पीएम नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के तहत अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर कटाक्ष किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में उन्हें जो सफलता मिली है, उनका मूल कारण जनभागीदारी है. मोदी ने कहा कि चौकीदार का मतलब सिर्फ टोपी पहनकर सीटी बजाना नहीं है. कांग्रेस के कुछ नेता अपनी बुद्धि की वजह से सिर्फ ऐसा ही सोचते हैं. अपने भाषण में मोदी ने विपक्ष पर 19 बड़े हमले किए:
- 2019 में जब मैं शपथ लूंगा तो वो शपथ अकेला मोदी नहीं लेने वाला है. 130 करोड़ हिंदुस्तानी लेने वाले हैं और सबसे बड़ी शपथ होती है कि हम अधिकार और कर्तव्य को संतुलित करेंगे. देश की जनता फिर से एक बार हमे देश की सेवा करने का मौका देने वाली है. मुझे खुशी है कि देश का युवा दूर का देखते हैं. हम राजनेता तो अभी 11 को क्या होगा या 21 को क्या होगा इसी में लगे पड़े हैं और आप शपथ के विषय में सोच रहे हैं.
- गत 5 वर्ष आवश्यकताओं को पूरा करने को मैंने प्राथमिकताएं दीं, लेकिन अगले 5 वर्ष में मेरा फोकस आकांक्षाओं को पूर्ण करने पर होगा. आने वाले दिनों में मेरा पहला काम होगा देश को लूटने वालों के प्रति और ज्यादा कड़क होना और देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के क्लब में ले जाना हैं.
- कुछ लोग ये मान कर बैठे हैं की ये देश, ये सरकार उनकी पैतृक संपत्ति है. इसलिए उनको ये हजम नहीं होता की एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया. चुनावी वादे देने वाले लोग आजकल रेवड़ियां बांट रहे हैं. पहली बार वोट देने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि वादे करने वालों का आप ट्रेक रिकॉर्ड देखिए, उनके टेप रिकॉर्डर को मत सुनिए.
- कांग्रेस के झूठ सीजनल होते हैं. सीजन के हिसाब से वो झूठ बोलते हैं, फिर मैदान में छोड़ते हैं और इनका ईको सिस्टम इसे उठाता है. उनके झूठ की उम्र भी ज्यादा नहीं, कुछ झूठ की तो ‘बालमौत’ हो जाती है, लेकिन फिर भी उसे खींचते रहते हैं. इस झूठ का जवाब आसान है. सिर्फ सच बताते चलिए. सच की ताकत इतनी होती है कि झूठ टिक नहीं पाएगा.
- जो झूठ बोलता है तो उसके लिए पहली शर्त होती है कि उसकी मेमोरी पावर तेज होनी चाहिए, लेकिन वो एक दिन एक आंकड़ा बोले, दिन अगले दिन दूसरा. उनकी झूठ की फैक्ट्री उन्हें पकड़ा देती है की इस झूठ को चलाइए, लेकिन मेमोरी पावर कम होने के कारण वो पकडे जाते हैं.
- अगर एक परिवार की चार पीढ़ी, एक ही विषय को बार-बार कह रही है, पर कर कुछ भी नहीं रही है, तो नई पीढ़ी को,नए वोटर को ये बात समझनी चाहिए. पीएम ने कहा कि कुछ लोगों को पता हैं की वो सत्ता में तो आने वाले नहीं हैं, इसलिए वो ये भी देंगे, वो भी देंगे जैसे बहुत सारे झूठे वादे कर रहे हैं.
- कांग्रेस और उनकी सरकार दोनों ने ही डीबीटी योजना लॉन्च की थी. लेकिन इसका मतलब अलग-अलग था. पीएम ने कहा कि हमारे डीबीटी का मतलब डायरेक्ट डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसपर है जबकि उनके डीबीटी का मतलब डायरेक्ट बिचौलिया ट्रांसफर है.
- ‘मिशन शक्ति’ के द्वारा हमारे देश के वैज्ञानिकों ने वो शक्ति हासिल की है, जो हमसे पहले दुनिया के केवल 3 देशों के पास थी. क्या हिंदुस्तान को इस बात के लिए इंतजार करना चाहिए था. जबकि हमारे वैज्ञानिकों के पास इसे प्राप्त करने की क्षमता है तो किसी को हिम्मत करके इस पर निर्णय करना ही था. हमारे एक बुद्धिमान नेता कहते हैं कि इसे सीक्रेट रखना चाहिए था. जब अमेरिका, चीन और रूस ने डंके कि चोट पर किया तो हम गुपचुप क्यों करें.
- हमें टैक्सपेयर्स का गौरव करना चाहिए. मेरे लिए टैक्सपेयर्स देश के गरीबों की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. और जो गलत कर रहा है वो किसी भी हालत में बचना नहीं चाहिए. जब हिंदुस्तान के सामान्य मानवी के मन में ये भावना जगती है कि देश कब विकसित होगा। तो इस सवाल के पृष्ठ में ही देश की प्रगति की भावना दिखाई देती है.
- जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें पाई-पाई लौटानी पड़ेगी. 2014 से सारी चीजें इकट्ठा करना और समेटने का काम मैं कर रहा हूं. आपकी मदद से जेल के दरवाजे तक तो मैं इन लोगों को ले गया, कुछ जमानत पर हैं और कुछ डेट मांग रहे हैं.
- कुछ लोग विदेश की अदालतों में कहते हैं कि भारत की जेलों की स्थिति अच्छी नहीं है. अब इनको कोई महल में थोड़ी रखेगा. अंग्रेजों ने गांधी जी को जिस जेल में रखा था, मैं उनको उससे अच्छी जेल नहीं दे सकता.
- दुनिया का कोई नेता जब मुझसे हाथ मिलाता है या गले लगता है (गले पड़ता नहीं है), तो उसे मोदी नहीं दिखता, पूर्ण बहुमत वाली सरकार के माध्यम से सवा सौ करोड़ देशवासी उसे दिखते हैं, तब जाकर बराबरी वाली बात होती है.
- मुझ जैसे राष्ट्रीय राजनीति में अनजान व्यक्ति को देश की जनता ने 30 साल बाद पूर्ण बहुमत दिया. हमारे देश के राजनीतिक दलों को भी नहीं पता है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होती है. आज दुनिया में जो हिंदुस्तान की बात सुनी जाती है उसका कारण मोदी नहीं पूर्ण बहुमत की सरकार है.
- अगर मोदी अपने राजनीतिक भविष्य का सोचता, तो वो मोदी नहीं होता. अगर यही राजनीतिक पैंतरेबाजी से देश चलाना होता, अपने राजनीतिक हित को लेकर फैसले करने होते, तो मोदी की देश को कोई जरूरत नहीं थी.
- जहां तक निर्णय का सवाल आता है तो आपने इस देश में बहुत सारे प्रधानमंत्री देखें हैं या उनके विषय में सुना है. 2014 में भी कईं लोग उस कतार में थे. आज लाइन थोड़ी लंबी हो गयी है.
- बालाकोट मैंने नहीं किया, देश के जवानों ने किया है, हमारे सुरक्षा बलों ने किया है. इसलिए हम सबकी तरफ से उन्हें सैल्यूट. पाकिस्तान को लगता होगा की मोदी चुनाव में बिजी होगा तो शायद कुछ करेगा नहीं. मेरे लिए चुनाव प्राथमिकता नहीं है, देश प्राथमिकता है.
- हमने बहुत सारा समय भारत पाकिस्तान करने में ही गुजार दिया. अरे वो अपनी मौत मरेगा उसे छोड़ दो, हमे आगे बढ़ना है बस इसी पर हमारा ध्यान रहना चाहिए.
- चौकीदार न कोई व्यवस्था है, न कोई यूनिफॉर्म की पहचान है न कोई चौखट में बंधा है. चौकीदार एक स्प्रिट है, एक भावना है. देश की जनता को राजा-महाराजा की जरूरत नहीं है. देश की जनता को हुकुमदारों की जरूरत नहीं है. देश की जनता चौकीदार को पसंद करती है.
- 2014 में भाजपा ने मुझे दायित्व दिया उसके बाद मुझे देश के कौने कौने में जाने की नौबत आयी. तब मैंने देश के लोगों से कहा थी कि आप दिल्ली का दायित्व जो मुझे दे रहे हैं उसका मतलब है कि आप एक चौकीदार बैठा रहे हैं. मैंने तब कहा था कि मेरी ये कोशिश रहेगी कि मैं जनता के पैसे पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा। एक चौकीदार के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा.