Wednesday, January 15, 2025
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हरियाणा: शैलजा के हाथों में कांग्रेस की कमान, हुड्डा होंगे विधायक दल के नेता!

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2014 लोकसभा चुनाव के बाद बड़ी उम्मीदों के साथ प्रदेश कांग्रेस की कमान युवा नेता अशोक तंवर को सौंपी थी. लेकिन पांच साल में तंवर पार्टी को चरम पर ले जाने के बजाय गारत में ले गए. राहुल का वरदहस्त होने के बावजूद भी तंवर पांच साल में अपने पक्ष में एक भी विधायक को लाने में सफल न हो पाए. विधायक समय-समय पर उनको हटाने की मांग करते रहे लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी रही कि पार्टी आलाकमान उनको चाहकर भी नहीं हटा पाया. लेकिन अब लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी प्रदेश नेतृत्व में बदलाव करने का मन बना चुकी है.

कांग्रेस को प्रदेश में पुनः खड़ा करने के लिए प्रियंका गांधी ने ‘मिशन हरियाणा’ के नाम से प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत सबसे पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से तंवर की छुट्टी की जाएगी. उनके स्थान पर अंबाला की पूर्व सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को अध्यक्ष बनाया जा रहा है.

शैलजा इससे पूर्व भी पार्टी के भीतर कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुकी हैं. अभी हाल में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार चयन करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी का चैयरमेन बनाया गया था. तंवर की जगह शैलजा का चुनाव इसलिए किया जा रहा है ताकि इससे प्रदेश का दलित वोटर उनसे नाराज ना हो.

पार्टी का प्रदेश में फोकस दलितों के साथ जाट समुदाय की तरफ भी है और तंवर दलित समुदाय से आते हैं. अगर तंवर को हटाकर किसी अन्य को अध्यक्ष बनाया तो विपक्षी पार्टियां कांग्रेस पर दलित के अपमान का आरोप लगाएगी. इससे बचने के लिए पार्टी शैलजा को अध्यक्ष बनाने जा रही है.

वहीं पार्टी पांच साल से किसी बड़े पद की बांट जोह रहे भूपेंद्र हुड्डा को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है. उन्हें अब पार्टी विधायक दल का नेता बनाया जाएगा. वैसे भी अभय चौटाला ने विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है और उनकी हैसियत मुख्य विपक्षी दल रहने की बची नहीं है. अब इस पद पर सबसे मजबूत दावेदारी कांग्रेस की है. कांग्रेस के विधानसभा में 17 विधायक है तो संभव है भूपेन्द्र हुड्डा विधानसभा के आखिरी सत्र में विपक्ष के नेता के रुप में नजर आएं.

हुड्डा लंबे समय से पार्टी आलाकमान से अशोक तंवर को हटाकर स्वयं को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे लेकिन पार्टी दलित वोट के चलते उन्हें हटाने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी. जब हुड्डा ने शैलजा के नाम पर हामी भरी तो पार्टी ने तंवर को हटाने का फैसला कर लिया.

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