Politalks.News/UttarPradesh. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. लेकिन चुनाव परिणामों के कुछ दिनों बाद ही दोनों दलों ने एक दूसरे से संबंध ‘तोड़‘ लिए थे. अब एक बार फिर यूपी विधानसभा चुनाव से पहले दोनों के बीच ‘तकरार‘ और बढ़ती जा रही है. मायावती और अखिलेश के टकराव की मुख्य वजह बने हैं बसपा के बागी विधायक. इन विधायकों ने पिछले महीने सपा प्रमुख से मुलाकात की. उसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव को ‘चेतावनी‘ भी दी थी. आज पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जन्मदिन पर एक बार फिर बसपा के बागी विधायकों ने मायावती का ‘आक्रोश‘ और बढ़ा दिया.
बता दें कि आज 1 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्मदिन है. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश को फोन करके बधाई दी. लेकिन मायावती ने सामान्य ‘शिष्टाचार‘ भी नहीं निभाया. बसपा प्रमुख ने अखिलेश को न बधाई दी न ट्वीट और न ही कोई फोन किया‘. लेकिन बसपा के निलंबित विधायक अखिलेश के जन्मदिन के मौके पर उनके समर्थन में खुलकर आ गए. बता दें कि अखिलेश यादव का जन्म दिन बीएसपी के निलंबित विधायकों ने धूमधाम से आयोजित किया. ‘सभी नौ विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में अखिलेश का बर्थ डे मनाया. इस दौरान उन्होंने हैप्पी बर्थडे के गीत गाए और अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने की कसमें खाईं‘. यह वही विधायक है जो बसपा के टिकट पर पिछली बार विधानसभा चुनाव जीते थे. एक समय मायावती के जन्मदिन पर यह विधायक खुशियां मनाते थे लेकिन आज अखिलेश के बर्थडे पर ‘झूम‘ रहे थे. विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच अखिलेश को यह बड़ा ‘तोहफा‘ मिला है.
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गौरतलब है कि बसपा के बागी विधायकों ने बीती 15 जून की सुबह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी. हालांकि छह बागी विधायक ही अखिलेश से मिलने गए थे. इनमें भिनगा-श्रावस्ती से विधायक असलम राइनी, प्रतापपुर-इलाहाबाद से विधायक मुजतबा सिद्दीकी, हांडिया-प्रयागराज से विधायक हाकिम लाल बिंद, सिधौली-सीतापुर से विधायक हरगोविंद भार्गव, ढोलाना-हापुड़ से विधायक असलम अली चौधरी और मुंगरा बादशाहपुर विधायक सुषमा पटेल शामिल थे. इसी के बाद मायावती और अखिलेश के बीच घमासान और तेज हो गया था.
आपको बता दें, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद असलम राइनी ने कहा था कि बसपा के सभी बागी विधायक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, जिसके नेता बसपा से निष्कासित लालजी वर्मा होंगे. गौरतलब है कि नई पार्टी बनाने के लिए 12 विधायकों की जरूरत होती है. असलम राइनी के मुताबिक बसपा के बागी विधायकों की संख्या 11 पहुंच चुकी है. उन्होंने दावा किया कि एक और विधायक का साथ मिलते ही नए राजनीतिक दल का एलान कर दिया जाएगा. पिछले महीने ही मायावती ने अपने दो विधायकों राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को पार्टी से निष्कासित किया था. बसपा के इन निलंबित विधायकों के सपा की ओर रुझान से मायावती तिलमिलाई हुईं हैं.
वहीं दूसरी ओर 48 साल के हो चुके अपने नेता अखिलेश यादव का जन्मदिन सपा कार्यकर्ताओं ने भी केक काटकर धूमधाम से मनाया. इस मौके पर ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश को जन्मदिन की सीधे फोन और ट्वीट के माध्यम से शुभकामनाएं दीं. बता दें कि पिछले महीने 5 जून को जब सीएम योगी का जन्मदिन था तब अखिलेश यादव ने भी उन्हें फोन करके बधाई दी थी. ट्वीट करते हुए योगी ने लिखा कि- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई. ‘प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं‘.
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वहीं अपने जन्मदिन के अवसर पर भी अखिलेश भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधने से नहीं चूके. अखिलेश यादव डॉक्टर्स डे के मौके पर उन्होंने बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया. अखिलेश ने एक ट्वीट कर कहा कि- ‘नेशनल डॉक्टर्स डे की बधाई एवं शुभकामनाएं, कोरोना काल में जबकि बीजेपी सरकार बुरी तरह नाकाम है, डॉक्टरों ने ही आगे आकर मोर्चा संभाला है, उन्हें चतुर्दिक सुरक्षा देना सरकार का दायित्व है. डॉक्टर जीवन की आशा का दूसरा नाम होता है’.
आइए जानते हैं अखिलेश यादव के निजी और राजनीतिक जीवन के बारे में. पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को सैफई गांव में हुआ था. अखिलेश, मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी के बेटे हैं. घर का उनका नाम ‘टीपू‘ रखा गया था. अखिलेश ने राजस्थान के धौलपुर के मिलिट्री स्कूल से उन्होंने शुरुआती पढ़ाई की. फिर मैसूर के जेएसएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से सिविल इन्वायरमेंट इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया उसके बाद ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई की.
अखिलेश ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 2000 में की थी. वह कन्नौज सीट से उपचुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. बता दें कि 2004 और 2009 में भी अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव जीते. 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव सपा के स्टार प्रचारक थे और उन्होंने सपा क्रांति रथ निकाला था. अखिलेश की मेहनत का नतीजा रहा कि 2012 में सपा 225 सीटों पर जीत गई और अखिलेश यादव 38 साल की उम्र में यूपी के मुख्यमंत्री बन गए. अखिलेश की पत्नी डिंपल भी कन्नौज से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. फिलहाल उत्तर प्रदेश में भाजपा और सपा के बीच ‘मिशन 22‘ को लेकर घमासान मचा हुआ है. इन दिनों दोनों राजनीतिक दल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर आमने सामने हैं.