Politalks.News/WestBengalElection आगामी अप्रेल-मई के महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच तल्खी इस कदर बढ़ गई है कि अब किसी सरकारी कार्यक्रम तक में दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता एक दूसरे को बेइज्जत करने से नहीं चूक रहे. बात को आगे बढाने से पहले बता दें, आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है. जयंती के मौके पर केंद्र सरकार की और से कोलकाता में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल जगदीप धनकड़, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक साथ शिरकत की. लेकिन इसी कार्यक्रम में एक समय ऐसा आया जब ममता बनर्जी का तिलमिलाया हुआ रूप सामने आया.
दरअसल हुआ कुछ यूं कि कार्यक्रम में जब ममता बनर्जी को सम्बोधन के लिए आमंत्रित किया गया, तो वहां अचानक से जय श्री राम के नारे गूंजने लगे. इसी बीच ममता मंच पर आई और उन्होंने बमुश्किल एक मिनट का भाषण दिया और मंच पर पीएम के बगल में जाकर बैठ गईं. अपने एक मिनट के भाषण में ममता का गुस्सा साफ़ नजर आ रहा था, ममता बनर्जी ने कहा कि, “मुझे लगता है कि गवर्मेंट के प्रोग्राम की कोई गरिमा होनी चाहिए, किसी को निमंत्रित करके उसका अपमान करना आपको शोभा नहीं देता, मैं इसके आगे कुछ नहीं कहना चाहती.”
आपको बता दें, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक कार्यक्रम में शिरकत करने शनिवार को पश्चिम बंगाल पहुँचे. इस दौरान पीएम मोदी ने विक्टोरिया मेमोरियल में ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ मंच साझा किया. नेताजी की जयंती को केंद्र सरकार ने ‘पराक्रम दिवस‘ के रूप में मनाया तो वहीं ममता बनर्जी भी इस दिन को ‘देशनायक दिवस‘ के रूप में मना रही हैं.
पीएम मोदी ने विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में ‘पराक्रम दिवस’ समारोह के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की. इन दौरान पीएम मोदी ने विक्टोरिया मेमोरियल में दो नए गैलरी का उद्धघाटन भी किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुखातिब होते नजर नहीं आए. तो वहीं इसी कार्यक्रम के दौरान हुई नारेबाजी के बाद ममता बनर्जी अपने चिर परिचित अंदाज में नजर आई और ममता ने गुस्सा दिखाते हुए कार्यक्रम को संबोधित करने से इंकार कर दिया.
अपने एक मिनट के भाषण में ममता बनर्जी ने तल्ख़ अंदाज में पीएम मोदी का आभार भी जताया और इशारों इशारों में बीजेपी पर निशाना भी साधा. सीएम में कहा कि, “मैं तो प्रधानमंत्री जी की आभारी हूँ, कल्चरल मिनिस्ट्री की आभारी हूँ कि आप लोगों ने कोलकाता में ये प्रोग्राम बनाया लेकिन किसी को आमंत्रित करके उसका अपमान करना आपको शोभा नहीं देता, मैं इस पर विरोध जताते हुए यहां नहीं बोलूंगी, जय हिन्द-जय बांग्ला.” अपने इस भाषण के बाद ममता ने भाषण देने से इनकार करते हुए अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गईं.
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच दिखी ये तल्खी कोई पहली बार नहीं है. इससे पहले भी की कई मौकों पर दोनों के बीच की नाराजगी जगजाहिर हो चुकी है. कई बार ममता बनर्जी केंद्र की नीतियों का खुला विरोध जता चुकी हैं. इससे पहले भी जय श्रीराम नारे को लेकर ममता बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के कई नेता अपना विरोध जता चुके हैं. टीएमसी यहां तक कह चुकी है कि पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम की नारेबाजी नहीं चलेगी. यही कारण था कि पहले से पीएम मोदी की अनदेखी से तिलमिलाई दीदी के सामने जैसे ही जय श्री राम के नारे लगे तो ममता बनर्जी भड़क गई.
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा. क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है. देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है.
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पीएम मोदी ने कहा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे. हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है. इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा.
गौरतलब है कि अगले कुछ महीनों के भीतर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे समय में जब केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया तो ममता बनर्जी ने इसे चुनावी फायदा उठाने की कोशिश करार दिया. ममता बनर्जी का आरोप है कि पराक्रम दिवस को लेकर पीएम मोदी ने उनसे कोई सलाह मशविरा नहीं लिया. इस बात को भी लेकर ममता अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं.