राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 19 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी कांग्रेस बाकी बची छह सीटों पर मजबूत प्रत्याशियों की तलाश कर रही है. पार्टी को जिन सीटों पर सबसे ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ रही है, उनमें जयपुर ग्रामीण भी शामिल है. बीजेपी ने यहां से कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है. कांग्रेस अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि उनके सामने किसे उतारा जाए.
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के सामने बॉक्सर विजेंदर सिंह को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. पार्टी के दो बड़े नेताओं ने विजेंदर को जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. इनमें से एक नेता राजस्थान के हैं जबकि दूसरे हरियाणा के. हालांकि विजेंदर ने अभी तक चुनाव लड़ने के लिए हामी नहीं भरी है, लेकिन कांग्रेस नेताओं को उनकी ओर से ‘हां’ की उम्मीद है.
यदि विजेंदर सिंह को कांग्रेस का टिकट मिलता है तो जयपुर ग्रामीण सीट पर खेल जगत के दो दिग्गजों में रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. आपको बता दें कि 23 साल भारतीय सेना में तैनात रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने डबल ट्रैप शूटिंग में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 25 पदक जीते हैं. उन्होंने 2004 के एथेंस ओलंपिक में राठौड़ ने भारत को डबल ट्रैप शूटिंग में रजत पदक दिलाया.
जबकि हरियाणा के भिवानी में जन्मे विजेंदर सिंह 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कास्यं पदक जीत चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई गेम्स और प्रेसिडेंट कप में कई पदक जीते हैं. विजेंदर सिंह 2015 से प्रोफेशनल बॉक्सिंग में हाथ आजमा रहे हैं. उन्होंने अपनी पहली फाइट सोनि व्हिटिंग के खिलाफ लड़ी और धमाकेदार जीत दर्ज की. विजेंदर अब तक प्रोफेशनल बॉक्सिंग में 10 मुकाबले लड़ चुके हैं और सभी में उन्होंने जीत दर्ज की है.
विजेंदर सिंह कांग्रेस के टिकट पर जयपुर ग्रामीण से राजनीति की रिंग में उतरते हैं तो वे इस जाट बाहुल्य इस सीट पर कर्नल राज्यवर्धन को मुसीबत में डाल सकते हैं. आपको बता दें कि इस सीट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में जातिगत समीकरणों के बूते कांग्रेस के लालचंद कटारिया बीजेपी के राव राजेंद्र सिंह को 52,237 के अंतर से पटकनी दे चुके हैं.
हालांकि 2014 के चुनाव में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. सीपी जोशी को 3,32,896 के बड़े अंतर से हराकर यह सीट जीती थी, लेकिन बीते पांच साल में स्थानीय राजनीति पूरी तरह से बदल चुकी है. लोकसभा की जयपुर ग्रामीण सीट में विधानसभा की कोटपूतली, विराटनगर, शाहपुरा, फुलेरा, झोटवाड़ा, आमेर, जमवारामगढ़ और बानसूर सीटें आती हैं. साल 2014 में जब लोकसभा के चुनाव हुए थे तब इन आठ सीटों में से पांच पर बीजेपी का कब्जा था.
लेकिन चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में कोटपूतली, विराटनगर, झोटवाड़ा, जमवारामगढ़ और बानसूर पर कांग्रेस के खाते में गई जबकि शाहपुरा सीट से पार्टी के बागी जीते. सिर्फ फुलेरा और आमेर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की. विधानसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन कितना खराब रहा, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आठ में चार सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे. ऐसी स्थिति में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के लिए चुनाव जीतना कठिन चुनौती है.