Politalks.News/Kashmir/Mehbooba Mufti. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका लगा है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के तीन बड़े नेताओं ने गुरुवार को एक साथ पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दिया है. बताया जा रहा है कि तीनों नेताओं के इस्तीफे की वजह गुपकार गठबंधन को लेकर नाराजगी रही जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ने का फैसला लिया. पीडीपी को उसके तीन नेताओं के एक साथ जाने से झटका लगा है. तीनों नेताओं ने पीडीपी को फारूख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस की टीम बी बताया है.
महबूबा की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से धमन भसीन, फलैल सिंह और प्रीतम कोटवाल ने गुरुवार को इस्तीफा दिया है. पार्टी से इस्तीफा देते वक्त उन्होंने पार्टी के आलाकमान के लिए एक पत्र भी छोड़ा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पत्र में लिखा है, ‘रहस्यमयी, सांप्रदायिक तत्वों ने पार्टी को हाइजैक कर लिया है ऐसे में हमारे पास पार्टी को छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.’
पत्र में संयुक्त रूप से कहा गया है, ‘हमने अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर लगाते हुए पीडीपी की स्थापना के पहले दिन भ्रष्ट और वंशवादी नेशनल कॉन्फ्रेंस का अल्टरनेटिव सेक्युलर विकल्प देने उद्देश्य से पार्टी ज्वाइन किया. दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद का भी यह विजन था. मगर मुफ्ती साहब के एजेंडे को त्याग दिया गया और पीडीपी नेशनल कॉन्फ्रेंस की बी टीम बन गई है.’
बता दें, कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और बीजेपी के बीच गुपकार गठबंधन को लेकर वार-पलटवार चल रहा है. हाल में महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब तो गठबंधन में चुनाव लड़ना भी ऐंटी नेशनल हो गया है. उनका इशारा गुपकार गठबंधन की ओर था. महबूबा का ये बयान अमित शाह के उस वार के पलटवार में आया था जब गृहमंत्री अमित शाह ने गुपकार को गैंग बताते हुए कहा था कि गैंग के लोग जम्मू-कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं. अमित शाह ने ये भी कह कि कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाना चाहते हैं.
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इसके जवाब में महबूबा ने कहा कि अमित शाह और बीजेपी को निशाना बनाते हुए कहा कि खुद को मसीहा और राजनीतिक विरोधियों को आतंरिक और काल्पनित दुश्मन बताना काफी पुराना हो गया है. पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी तो खुद दिन-रात संविधान का माखौल बनाती है. बीजेपी चाहे तो सत्ता की भूख के लिए कितने ही गठबंधन कर ले लेकिन हम यूनाइटेड फ्रंट बना लें तो पता नहीं कैसे देशहित को नुकसान हो रहा है.
गौरतलब है कि इससे पहले 15 नवंबर को पीडीपी के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में सीट बंटवारे में असहमति को लेकर इस्तीफा दिया था. पार्टी सूत्रों ने कहा कि बेग ने पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती को पार्टी छोड़ने के फैसले के बारे में पहले से ही बता दिया था. बेग 1998 में पीडीपी की स्थापना के वक्त से पार्टी से जुड़े हुए थे. बेग भी पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) द्वारा सीट बंटवारे, खासकर उत्तर कश्मीर में सीट बंटवारे को लेकर नाराज थे.