पॉलिटॉक्स ब्यूरो. एक महिला आईएएस अफसर के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणियों का मामला ब्यूरोक्रेसी के गलियारों से निकल कर शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में भी गूंजा. सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट करने के आरोप से घिरे अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता राजेश टंडन के खिलाफ अब भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री अनिता भदेल ने भी मोर्चा खोल दिया है. भाजपा विधायक अनिता भदेल ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए इस मुद्दे को उठाया. भदेल ने कहा कि अजमेर में पोस्टेड सभी महिला आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर बहुत अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया और बहुत सारे ग्रुपों में उसे वायरल किया गया।
दरअसल, अजमेर में चार महिला आईएएस अफसरों ने एक वकील पर आरोप लगाए हैं, इन वकील का नाम राजेश टंडन है और ये कांग्रेस के नेता भी हैं, आरोप हैं कि राजेश ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक मैसेज शेयर किया. इस मैसेज में राजेश टंडन ने लिखा है कि एक महिला आईएएस ऑफिसर का अश्लील वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें उस महिला का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया है. लेकिन ये लिखा गया है कि इस महिला अधिकारी से दूरी बनाए रखनी चाहिए.
इस पर जिस महिला आईएएस अफसर की तरफ इशारा करके यह पोस्ट लिखी गई, उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन कथित रूप से कोई कार्रवाई नहीं की गई. उसके बाद पूरे अजमेर जिले में कार्यरत कुल चार महिला अफसरों में से शेष बचीं तीन और महिला आईएएस अधिकारियों ने इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करा दी है. लेकिन इसी बीच आरोपी अधिवक्ता राजेश टण्डन ने गिरफ्तारी पर कोर्ट से स्टे ले लिया है.
शुक्रवार को विधानसभा में मामले को उठाते हुए विधायक अनिता भदेल ने सदन से कहा कि मैं कुछ बानगी आपको बताना चाहती हूं. इसके बाद भदेल ने वाट्सएप ग्रुप्स में चल रही टिप्पणियों को पढ़कर सुनाया…जिसमें लिखा था कि महिला आईएएस अधिकारी की अापत्तिजनक वीडियो क्लिपिंग अजमेर में वायरल है. इस दौरान भदेल ने कहा कि इतनी गंदी भाषा का इस्तेमाल करने वाले महाशय लिखते हैं कि महिला अधिकारी का चरित्र देखकर उन्हें वेदना हो रही है और बाद में कहते हैं कि मैंने तो इसे नहीं देखा लेकिन जिसने भी इसे देखा है वह भी इसे आगे वायरल नहीं करे. इस पर अनिता भदेल ने पूछा कि जब उन्होंने कुछ देखा ही नहीं तो इतनी गंदी चीजों को सोशल मीडिया पर डालने का क्या तुक है?
भाजपा विधायक भदेल ने आगे कहा कि राज्य में अब ब्यूरोक्रेसी में उच्च पदों पर कार्यरत महिलाओं को भी ब्लैकमेल किया जा रहा है, ताकि लोग अपने काम करवा सकें. इस तरह महिला आईएएस अफसरों को ब्लैकमेल किया जाएगा तो यह कहां तक उचित है. भदेल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आईएएस अधिकारियों ने टंडन के खिलाफ कोतवाली और सिविल लाइंस थाने में मुकदमे भी दर्ज कराए लेकिन उनकी तत्काल गिरफ्तारी की बजाय उन्हें कोर्ट से स्टे लेने का समय दिया गया.
विधायक अनीता भदेल ने कहा कि अगर कोई आम आदमी ऐसा करता तो उसे हाथों-हाथ गिरफ्तार कर लिया गया होता. इस मामले से यह कल्पना भी की जा सकती है कि राज्य में महिला आईएएस ही इस तरह मजबूर हैं तो आम महिला की क्या हिम्मत होगी. ऐसे हालात में तो महिलाओं का सरकारी नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा. यह महिलाओं के आत्म सम्मान और सुरक्षा का विषय है, ऐसे में सरकार आधी आबादी का ध्यान रख.
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वहीं राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने इस मामले में सरकार से मांग की है कि इस पर तुरंत कदम उठाया जाए. उधर अधिवक्ता राजेश टंडन का इस मामले में कहना है कि उन्होंने किसी भी महिला अधिकारी का नाम नहीं लिया है, अपने बचाव में राजेश टण्डन ने ये कहा कि उन्होंने सिर्फ लोगों को आगाह किया था कि इस तरह का वीडियो वायरल होने की सूचना है, ताकि लोग इसे फॉरवर्ड न करें और शेयर न करें.