Politalks.News/Jammukashmir. कांग्रेस की परेशानियां हैं कि कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में घमासान चरम पर है तो अन्य राज्यों में भी हालात एक जैसे ही बने हुए हैं. राज्यों में उठापटक का सामना कर रही कांग्रेस को अब जम्मू कश्मीर में बड़ा झटका लगा है. प्रदेश कांग्रेस के 4 पूर्व मंत्रियों और तीन मौजूदा विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सामूहिक इस्तीफा भेजा है. इन नेताओं ने यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है कि राज्य में पार्टी की स्थिति खराब है और उस पर बात करने के लिए लीडरशिप की ओर से समय नहीं दिया जा रहा है. वहीं कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिन विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है, वे जी-23 में शामिल नेता गुलाम नबी आजाद के करीबी हैं. आजाद कई बार कांग्रेस में अध्यक्ष के चुनाव और अन्य सुधार के लिए आवाज उठाते रहे हैं. बागी नेताओं के इस्तीफे को प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने के तौर पर देखा जा रहा है. अब सभी की निगाहें कांग्रेस आलाकमान पर टिक गई हैं.
आजाद के करीबी नेताओं ने दिए सामूहिक इस्तीफे
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलामनबी आजाद के करीबी कई नेताओं ने पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों ने पॉलिटॉक्स को बताया है कि पूर्व विधायकों और जीएम सरूरी, विकार रसूल वानी, जुगल किशोर शर्मा, मनोहर लाल शर्मा, नरेश गुप्ता, गुलाम नबी मोंगा, सुभाष गुप्ता, अमीन भट और अनवर भट नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एआईसीसी जम्मू-कश्मीर प्रभारी रजनी पाटिल को अपना इस्तीफा दे दिया है.
यह भी पढ़ें- बहुत देर कर दी मेहरबां… देर से सही दुरस्त आए.. ऊंट के मुंह में जीरा, वैट को लेकर गहलोत सरकार पर BJP के तंज
‘लीडरशिप पर अनदेखी का आरोप’
बागी नेताओं ने पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में लीडरशिप पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. इस्तीफा देने वाले नेताओं ने जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर पर निशाना साधा है. गुलाम अहमद मीर पर सीधा निशाना साधते हुए नेताओं ने कहा कि, ‘उनकी वजह से ही जम्मू-कश्मीर में आज पार्टी की हालत खराब है‘. बागी नेताओं ने कहा,’मीर के कमजोर नेतृत्व के चलते अब तक जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के 200 नेता पार्टी से पलायन कर चुके हैं’. इन नेताओं ने कहा कि, ‘पार्टी पुराने नेताओं की अनदेखी कर रही है’
यह भी पढ़ें: शिक्षकों ने खोली पोल तो गहलोत सरकार पर बिफरी भाजपा- न गांव न शहरों के संग, प्रशासन रिश्तेदारों संग
जीए मीर को हटाने के लिए बनाया जा रहा है दबाव- सूत्र
इस पूरे घटनाक्रम को गुलाम अहमद मीर को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने के लिए बनाई गई दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. सूत्रों ने संकेत दिया है कि कई नेता नाखुश हैं, उनका कहना है कि मीर उनके बेटे के जिला विकास परिषद चुनाव हारने के बावजूद उन्हें पद पर रहने की अनुमति दी गई है. इन नेताओं का कहना है कि, ‘हम 7 साल से नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे हैं. यह अलग बात है कि पार्टी के शीर्ष ऐसा नहीं कर रहे हैं’