भारी विरोध के बीच देशभर में नागरिकता संशोधन कानून हुआ लागू, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में होगी आसानी, वहीं मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में यह कानून नहीं होगा लागू

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 शुक्रवार से पूरे देश में लागू हो चुका है. केन्द्र सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है. सीएए के खिलाफ देश के तमाम शहरों में प्रदर्शन हुए हैं और कई जगह अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं नागरिकता संशोधन कानून पर देश के कई इलाकों में हिंसा भी देखने को मिली है. हालांकि सरकार द्वारा सीएए का नोटिफिकेशन जारी करने के साथ ही 10 जनवरी 2020 से यह कानून पूरे देश में लागू हो चुका है.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में लिखा है, ‘केंद्रीय सरकार, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 47) की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 10 जनवरी 2020 को उस तारीख के रूप में नियत करती है जिसको उक्त अधिनियम के उपबंध प्रवृत होंगे.’

गौरतलब है कि नागरिकता अधिनियम, 1955 में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल लेकर आई. बिल को संसद के दोनों सदनों में पास करवाया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया. अब सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इसके साथ ही अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी. अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था.

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वहीं नागरिकता संशोधन कानून का पूर्वोत्तर में जबरदस्त विरोध देखा गया. असम, मेघालय समेत कई राज्यों में लोग सड़कों पर उतर आए. हालांकि सरकार ने कानून लागू करते वक्त ऐलान किया कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में यह कानून लागू नहीं होगा.

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