होम ब्लॉग पेज 3280

केरल के वायनाड से राहुल गांधी के सामने वेलापल्ली होंगे एनडीए के उम्मीदवार

PoliTalks news

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी परम्परागत उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट के साथ केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं. अमेठी लोकसभा सीट से बीजेपी ने स्मृति ईरानी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं एनडीए ने तुषार वेलापल्ली को वायनाड सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. तुषार वेल्लापल्ली भारत धर्म जन सेना पार्टी के अध्यक्ष हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट करके एनडीए उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया है. अमित शाह ने ट्वीट में कहा, ‘मैं गर्व से तुषार वेल्लापल्ली को केरल की वायनाड सीट से एनडीए का उम्मीदवार घोषित करता हूं.’

इससे पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कहा कि केरल की वायनाड सीट का चयन का फ़ैसला दक्षिण भारत के चार राज्यों, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कांग्रेस को मज़बूत करने के लिए लिया गया है. राहुल गांधी इस सीट से चुनाव लड़कर तीन राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करेंगे.


गौरत​लब है कि अमेठी सीट से स्मृति ईरानी के फिर से बीजेपी प्रत्याशी घोषित करने के बाद राहुल गांधी को एक और सुरक्षित सीट की जरूरत पड़ी. किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने की बात पर राहुल गांधी ने कहा था कि अमेठी उनकी कर्मभूमि है. अमेठी से उनका रिश्ता परिवार के सदस्य का है. इसलिए अमेठी को छोड़ नहीं सकते.
अमेठी सीट से समृति ईरानी को लगातार तीसरी बार बीजेपी की उम्मीदवार बनाया गया है.

बात करें वायनाड लोकसभा सीट की, 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट वजूद में आई. इस लोकसभा सीट के अन्तर्गत केरल के तीन जिलों कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुरम की सात विधानसभा सीटें आती हैं. 2009 और 2014 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के एमवाई शनावास ने जीत दर्ज की थी.

ओडिसा: बीजेपी ने जारी की 14 उम्मीदवारों की सूची, 11 विधानसभा प्रत्याशी शामिल

PoliTalks news

बीजेपी ने ओडिसा में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 5वीं सूची जारी की है. इस लिस्ट में 11 उम्मीदवारों के नाम हैं. इसी लिस्ट में 3 लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी भी शामिल हैं. बता दें, ओडिसा में 21 सीटों पर लोकसभा चुनाव और 147 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं. सूची के अनुसार, मयूबगंज सीट से बिस्वेसर टुडू, भद्रक से अभिमन्यु सेठी और जैजपुर से अमिया मल्लिक को लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है.

PoliTalks news

विधानसभा चुनावों के लिए आनंदापुर सीट से आलोक सेठी, रायरंगपुर से नबा चरन माझी, मोरादा से कृष्णा मोहपात्रा, नीलगिरि से सुकंता नायक, अत्थामलिक से भागीरथी प्रधान, बनकी से शुभरांशु शेखर पधी, अथागढ़ से ब्रजेंद्र रॉय, पटकुरा से बिजय मोहापात्रा, पुरी से जयंता सरांगी और भुवनेश्वर उत्तर सीट से अपरांजति मोहंती को टिकट दिया गया है.

गौरतबल है कि ओडिसा में 4 चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 11 अप्रैल को होगी. दूसरे चरण के लिए मतदान 18 अप्रैल को, तीसरे चरण के लिए 23 अप्रैल को और अंतिम चरण के लिए वोटिंग 29 अप्रैल को होगी.

सपना चौधरी बनेंगी बीजेपी की स्टार प्रचारक, पार्टी में शामिल होने की चर्चा

Politalks News

हरियाणवी डांसर सपना चौधरी पिछले कुछ समय से कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी से जुड़ने की खबरों से चर्चा में बनी हुई हैं. हाल ही में कांग्रेस ने सपना के पार्टी में शामिल होने की पुष्टि की थी लेकिन सपना ने इसका खंडन कर दिया. अब उनके बारे में एक और बड़ी खबर आ रही है. दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बताया कि अब सपना चौधरी बीजेपी की स्टार प्रचारक के तौर पर पार्टी से जुड़ेंगी. हालांकि बीजेपी में शामिल होने के बारे में फिलहाल कोई ऐलान नहीं हुआ है.

मिली जानकारी के अनुसार सपना चौधरी जाट और पूर्वांचली जनसंख्‍या वाली दिल्‍ली की दक्षिण और उत्‍तर पूर्वी लोकसभा सीटों पर प्रचार करेंगी. बता दें, सपना चौधरी के घर पर मनोज तिवारी से रविवार को हुई मुलाकात में सपना के पार्टी में स्‍टार प्रचारक के रूप में काम करने को लेकर फैसला हुआ है. करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात में मनोज तिवारी ने सपना से चुनाव प्रचार सहित कई मुद्दों पर बातचीत भी की.

बीजेपी में शामिल होने के कयासों के बीच मनोज तिवारी ने कहा कि वह लगातार सपना चौधरी के संपर्क में हैं. जल्दी ही इसे लेकर अच्छी खबर आ सकती है. इससे पहले सपना चौधरी मथुरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर विवादों में रह चुकी हैं.

बता दें, लोकसभा चुनाव के करीब आते ही सेलिब्रिटिज के राजनीतिक पार्टियों में शामिल होने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई हैं. उन्हें मुंबई उत्तर से कांग्रेस चेहरा बनाकर चुनावी दंगल में उतारा गया है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं. ममता बनर्जी की तृणमूल पार्टी ने भी दक्षिण भारत की दो अभिनेत्रियों को टिकट दिया हे.

उत्तर प्रदेश: बीएसपी ने जारी की 6 प्रत्याशियों की सूची

PoliTalks news

मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बीएसपी व सपा गठबंधन के तहत तय की गई अपने कोटे की 6 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं. जारी सूची के अनुसार, शाहजहांपुर (एससी) सीट से बीएसपी की ओर से अमर चन्द्र जौहर को टिकट मिला है. इसी प्रकार मिश्रिख (एससी) सीट से से नीलू सत्यार्थी और फर्रूखाबाद से मनोज अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित किया है. अकबरपुर से निशा सचान और जालौन (एससी) से पंकज सिंह को बीएसपी चेहरा बनाया है. हमीरपुर लोकसभा सीट से दिलीप कुमार सिंह को टिकट मिला है.

इससे पहले बीएसपी ने अपने कोटे की 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. इसमें सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सीकरी व आंवला लोकसभा सीटें शामिल हैं. गठबंधन के तहत सपा और बसपा ने नए नारे और लोगो से चुनावी अभियान का आगाज किया है. नारे में सपा के चुनाव चिह्न साइकिल के ‘सा’ और बसपा के चुनाव चिह्न हाथी के ‘थी’ को जोड़कर ‘साथी’ बनाया है.’

बता दें कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में 75 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. दोनों के पास 38-38 सीटें हैं. रायबरेली और अमेठी सहित दो सीट कांग्रेस और 3 सीटें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिए छोड़ी हैं. यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं.

चुनावी राजनीति में पहचान और सम्मान के संकट से जूझती तीसरी आबादी

Politalks

भारतीय समाज में किन्नर, स्त्रियों की अपेक्षा और भी ज्यादा हाशिए पर है. उनके सामने अभी भी अपनी पहचान और सम्मान का संकट है. ऐसे में इस तबके के लिए राजनीति में हाथ आजमाना बड़ी बात है. एक दशक पहले तक पंचायत चुनावों में पहली बार जीतकर आई महिलाओं की जो स्थिति थी,  कुछ वैसी ही स्थिति अभी राजनीति में किन्नरों की है. ऐसे में प्रयागराज लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर मां भवानी तीसरी आबादी के लिए उम्मीद की किरण हैं.

यूपी की इलाहाबाद सीट को राजनीतिक दृष्टि हाई प्रोफाइल माना जाता है. इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री,  वीपी सिंह,  मुरली मनोहर जोशी, जनेश्वर मिश्रा जैसे दिग्गजों के साथ ही महानायक अमिताभ बच्चन भी चुनाव जीतकर सांसद रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर होगी. वर्तमान में इस सीट से श्यामाचरण गुप्त सांसद हैं, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट से जीत हासिल की थी, लेकिन चुनाव से ठीक पहले वे समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए हैं.

बीजेपी ने इलाहाबाद से योगी सरकार की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को टिकट दिया है. यहां से कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता और उनकी पत्नी मेयर अभिलाषा गुप्ता भी दावेदार थे. बताया जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने की वजह से गुप्ता दंपत्ति नाराज है. वहीं, कांग्रेस ने अभी तक इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जो समीकरण सामने हैं, उनके हिसाब से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार मां भवानी की राह आसान नहीं है. उनके पास न तो कोई स्थायी वोट बैंक है और न ही पार्टी केडर.

हालांकि मां भवानी के चुनाव को लेकर उत्साहित हैं. वे कहती हैं, ‘हम सन्यासी हैं, हमारा भरण-पोषण जनता करती है. इसलिए उनके लिए हमें भी कुछ करना चाहिए. इसी भावना को लेकर चुनाव लड़ने जा रही हूं, ताकि उस पंचायत में आम जनता की आवाज रख सकूं. मैं किसी को हराने के लिए नहीं जीतने के लिए चुनाव लड़ रही हूं. गरीबी, नोटबंदी और बेरोजगारी हमारे मुख्य मुद्दे होंगे.’ यदि वे चुनाव जीतती हैं तो किन्नरों के उस क्लब में शामिल हो जाएंगी, जिन्होंने चुनावी राजनीति में झंडे गाड़े हैं.

एमपी में सफल ‘शबनम’

देश की पहली किन्नर विधायक मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 2000 में चुनी गईं. मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले की सोहागपुर सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में शबनम मौसी ने शानदार जीत दर्ज कर देश की राजनीति के इतिहास में नया पन्ना जड़ा. 14 से अधिक भारतीय भाषाओं की जानकार शबनम मौसी को उस समय 44.08 फीसदी वोट मिले थे और उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी को 17,863 वोटों से हराया था. 2002 के विधानसभा चुनाव में वह फिर चुनाव मैदान में उतरीं, लेकिन हार गईं.

गोरखपुर में ‘आशा’ की किरण

किन्नर शबनम मौसी के विधानसभा उप चुनाव जीतने का संदेश पूरे देश में पहुंचा. इसी का असर था कि 2001 के नगर निगम चुनाव में गोरखपुर की जनता ने एक अलग तरह का इतिहास रचा. तमाम राजनैतिक पार्टियों और दिग्गजों को दरकिनार कर जनता ने किन्नर आशा देवी उर्फ अमरनाथ के पक्ष में राजनीति के नए समीकरण गढ़े. उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ सांसद थे. चूड़ी चुनाव चिह्न के बल पर आशा देवी ने सपा प्रत्याशी अंजू चौधरी को 60 हजार वोटों से पराजित किया. चुनाव में आशा देवी को 1.08 लाख, सपा की अंजू चौधरी को 45 हजार और भाजपा की विद्यावती देवी को 13 हजार वोट मिले.

अयोध्या में ‘गुलशन’ का गदर

अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में 2012 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में गुलशन ने एक बार फिर राजनीति का ढर्रा बदलने का प्रयास किया. गुलशन जीत तो नहीं पाईं, लेकिन 20 हजार से ज्यादा वोट हासिल कर भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार का कारण जरूर बनीं. गुलशन इसके बाद नगर पालिका परिषद चैयरमैन का चुनाव लड़ी और 200 वोटों से हारीं. 2017 के नगर निगम चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना मेयर प्रत्याशी बनाया. गुलशन ने इतनी मजबूत टक्कर दी कि भाजपा प्रत्याशी ऋषिकेश उपाध्याय सिर्फ 35 सौ वोटों से जीत पाए. उपाध्याय को 44628 वोट मिले जबकि गुलशन ने 41,035 वोट हासिल किए.

लखनऊ में ‘पायल’ की गूंज

वैसे तो एमपी में शबनम मौसी के विधायक और आशा देवी के गोरखपुर की मेयर बनने के बाद तेजी के किन्नरों ने चुनाव में अपनी किस्मत अजमाई, लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं लगी. 2002 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सौ से अधिक किन्नर प्रत्याशी मैदान में उतरे जबकि यूपी से 18 किन्नरों ने अलग-अलग सीटों से नामांकन दाखिल किया. इनमें पायल सहित तीन किन्नर लखनऊ की अलग-अलग विधानसभाओं से प्रत्याशी थे. पायल लखनऊ पश्चिम की उस सीट से मैदान में थी, जहां से भाजपा के धुरंधर नेता लालजी टंडन चुनाव जीता करते थे. पायल ने इस सीट पर अच्छा प्रदर्शन किया.

2019 के चुनावी रण में ‘चौकीदार’ बने नरेंद्र मोदी के विपक्ष पर 19 तीखे कटाक्ष

Politalks News

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के तहत अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर कटाक्ष किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में उन्हें जो सफलता मिली है, उनका मूल कारण जनभागीदारी है. मोदी ने कहा कि चौकीदार का मतलब सिर्फ टोपी पहनकर सीटी बजाना नहीं है. कांग्रेस के कुछ नेता अपनी बुद्धि की वजह से सिर्फ ऐसा ही सोचते हैं.  अपने भाषण में मोदी ने विपक्ष पर 19 बड़े हमले किए:

  1. 2019 में जब मैं शपथ लूंगा तो वो शपथ अकेला मोदी नहीं लेने वाला है. 130 करोड़ हिंदुस्तानी लेने वाले हैं और सबसे बड़ी शपथ होती है कि हम अधिकार और कर्तव्य को संतुलित करेंगे. देश की जनता फिर से एक बार हमे देश की सेवा करने का मौका देने वाली है. मुझे खुशी है कि देश का युवा दूर का देखते हैं. हम राजनेता तो अभी 11 को क्या होगा या 21 को क्या होगा इसी में लगे पड़े हैं और आप शपथ के विषय में सोच रहे हैं.
  2. गत 5 वर्ष आवश्यकताओं को पूरा करने को मैंने प्राथमिकताएं दीं, लेकिन अगले 5 वर्ष में मेरा फोकस आकांक्षाओं को पूर्ण करने पर होगा. आने वाले दिनों में मेरा पहला काम होगा देश को लूटने वालों के प्रति और ज्यादा कड़क होना और देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के क्लब में ले जाना हैं.
  3. कुछ लोग ये मान कर बैठे हैं की ये देश, ये सरकार उनकी पैतृक संपत्ति है. इसलिए उनको ये हजम नहीं होता की एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया. चुनावी वादे देने वाले लोग आजकल रेवड़ियां बांट रहे हैं. पहली बार वोट देने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि वादे करने वालों का आप ट्रेक रिकॉर्ड देखिए, उनके टेप रिकॉर्डर को मत सुनिए.
  4. कांग्रेस के झूठ सीजनल होते हैं. सीजन के हिसाब से वो झूठ बोलते हैं, फिर मैदान में छोड़ते हैं और इनका ईको सिस्टम इसे उठाता है. उनके झूठ की उम्र भी ज्यादा नहीं, कुछ झूठ की तो ‘बालमौत’ हो जाती है, लेकिन फिर भी उसे खींचते रहते हैं. इस झूठ का जवाब आसान है. सिर्फ सच बताते चलिए. सच की ताकत इतनी होती है कि झूठ टिक नहीं पाएगा.
  5. जो झूठ बोलता है तो उसके लिए पहली शर्त होती है कि उसकी मेमोरी पावर तेज होनी चाहिए, लेकिन वो एक दिन एक आंकड़ा बोले, दिन अगले दिन दूसरा. उनकी झूठ की फैक्ट्री उन्हें पकड़ा देती है की इस झूठ को चलाइए, लेकिन मेमोरी पावर कम होने के कारण वो पकडे जाते हैं.
  6. अगर एक परिवार की चार पीढ़ी, एक ही विषय को बार-बार कह रही है, पर कर कुछ भी नहीं रही है, तो नई पीढ़ी को,नए वोटर को ये बात समझनी चाहिए. पीएम ने कहा कि कुछ लोगों को पता हैं की वो सत्ता में तो आने वाले नहीं हैं, इसलिए वो ये भी देंगे, वो भी देंगे जैसे बहुत सारे झूठे वादे कर रहे हैं.
  7. कांग्रेस और उनकी सरकार दोनों ने ही डीबीटी योजना लॉन्च की थी. लेकिन इसका मतलब अलग-अलग था. पीएम ने कहा कि हमारे डीबीटी का मतलब डायरेक्ट डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसपर है जबकि उनके डीबीटी का मतलब डायरेक्ट बिचौलिया ट्रांसफर है.
  8. ‘मिशन शक्ति’ के द्वारा हमारे देश के वैज्ञानिकों ने वो शक्ति हासिल की है, जो हमसे पहले दुनिया के केवल 3 देशों के पास थी. क्या हिंदुस्तान को इस बात के लिए इंतजार करना चाहिए था. जबकि हमारे वैज्ञानिकों के पास इसे प्राप्त करने की क्षमता है तो किसी को हिम्मत करके इस पर निर्णय करना ही था. हमारे एक बुद्धिमान नेता कहते हैं कि इसे सीक्रेट रखना चाहिए था. जब अमेरिका, चीन और रूस ने डंके कि चोट पर किया तो हम गुपचुप क्यों करें.
  9. हमें टैक्सपेयर्स का गौरव करना चाहिए. मेरे लिए टैक्सपेयर्स देश के गरीबों की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. और जो गलत कर रहा है वो किसी भी हालत में बचना नहीं चाहिए. जब हिंदुस्तान के सामान्य मानवी के मन में ये भावना जगती है कि देश कब विकसित होगा। तो इस सवाल के पृष्ठ में ही देश की प्रगति की भावना दिखाई देती है.
  10. जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें पाई-पाई लौटानी पड़ेगी. 2014 से सारी चीजें इकट्ठा करना और समेटने का काम मैं कर रहा हूं. आपकी मदद से जेल के दरवाजे तक तो मैं इन लोगों को ले गया, कुछ जमानत पर हैं और कुछ डेट मांग रहे हैं.
  11. कुछ लोग विदेश की अदालतों में कहते हैं कि भारत की जेलों की स्थिति अच्छी नहीं है. अब इनको कोई महल में थोड़ी रखेगा. अंग्रेजों ने गांधी जी को जिस जेल में रखा था, मैं उनको उससे अच्छी जेल नहीं दे सकता.
  12. दुनिया का कोई नेता जब मुझसे हाथ मिलाता है या गले लगता है (गले पड़ता नहीं है), तो उसे मोदी नहीं दिखता, पूर्ण बहुमत वाली सरकार के माध्यम से सवा सौ करोड़ देशवासी उसे दिखते हैं, तब जाकर बराबरी वाली बात होती है.
  13. मुझ जैसे राष्ट्रीय राजनीति में अनजान व्यक्ति को देश की जनता ने 30 साल बाद पूर्ण बहुमत दिया. हमारे देश के राजनीतिक दलों को भी नहीं पता है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होती है. आज दुनिया में जो हिंदुस्तान की बात सुनी जाती है उसका कारण मोदी नहीं पूर्ण बहुमत की सरकार है.
  14. अगर मोदी अपने राजनीतिक भविष्य का सोचता, तो वो मोदी नहीं होता. अगर यही राजनीतिक पैंतरेबाजी से देश चलाना होता, अपने राजनीतिक हित को लेकर फैसले करने होते, तो मोदी की देश को कोई जरूरत नहीं थी.
  15. जहां तक निर्णय का सवाल आता है तो आपने इस देश में बहुत सारे प्रधानमंत्री देखें हैं या उनके विषय में सुना है. 2014 में भी कईं लोग उस कतार में थे. आज लाइन थोड़ी लंबी हो गयी है.
  16. बालाकोट मैंने नहीं किया, देश के जवानों ने किया है, हमारे सुरक्षा बलों ने किया है. इसलिए हम सबकी तरफ से उन्हें सैल्यूट. पाकिस्तान को लगता होगा की मोदी चुनाव में बिजी होगा तो शायद कुछ करेगा नहीं. मेरे लिए चुनाव प्राथमिकता नहीं है, देश प्राथमिकता है.
  17. हमने बहुत सारा समय भारत पाकिस्तान करने में ही गुजार दिया. अरे वो अपनी मौत मरेगा उसे छोड़ दो, हमे आगे बढ़ना है बस इसी पर हमारा ध्यान रहना चाहिए.
  18. चौकीदार न कोई व्यवस्था है, न कोई यूनिफॉर्म की पहचान है न कोई चौखट में बंधा है. चौकीदार एक स्प्रिट है, एक भावना है. देश की जनता को राजा-महाराजा की जरूरत नहीं है. देश की जनता को हुकुमदारों की जरूरत नहीं है. देश की जनता चौकीदार को पसंद करती है.
  19. 2014 में भाजपा ने मुझे दायित्व दिया उसके बाद मुझे देश के कौने कौने में जाने की नौबत आयी. तब मैंने देश के लोगों से कहा थी कि आप दिल्ली का दायित्व जो मुझे दे रहे हैं उसका मतलब है कि आप एक चौकीदार बैठा रहे हैं. मैंने तब कहा था कि मेरी ये कोशिश रहेगी कि मैं जनता के पैसे पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा। एक चौकीदार के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा.

राजस्थान: राज्यवर्धन के सामने बॉक्सर विजेंदर को उतारने की तैयारी में कांग्रेस

Politalks News

राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 19 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी कांग्रेस बाकी बची छह सीटों पर मजबूत प्रत्याशियों की तलाश कर रही है. पार्टी को जिन सीटों पर सबसे ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ रही है, उनमें जयपुर ग्रामीण भी शामिल है. बीजेपी ने यहां से कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है. कांग्रेस अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि उनके सामने किसे उतारा जाए.

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के सामने बॉक्सर विजेंदर सिंह को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. पार्टी के दो बड़े नेताओं ने विजेंदर को जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. इनमें से एक नेता राजस्थान के हैं जबकि दूसरे हरियाणा के. हालांकि विजेंदर ने अभी तक चुनाव लड़ने के लिए हामी नहीं भरी है, लेकिन कांग्रेस नेताओं को उनकी ओर से ‘हां’ की उम्मीद है.

यदि विजेंदर सिंह को कांग्रेस का टिकट मिलता है तो जयपुर ग्रामीण सीट पर खेल जगत के दो दिग्गजों में रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. आपको बता दें कि 23 साल भारतीय सेना में तैनात रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने डबल ट्रैप शूटिंग में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 25 पदक जीते हैं. उन्होंने 2004 के एथेंस ओलंपिक में राठौड़ ने भारत को डबल ट्रैप शूटिंग में रजत पदक दिलाया.

जबकि हरियाणा के भिवानी में जन्मे विजेंदर सिंह 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कास्यं पदक जीत चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई गेम्स और प्रेसिडेंट कप में कई पदक जीते हैं. विजेंदर सिंह 2015 से प्रोफेशनल बॉक्सिंग में हाथ आजमा रहे हैं. उन्होंने अपनी पहली फाइट सोनि व्हिटिंग के खिलाफ लड़ी और धमाकेदार जीत दर्ज की. विजेंदर अब तक प्रोफेशनल बॉक्सिंग में 10 मुकाबले लड़ चुके हैं और सभी में उन्होंने जीत दर्ज की है.

विजेंदर सिंह कांग्रेस के टिकट पर जयपुर ग्रामीण से राजनीति की रिंग में उतरते हैं तो वे इस जाट बाहुल्य इस सीट पर कर्नल राज्यवर्धन को मुसीबत में डाल सकते हैं. आपको बता दें कि इस सीट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में जाति​गत समीकरणों के बूते कांग्रेस के लालचंद कटारिया बीजेपी के राव राजेंद्र सिंह को 52,237 के अंतर से पटकनी दे चुके हैं.

हालांकि 2014 के चुनाव में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. सीपी जोशी को 3,32,896 के बड़े अंतर से हराकर यह सीट जीती थी, लेकिन बीते पांच साल में स्थानीय राजनीति पूरी तरह से बदल चुकी है. लोकसभा की जयपुर ग्रामीण सीट में विधानसभा की कोटपूतली, विराटनगर, शाहपुरा, फुलेरा, झोटवाड़ा, आमेर, जमवारामगढ़ और बानसूर सीटें आती हैं. साल 2014 में जब लोकसभा के चुनाव हुए थे तब इन आठ सीटों में से पांच पर बीजेपी का कब्जा था.

लेकिन चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में कोटपूतली, विराटनगर, झोटवाड़ा, जमवारामगढ़ और बानसूर पर कांग्रेस के खाते में गई जबकि शाहपुरा सीट से पार्टी के बागी जीते. सिर्फ फुलेरा और आमेर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की. विधानसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन कितना खराब रहा, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आठ में चार सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे. ऐसी ​स्थिति में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के लिए चुनाव जीतना कठिन चुनौती है.

सात साल में तीन गुना बढ़ी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की संपत्ति

Politalks News

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की संपत्ति सात साल में तीन गुना बढ़ गई है. गुजरात की गांधीनगर सीट से दाखिल नामांकन में शाह की ओर से दिए गए हलफनामे के अनुसार उनकी और उनकी पत्नी की चल-अचल संपत्ति 38.81 करोड़ रुपये है, जो 2012 में 11.79 करोड़ थी. यानी उनकी संपत्ति सात साल में 27.02 करोड़ रुपये बढ़ी है.

हलफनामे के मुताबिक अमित शाह को 23.45 करोड़ की संपत्ति अपने परिवार से विरासत में मिली है जबकि उनके और उनकी पत्नी के बचत खाते में 27.80 लाख रुपये जमा हैं. इसके अलावा दंपत्ति के पास 9.80 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट है. बीजेपी अध्यक्ष ने नामांकन के साथ इनकम टैक्स रिटर्न का जो ब्योरा दिया गया है उसके हिसाब से उनकी सालाना आय 2.84 करोड़ रुपये है.

आपको बता दें कि अमित शाह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने उन्हें गुजरात की गांधीनगर सीट उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ते रहे हैं. वे यहां से छह बार सांसद रहे हैं, लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें यहां से उम्मीदवार नहीं बनाया. उनकी जगह अमित शाह को मैदान में उतारा है.

अमित शाह ने शनिवार को गांधीनगर लोकसभा सीट से नामांकन भरा. इस दौरान उन्होंने रोड शो के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया. इसमें केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, शिरोमणि अकाली दल सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान जैसे बड़े नेता मौजूद रहे.

नामांकन भरने से पहले रोड शो में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘मुझे आज 1982 के दिन याद आ रहे हैं. जब मैं यहां के एक छोटे से बूथ का बूथ अध्यक्ष था. उन्होंने कहा कि गांधीनगर से लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी सांसद रहे. मेरा सौभाग्य है कि भाजपा मुझे यहीं से सांसद बनाने जा रही है. भाजपा एक विचारधारा की पार्टी है. दीनदयाल जी के अंत्योदय के सिद्धांत पर आगे बढ़ने वाली पार्टी है.’

Evden eve nakliyat şehirler arası nakliyat