राजस्थान विधानसभा: धारीवाल और राठौड़ से भिड़े स्पीकर जोशी, पिछली सरकार पर भड़के गहलोत

राजस्थान विधानसभा का सत्र जारी है. जमकर राजनीति चल रही है. मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछली बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे. अफसरों पर कार्रवाई को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल में बहस हो गई. सीपी जोशी की नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के साथ भी नोकझोंक हुई, जिसके कारण नारेबाजी के साथ हंगामा हुआ. बीजेपी सदस्यों ने वाकआउट किया.

मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट पर बहस का जवाब देते हुए आरोप लगाया कि रिसर्जेंट राजस्थान और एग्रोटेक के नाम पर पिछली सरकार ने करोड़ों रुपए लुटाए. कोई हिसाब नहीं. इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अफसरों की विदेश यात्राओं के लिए एजेंसी हायर की गई, गजब का रास्ता निकाला. उन्होंने बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार से लेकर लोकसभा चुनाव में हार तक का अपने अंदाज में जवाब दिया.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष विधानसभा की बजाय लोकसभा चुनाव की बात कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में उन्हें जनता ने विपक्ष में बैठाया है. यह तभी तय हो गया था, जब झुंझुनूं में नारे लगे थे – मोदी तुझसे वैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं. जानता हूं, लोकसभा चुनाव के बाद आप लोग घमंड में हैं, लेकिन जैसे आए हैं, वैसे ही जाएंगे.

गहलोत के संबोधन से पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बहस में भाग लेते हुए तंज कसा कि बजट भाषण में जोधपुर का बार-बार जिक्र हुआ, जबकि गहलोत जोधपुर के नहीं, पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. मेवाड़ को इस बजट में ज्यादा कुछ नहीं दिया गया. मेवाड़ से बीजेपी के 15 और कांग्रेस के 10 विधायक हैं, लेकिन बजट में इस क्षेत्र की उपेक्षा हुई है. आपने मेवाड़ के साथ घोर अन्याय किया है.

विधानसभा का प्रश्नकाल नोकझोंक और हंगामे के बीच गुजर गया. स्पीकर डॉ. सीपी जोशी और सदन के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. जोशी ने राठौड़ के एक सवाल को अप्रासंगिक बताया और उन्हें सवाल करने से रोक दिया. इस पर बीजेपी विधायकों की नारेबाजी शुरू हो गई. दस मिनट तक हंगामा हुआ, उसके बाद बीजेपी के सदस्य सदन से बाहर चले गए. हंगामे के कारण प्रश्नकाल में 10 प्रश्न स्थगित करने पड़े.

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने खातेदारी जमीन पर बजरी खनन से जुड़ा सवाल पूछा था. मंत्री के जवाब के बाद राठौड़ का पूरक प्रश्न था कि अक्टूबर 2012 से मार्च-अप्रैल 2013 तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार में बड़ी लीजों की नीलामी हुई थी, इसमें कितने रुपए की रिजर्व प्राइस रखी गई थी? मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि आपने जो जानकारी मांगी है वह बहुत लंबी है इसलिए मैं आपको उपलब्ध करवा दूंगा. लेकिन राठौड़ ने कहा, खुली नीलामी कब हुई, इसकी तारीख ही बता दीजिए. कोई जवाब नहीं मिलने पर राठौड़ ने कहा कि यही हाल रहा तो हम प्रश्न पूछना ही बंद कर देंगे. जोशी ने इसके बाद अगले प्रश्न के पुकार लगा दी. इससे राठौड़ सहित अन्य बीजेपी सदस्य भड़क गए.

जोशी ने राठौड़ से कहा, आप इरिलेवेंट सवाल नहीं करें. आपने जो प्रश्न दिया है इसमें खुली नीलामी कहां से आ गई? राठौड़ ने कहा, मैं यह तो पूछ ही सकता हूं कि खुली नीलामी कब हुई थी. यह नीति से जुड़ा प्रश्न नहीं है. जोशी के अनुमति नहीं देने से बीजेपी सदस्य भड़क गए और नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए फिर उन्होंने प्रश्नकाल का बहिष्कार कर दिया.

शून्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष जोशी और शहरी विकास एवं आवास मंत्री शांति धारीवाल में वार्ड पार्षद चुनाव में धांधली के मुद्दे पर बहस हो गई. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने आबू रोड नगर पालिका के वार्ड 13 के उपचुनाव में धांधली का मुद्दा उठाया था. उनका आरोप था कि इस उपचुनाव में रिटर्निंग अधिकारी ने गलत परिसीमन किया और दूसरे वार्ड के मतदाताओं को इस वार्ड से जोड़ दिया. इस पर जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा कि मामले में एडीएम से जांच करवाई गई थी. इसमें गड़बड़ी तो पाई गई है. लेकिन कार्रवाई के प्रस्ताव के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मंगवाई है, जो अब तक सरकार को नहीं मिली है.

जोशी ने कहा, इस पर मैं आपसे सहमत नहीं हूं. यदि अफसर गड़बड़ी करता है और उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो क्या मैसेज जाएगा? मैं आपको डायरेक्शन देता हूं कि जिम्मेदार अफसर को आज ही सस्पेंड कीजिए. इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने धारीवाल से पूछा कि अब तो अध्यक्ष ने रूलिंग दे दी है, उसको मानोगे या नहीं? इस पर अध्यक्ष ने कहा, मेरी रूलिंग मानने का काम सदन के बाहर है…. नहीं मानेंगे तो मैं बात करूंगा.

 

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