बीजेपी के दो वरिष्ठ नेता बीबी हरिचंदन और अनुसुइया उइके क्रमशः आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं. 85 वर्षीय राजपूत बीबी हरिचंदन का नाम विश्व भूषण हरिचंदन है. उन्होंने 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल होने के बाद राजनीति शुरू की थी. इसके बाद उन्होंने ओडिशा में पार्टी अध्यक्ष पद संभाला था. वह पांच वर्ष चिलका और भुवनेश्वर से ओडिशा विधानसभा सदस्य रहे. आपातकाल के दौरान 1975 में वह मीसा (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत जेल भेजे गए थे.
आपातकाल के बाद वह जनता पार्टी के सदस्य बने और 1977-79 में नीलमणि राउतराय की सरकार में मंत्री रहे. इसके बाद 1980 में वह ओडिशा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने और इस पद पर 1988 तक रहे. 1988 में हरिचंदन जनता पार्टी में शामिल हुए और 1990-93 में बीजू पटनायक की सरकार में मंत्री रहे. 1996 में हरिचंदन भाजपा में लौटे और 2000 से 2009 तक ओडिशा की नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री रहे.
इस दौरान उन्होंने उद्योग मंत्री रहते हुए ओडिशा में कोरियाई इस्पात कंपनी पॉस्को के निवेश का विरोध किया था. हरिचंदन लेखक भी हैं. हाल ही उन्होंने अपनी आत्मकथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट की थी.
62 वर्षीय आदिवासी नेता अनुसुइया उइके छत्तीसगढ़ में राज्यपाल पद संभालेंगी. वह अप्रैल 2006 से 2012 तक मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहीं. अनुसुइया उइके छत्तीसगढ़ से भलीभांति परिचित हैं, क्योंकि अविभाजित मध्य प्रदेश में सक्रिय राजनीति करते हुए उनका जीवन गुजरा है.
छत्तीसगढ़ राज्यपाल का पद संभालने में उनका पुराना अनुभव काम आएगा. फिलहाल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं. राज्यसभा में अनुसुइया उइके सांसद के रूप में काफी सक्रिय रही थीं. अनुसुइया उइके मप्र में छिंदवाड़ा जिले की हैं और छिंदवाड़ा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए कमलनाथ की तारीफ कर चुकी हैं, जो फिलहाल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.
आंध्र प्रदेश में हरिचंदन ईएसएल नरसिंहन की जगह पदभार संभालेंगे. नरसिंहन लंबे समय तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे हैं. उनकी नियुक्ति यूपीए सरकार के दौरान हुई थी. छत्तीसगढ़ में अनुसुइया उइके आनंदी बने पटेल की जगह पदभार संभालेंगी, जो कि फिलहाल मध्य प्रदेश की राज्यपाल हैं और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का अतिरिक्त पदभार संभाल रही हैं.