रहा निशाना, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, सीएम बघेल ने कहा 'ये है असली बदलापुर'

Bhupesh Bhagel
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पॉलिटॉक्स न्यूज/छत्तीसगढ़. राजधानी रायपुर सहित प्रदेशभर में जारी इनकम टैक्स की कार्रवाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीति से प्रेरित बताते हुए इन पर लीगल एक्शन लेने की बात कही है. बता दें, शुक्रवार दोपहर सीएम बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित उनके करीबी सहयोगियों पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की. इनकम टैक्स विभाग की टीम ने चौरसिया के बंगले पर छापा मारा. गदलपुर में भी दो कारोबारियों के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं. टीम में आधा दर्जन अधिकारी और सीआरपीएफ जवान शामिल हैं. विभाग की इस कार्यवाही को सीएम बघेल ने सरकार को अस्थिर करने की साजिश बताया और कहा ‘ये है असली बदलापुर’. इससे पहले मुख्यमंत्री बघेल शुक्रवार रात मंत्रिमंडल के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार को इस कार्रवाई के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई. यह राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कभी किसी कार्रवाई से रोका नहीं है. फिर इस तरह से बिना जानकारी दिए, स्थानीय पुलिस को भरोसा में लिए कार्रवाई करना जाहिर तौर पर दुर्भावनापूर्ण है. उन्होंने ट्वीट करते हुए बीजेपी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लिखा ‘ये है असली बदलापुर‘.

पिछले 48 घंटे में रायपुर सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों में इनकम टैक्स की कार्रवाई जारी है. इसमें आईएएस अधिकारी सहित, कांग्रेस के नेता और राज्य सरकार के करीबी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना छत्तीसगढ़ शासन की अनुमति के केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है. यह असंवैधानिक और संघीय ढांचे के खिलाफ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इसके खिलाफ लीगल एक्शन लेंगे.

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दूसरी ओर, छापे के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन 19 कारों को जब्त कर लिया जिसे छापेमारी के लिए कथित तौर पर आयकर अधिकारियों ने किराये पर लिया था. पुलिस का कहना है कि 1 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रायपुर दौरे के मद्देनज़र वो वाहनों की जांच कर रहे थे. सारी गाड़ियां नो-पार्किंग ज़ोन में खड़ी थीं इसलिए उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार जुर्माना वसूल किया और वाहनों को छोड़ दिया. वहीं बीजेपी नेताओं ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और आरोप लगाया कि पुलिस इनकम टैक्स के छापे को रोकने की कोशिश कर रही थी.

बता दें, गुरुवार को इनकम टैक्स विभाग ने कथित रूप से राज्य के वाणिज्य और उद्योग विभाग में संयुक्त सचिव एके टुटेजा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर, शराब कारोबारी पप्पू भाटिया, पूर्व विधायक गुरुचरण शरण होरा की संपत्तियों पर छापा मारा. आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा भूपेश बघेल सरकार के करीबी हैं और उनकी शिकायत पर ही कांग्रेस सरकार ने नागरिक अपूर्ति निगम घोटाले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था जिसे आमतौर पर नान घोटाले के रूप में जाना जाता है. पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड को भी भूपेश बघेल सरकार का करीबी माना जाता है.

इनकम टैक्स विभाग की इस छापेमारी के लिए दिल्ली से 300 से अधिक अधिकारियों की एक टीम जुटी थी. मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सर्किल के अधिकारियों को कार्रवाई से दूर रखा गया था. गौर करने वाली बात है कि राज्य सरकार की आर्थिक अपराध शाखा ने पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह जो पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी सहयोगी हैं, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जिसके ठीक एक दिन बाद इनकम टैक्स ने भूपेश बघेल के करीबियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.

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वहीं राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, ‘मीडिया से जानकारी मिली है कि रायपुर में कथित तौर पर आयकर के छापे पड़े हैं. इनमें मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अधिकारी भी शामिल हैं. जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, यह छत्तीसगढ़ सरकार पर राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित सीधे हमले की तरह लग रही है. विडंबना है कि छत्तीसगढ़ सरकार को अभी तक सूचना भी नहीं दी गई है कौन सी एजेंसी छापा डाल रही है. बिना अनुमति अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है. यह दबाव बनाने के लिए कार्रवाई लग रही है’.

ज्ञापन में ये भी लिखा हुआ है कि पूर्व की भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की सरकार जांच कर रही है. लगातार कई मामले में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. इसी बौखलाहट में केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रही है. इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र पर हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. चाहे बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग या जगदलपुर हो, सब जगह रात में इतनी सारी गाड़ियां घूम रही हैं. कानून व्यवस्था देखने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है. हमने आपत्ति नहीं की है लेकिन संबंधित एसपी को कम से कम खबर देना चाहिए था’.

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