लोकसभा चुनाव के समर में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बयानबाजी के दंगल में दोनों राजनीतिक दलों के अलावा अन्य पार्टियों के शीर्ष नेता भी कूद पड़े हैं. इसी क्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता व वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है. नागरिकता मामले के बाद अब बीजेपी ने राहुल को बैकॉप्स कंपनी में उनकी हिस्सेदारी और मालिकाना हक को लेकर घेरने की कोशिश की है.
बीजेपी मुख्यालय दिल्ली में प्रेसवार्ता के दौरान वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राहुल गांधी पर जमकर वार किए. इस दौरान जेटली ने राहुल को सही मुद्दे पर चुप रहने वाला बताया और कहा कि चुप रहने का अधिकार किसी क्रिमिनल केस में मुलजिम को होता है, राजनीतिक नेताओं को ये अधिकार उपलब्ध नहीं है. साथ ही जेटली ने राहुल पर कड़ा वार करते हुए कहा कि जो रक्षा सौदागर बनने की ख्वाहिश रखता था, वो आज भारत का प्रधानमंत्री बनने की चाह रखते हैं. इस दौरान जेटली ने राहुल पर रक्षा सौदे में दलाली करने वाली कंपनी के हिस्सेदार रहने की बात कही और इस कंपनी में उनके 65 प्रतिशत शेयर भी बताए.
Sharing my presser exposing defence deals of Rahul Gandhi, May 4, 2019 https://t.co/KTkOqD5Lm3
— Arun Jaitley (@arunjaitley) May 4, 2019
वित्त मंत्री जेटली ने राहुल व प्रियंका गांधी को बैकॉप्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को लेकर घेरा. दोनों को निशाना बनाते हुए कहा कि भारत में 28 मई 2002 को बनी बैकऑप्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी डायरेक्टर हैं. जेटली ने आगे बताया कि इसी नाम से ब्रिटेन में 21 अगस्त 2003 को एक कंपनी बनाई जाती है लेकिन उसके डायरेक्टर राहुल गांधी व एक अमेरिकी नागरिक हैं. ये कंपनी भारत में केवल काम के बदले पैसा बनाने के उद्देश्य से ही खड़ी की गई थी.
जेटली ने कंपनी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रेसवार्ता में शेयर करते हुए बताया कि इस कंपनी की कोई मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट नहीं है. ये कंपनी एक तरह से लाइजनिंग करने के मूल उद्देश्य से ही बनाई गई है. उन्होंने चुटकी ली कि जैसे हम प्रभाव से आपका काम कराएंगे और बदले में पैसा लेंगे. यही इस बैकॉप्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का एकमात्र उद्देश्य था.
प्रेसवार्ता में अरुण जेटली ने बताया कि भारतीय कंपनी में एक पूर्व विंग कमांडर मट्टू थे. लंदन में कंपनी के दोनों डायरेक्टर का एड्रेस एक था. कंपनी के एड्रेस के इस घर का साल 2003 में मालिक अजिताभ बच्चन और उनकी पत्नी रोमाला बच्चन थे. साल 2009 में राहुल गांधी के इस ब्रिटिश कंपनी से बाहर निकलने के बाद 2010 में भारतीय कंपनी भी काम बंद कर देती है लेकिन अमेरिकी नागरिक अपना काम अन्य कंपनियों के नाम से जारी रखते हैं.
बता दें कि वित्त मंत्री अरूण जेटली से पीएम नरेंद्र मोदी व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी रक्षा सौदे मामले पर निशाने पर ले चुके हैं. पीएम मोदी ने राजीव गांधी के बहाने राहुल को निशाना बनाते हुए कहा कि आपके पिताजी को आपके राज दरबारियों ने ‘मिस्टर क्लीन’ बना दिया था, लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया. नामदार यह अहंकार आपको खा जाएगा. ये देश गलतियां माफ करता है, मगर धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता.
With Rahul Gandhi’s Midas Touch, no deal is too much!
When he has a say, his business partners make hay. Doesn’t matter if India suffers on the way!#StealLikeRagahttps://t.co/rb9H6QOVwx
— Amit Shah (@AmitShah) May 4, 2019
वहीं अमित शाह भी राहुल को पर रक्षा सौदे मामले में टिप्पणी करने से नहीं चूके थे. शाह ने राहुल पर तंज कसते हुए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि राहुल गांधी के ‘मिडास टच’ के साथ कोई भी सौदा बहुत ज्यादा नहीं है. जब वह सत्ता में थे, उनके कारोबारी साझेदार फायदा उठा रहे थे. इससे फर्क नहीं पड़ता कि भारत को इसका परिणाम भुगतना पड़े. इस तरह बीजेपी राहुल गांधी को रक्षा मुद्दे पर हर तरह से घेरती नजर आ रही है.